हरियाणा पुलिस सिपाही व कमांडो भर्ती फर्जीवाडे में कई नए खुलासे

बीएससी पास चपरासी व बीए पास बेलदार देते हैं दूसरे की परीक्षा

भारत सारथी

भिवानी । हरियाणा पुलिस और कमांडो भर्ती फर्जीवाड़े में नए-नए खुलासे हो रहे हैं। बिचौलियों के माध्यम से सरगना प्रत्येक अभ्यर्थी से 15 से 20 लाख रुपये में सौदा करते थे। इस मामले में भिवानी पुलिस 27 दिन में दोनों मामलों में 22 आरोपियों को गिरफ्तार कर चुकी है। भिवानी पुलिस ने हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग से भी रिकॉर्ड मांगा है।

इसके बाद भर्ती फर्जीवाड़े में कई तथ्य और भी उजागर होंगे। दिल्ली पुलिस का कांस्टेबल हरियाणा पुलिस कमांडो भर्ती की परीक्षा में तीन से चार अभ्यर्थियों की जगह खुद बैठकर परीक्षा दे चुका था। दो से तीन लोगों से नौकरी लगवाने के लिए सौदेबाजी हो रही थी। कमांडो भर्ती फर्जीवाड़े का सरगना एक सरकारी स्कूल का चपरासी निकला।

इतना ही नहीं हरियाणा में पुरुष सिपाही भर्ती के भर्ती फर्जीवाड़े में चौंकाने वाली बात तो यह भी है कि हरियाणा क्राइम ब्रांच का क्लर्क भी शामिल था। दोनों ही भर्ती फर्जीवाड़े में तीन डी ग्रुप यानी चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारियों की भूमिका को भी उजागर कर उन्हें काबू कर लिया है।

भिवानी सदर थाना पुलिस ने 21 जनवरी को हरियाणा पुलिस कमांडो भर्ती में फर्जी परीक्षार्थियों को असल परीक्षार्थी की जगह बैठाकर परीक्षा पास कराने और उनके जाली दस्तावेज तैयार कराने वाले गिरोह सक्रिय होने पर एफआईआर दर्ज की थी। इसकी जांच भिवानी सीआईए द्वितीय के इंचार्ज नरेंद्र कुमार को सौंपी गई।

सीआईए ने इस प्रकरण में 11 आरोपियों की गिरफ्तारी की। जिसमें खरंटी जींद निवासी विवेक और कमल सिंह मुख्य सूत्रधार निकले। ये दोनों दूसरे की जगह खुद बैठकर परीक्षा थी देते थे और लोगों से नौकरी के नाम पर सौदेबाजी भी खुद ही करते थे। उनके झांसे में कई उम्मीदवार भी आ गए। आरोपी जींद के डालमवाला निवासी राममेहर दिल्ली पुलिस में कांस्टेबल लगा हुआ है।

वह दूसरों की जगह खुद परीक्षा देता था और सौदेबाजी भी करता था। पूछताछ में उसने तीन से चार परीक्षार्थियों की जगह परीक्षा देना कुबूला है, जबकि दो से तीन लोगों से परीक्षा पास कराने की सौदेबाजी भी चल रही थी। आरोपी जींद के खरंटी निवासी विवेक जींद के एक सरकारी स्कूल में बतौर चपरासी लगा है। वह बीएससी डिग्रीधारी है। वह खुद ही पैसे लेता था और परीक्षार्थी की जगह परीक्षा देता था।

उसके साथ पानीपत सिंचाई विभाग में लगा बेलदार खरंटी जींद निवासी कलम सिंह सूत्रधार का साझेदार था। विवेक ग्रेजुएट है। यह परीक्षार्थी की जगह परीक्षा देता और सौदेबाजी भी करता था। बता दें कि दोनों परीक्षाओं के परिणाम अभी घोषित नहीं किए गए हैं।

