कहा:अब भाजपा दूसरे राज्यों से भीड़ लाकर माहौल बनाने का कर रही है प्रयास मगर नाकाम होगी

पंचकूला,16 फरवरी। आम आदमी पार्टी का कहना है कि पंजाब में प्रधानमंत्री की भटिंडा में एक जनसभा फेल होने के बाद भाजपा अब उनके लिए दूसरे राज्यों से भी भीड़ जुटाने लगी है ताकि उनकी फजीहत न हो। इसके लिए वकायदा जिन राज्यों में जहां जहां चुनाव हो रहे हैं, वहां भीड़ जुटाने के लिए उन राज्यों की मदद ली जाती है जहां भाजपा की सरकार है, बावजूद उसके वह पूरी तरह से नाकाम होती है,क्योंकि कुछ ही समय बाद भीड़ में से ही कुछ लोग खाली कुर्सियों की फोटो सोशल मीडिया पर वायरल कर देते हैं।

आज यहां जारी एक ब्यान में आम आदमी पार्टी के उत्तरी हरियाणा जोन के सचिव योगेश्वर शर्मा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की 10 फरवरी की सहारनपुर रैली में हरियाणा से गई बसों के डीजल व टोल टैक्स के पैसे न दिये जाने की हरियाणा भाजपा की कड़ी आलोचना की है। शर्मा का कहना है कि बस संचालकों को यह रकम तुरंत दी जानी चाहिए। उनका यह भी कहना है कि कुछ ही समय में हालात कितने बदल गये हैं कि उत्तर प्रदेश में भाजपा को अब प्रधानमंत्री की रैलियों के लिए भीड़ भी अपने शासित दूसरे राज्यों से जुटानी पड़ रही है,क्योंकि चुनाव वाले राज्यों में प्रधानमंत्री सहित भाजपा नेताओं के जुमलों को सुनने अब कोई नहीं जाता। उनका यह भी कहना है कि दस मार्च को भाजपा का हकीकत से सामना भी होने वाला है,जब सभी पांच राज्यों में भाजपा का सूपड़ा साफ हो जाएगा।

योगेेश्वर शर्मा ने यह भी कहा कि यह बात सामने आई है कि दस फरवरी की प्रधानमंत्री की सहारनपुर रैली में हरियाणा से भीड़ भेजी गई थी। इसके लिए प्रदेश से 300 बसों में लोगों को बस संचालकों से बसें डीजल के खर्च पर ही  भेजा गया था। अब इस रैली के आयोजक भाजपाई बस संचालकों को डीजल व रासते में दिये गये टोल टैक्स की अदायगी करने से अनाकानी कर रहे हैं जोकि लगभग 30 लाख रुपये बनती है। शर्मा का कहना है कि एक तो निजी बस आप्रेटरों ने भाजपा की रैली में भीड़ लेकर जाने में मदद की और अब उन्हें उनके खर्च किये गये पैसे भी नहीं दिये जा रहे यह तो सरासर लूट है। उन्होंने कहा कि देश भर में भाजपा और उसके झूठे वादों व दावों की पोल खुल चुकी है और लोग अब उनके बहकावें में नहीं आते, इसी लिए वे उनकी चुनावी जनसभाओं से दूरी बनाने लगें हैं। यही वजह है कि दूसरे राज्यों से भीड़ बुलाने के बावजूद भाजपा की चुनावी जनसभाओं में हजारों की तादाद में कुर्सियां खाली नजर आती हैं।

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