वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक

पिहोवा,15 फरवरी :- अरूणाय रोड़ स्थित गांव धनी रामपुरा में पिछले पांच दिनों से चल रहा 25 वां मां बगलामुखी महायज्ञ सवा पांच लाख आहूतियों, संत – महात्माओं के प्रवचन, सैकड़ों कन्याओं के पूजन एवं विशाल भंडारे के साथ समपन्न हुआ। प्रख्यात यज्ञाचार्य डा. अभिषेक कुश सहित 41 विद्धान ब्राह्मणों द्वारा पूरे विधि-विधान व मंत्रोच्चारण के साथ सभी यजमानों से पूर्णाहूति डलवाई गई। महायज्ञ में सुरेंद्र पहलवान इस्हाक, मनीष कौशिक काला अम्ब, राजू शर्मा पिहोवा सहित हरियाणा, पंजाब, हिमाचल, गुजरात, दिल्ली, उत्तराखंड से शामिल हुए सैंकड़ो श्रद्धालुओं द्वारा सवा पांच लाख आहूतियां डालकर अपने सुखमय जीवन की कामना की गई। यज्ञशाला सहित पूरा पंडाल मां पीताम्बरा के प्रिय पीले रंग में रंगा दिखाई दे रहा था।

कार्यक्रम में पहुंची संत महामंडल की अध्यक्षा महामंडलेश्वर 1008 विद्या गिरी ने कहा कि जीवन मे कैसा भी दु:ख और कष्ट आए पर भक्ति मत छोडि़ए। कष्ट आता है तो क्या आप भोजन करना छोड़ देते हैं ? क्या बीमारी आती है तो आप सांस लेना छोड देते हैं ? नही न, फिर जरा सी परेशानी आने पर आप भक्ति करना क्यों छोड़ देते हैं। सही तरीके से जीवनयापन के लिए भजन और भोजन दोनों की जरूरत है। भोजन छोड़ दोगे तो जिंदा नहीं रहोगे और भजन छोड़ दोगे तो कहीं के नहीं रहोगे।

मंदिर के महंत भीम पुरी ने कहा कि गांव धनीरामपुरा में हरियाणा, पंजाब व दिल्ली के मध्य स्थित मां बगलामुखी की यह एकमात्र सिद्ध पीठ है। जिसे वैदिक मंत्रों व तांत्रिक विद्याओं द्वारा स्थापित किया गया था। मंदिर को भारतीय दक्षिण शैली में भव्य रूप दिया गया है। उन्होंने कहा कि श्रद्धालुओं के लिए किया गया यह महायज्ञ शत्रुओं पर विजय, मोक्ष की प्राप्ति असाध्य रोगो से मुक्ति एवं मनोकामना पूर्ण करने में यकीनन सिद्ध होगा। मां बगलामुखी के कई स्वरूप हैं। इस महाविद्या की उपासना रात्रि काल में करने से विशेष सिद्धि की प्राप्ति होती है।

श्री संगमेश्वर धाम के महंत विश्वनाथ गिरि ने कहा कि धर्म ग्रंथों के अनुसार, यज्ञ के माध्यम से हर मनोकामना पूरी हो सकती है। धन प्राप्ति, कर्मों के प्रायश्चित, अनिष्ट को रोकने के लिए, दुर्भाग्य को सौभाग्य में बदलने के लिए, रोगों के निवारण के लिए भारतीय संस्कृति में यज्ञ करने का विधान देवताओं के समय से है। देवताओं को प्रसन्न करने तथा धन-धान्य की अधिक उपज आदि के लिए भी यज्ञ किए जाते हैं। मंदिर के प्रमुख सेवादार विकल चौबे, विपिन काहडा व अवतार वालिया ने आए हुए सभी मुख्यातिथियों, संत – महात्माओं व गण्यमान्य जनों का आभार व्यक्त किया।

इस अवसर पर श्री संगमेश्वर धाम के महंत विश्वनाथ गिरी, षड्दर्शन साधु समाज के अध्यक्ष परमहंस ज्ञानेश्वर महाराज , महंत जगन्नाथ पुरी, स्वामी वेद पुरी, महंत वासुदेवानंद गिरी, गोविंदा आश्रम की महंत सर्वेश्वरी गिरी,संत सुरक्षा परिषद संत प्रकोष्ठ के प्रदेशाध्यक्ष एवं षड्दर्शन साधु समाज के संगठन सचिव वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक, स्वामी स्वामी रोशन पुरी, बड़ा अखाड़ा के महंत महेश मुनि, विशाल दास, महंत चमन गिरी, महंत लाल गिरी, स्वामी खटवांग पुरी, महंत मनोहर गिरी, देवी शरण दास, स्वामी भूपेंद्र गिरी, महंत निर्भया गिरी, महंत कृष्ण पुरी, पूर्व मंत्री बलबीर सैनी, सुखबीर सैनी, सुरेश पाल राणा, आशीष चक्रपाणि, सेवादल प्रबंधक भूषण गौतम, जय नारायण शर्मा, पंडित भूधर गौतम, अनाज मंडी एसोसिएशन के प्रधान नंदलाल सिंगला, रोटरी क्लब से शिवचरण बहल, परमानंद चौबे, मास्टर फकीर चंद डोलिया, जगदीश गौड़, पंडित राधे राधे, पंडित शंभू दत्त गौतम, जगदीश नंदा कानूनगो, लक्की जुल्का, रामधारी शर्मा, सुरेंद्र शर्मा सरपंच नैंसी, सोनू शर्मा, गीता डाबर, दलबीर सिंह हांडा, सुरेंद्र पहलवान इस्हाक सहित भारी संख्या में श्रद्धालु उपस्थित थे।