इनकी भी उजागर हुई भूमिका
कमांडो भर्ती में गिरफ्तार जूई खुर्द निवासी अनिल परीक्षार्थी है। आरोपी समरगोपालपुर रोहतक निवासी विष्णु नकली परीक्षार्थी है। जुलाना जींद निवासी अमित परीक्षार्थी है। गतौजी निवासी योगेश, ब्रह्माखुर्द जींद निवासी अजय, खरंटी जींद निवासी अनिल, लजवाना जींद निवासी राहुल और जुलाना निवासी सुरेंद्र भी परीक्षार्थी है।

क्राइम ब्रांच का क्लर्क नवनीत कराता था सौदेबाजी, चपरासी विवेक मुख्य सूत्रधार
हरियाणा पुरुष सिपाही भर्ती फर्जीवाड़े में चरखी दादरी के गांव बेरला निवासी नवनीत हरियाणा क्राइम ब्रांच में क्लर्क लगा हुआ है। वह पोस्ट ग्रेजुएट है। वह परीक्षार्थियों से परीक्षा पास कराने की सौदेबाजी करता था। जींद के खरंटी निवासी विवेक किला जफरगढ़ जुलाना जींद के सरकारी स्कूल में चपरासी लगा हुआ है, जो बिचौलियों के माध्यम से परीक्षार्थियों से परीक्षा पास की सौदेबाजी करता था।

पुलिस के शिकंजे में आ चुके ये आरोपी
हरियाणा पुलिस सिपाही भर्ती में टिटानी निवासी अरुण फर्जी परीक्षार्थी है। बेरला निवासी बिजेंद्र सौदेबाज व फर्जी परीक्षार्थी है। आरोपी संदीप परीक्षार्थी है। समरगोपालपुर रोहतक निवासी विष्णु फर्जी परीक्षार्थी है। आरोपी बलंबा महम निवासी कृष्ण दस्तावेजों की मिक्सिंग करता था। दगडौली निवासी नवीन सौदेबाजी करता था। महेंद्रगढ़ के सतनाली निवासी भूपेंद्र मुख्य सूत्रधार का साझेदार है। डोहकी निवासी सन्नी और सिंधनवा निवासी सतपाल बायोमैट्रिक व जाली दस्तावेज तैयार करता था।
पुरुष सिपाही भर्ती फर्जीवाड़े में अब तक मुख्य सूत्रधार के साथ 11 आरोपी गिरफ्तार हो चुके हैं। इसमें एक क्राइम ब्रांच का क्लर्क और सरकारी स्कूल का चपरासी भी काबू किया है। पुलिस ने हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग से भी रिकॉर्ड मांगा है। पुलिस की जांच अभी चल रही है, कई अन्य लोगों की संलिप्तता भी उजागर हुई है, उन्हें भी काबू किया जा रहा है। – रवींद्र कुमार, एसएचओ सिटी पुलिस थाना भिवानी।

कमांडो भर्ती फर्जीवाड़े में मुख्य सूत्रधार व सौदेबाज के अलावा फर्जी परीक्षार्थी समेत 11 आरोपी गिरफ्तार किए जा चुके हैं। इसमें एक दिल्ली पुलिस का कांस्टेबल और दो डी ग्रुप के कर्मचारी शामिल हैं। पुलिस इस प्रकरण में शामिल लोगों की भूमिका को भी खंगाल रही है, जबकि इस प्रकरण में अभी और भी गिरफ्तारियां होनी बाकी हैं। जिसके प्रयास किए जा रहे हैं। – नरेंद्र कुमार, इंचार्ज सीआईए द्वितीय भिवानी।

किसी भी व्यक्ति से अगर कोई नौकरी के नाम पर ठगी करता है तो इसकी सूचना पुलिस को दें। भिवानी पुलिस साइबर ठगी के साथ-साथ नौकरियों के नाम पर ठगी करने वालों पर भी शिकंजा कस रही है। भिवानी में पुलिस भर्ती में परीक्षा पास कराने वाले गिरोह सक्रियता की सूचना मिलने के बाद से ही तुरंत हरकत में आ गई थी। यही वजह रही कि पुलिस ने एफआईआर दर्ज किए जाने के थोड़े अंतराल में ही 22 आरोपियों को अब तक गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस पूरे मामले में गहनता से जांच कर रही है। – अजीत सिंह, पुलिस अधीक्षक भिवानी।

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