भारत में अनादि और वैदिक काल से ही गाय का विशेष महत्व माना गया. हिन्दू धार्मिक दृष्टि से भी गाय पवित्र-पूजनीय, गाय की हत्या महा पाप. गौमाता पूजनीय, जिसके बराबर कोई न देवी-देवता और नहीं कोई तीर्थ फतह सिंह उजालागुरूग्राम। भारत में वैदिक काल से ही गाय का महत्व माना रहा है। आरम्भ में आदान-प्रदान एवं विनिमय आदि के माध्यम के रूप में गाय का उपयोग होता था और मनुष्य की समृद्धि की गणना उसकी गौसंख्या से की जाती थी। हिन्दू धार्मिक दृष्टि से भी गाय पवित्र-पूजनीय है, तथा गाय की हत्या महापातक पापों में मानी जाती है। प्रयागराज में त्रिवेणी मार्ग स्थित माघ मेला शिविर में आयोजित “गाय माता के संरक्षण एवम् सम्बर्धन के विषय में महत्वपूर्ण संगोष्ठी में यह बात काशी सुमेरु पीठाधीश्वर अनन्त श्री विभूषित पूज्य जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी नरेन्द्रानन्द सरस्वती महाराज ने कही। शंकराचार्य नरेन्द्रानन्द के निजी सचिव स्वामी बृजभूषणानन्द सरस्वती महाराज के द्वारा मीडिया को जारी संदेश में जानकारी सांझा की गई है। शंकराचार्य नरेंद्रानंद महाराज ने कहा कि पौराणिक मान्यताओं के अनुसार समुद्र मंथन के दौरान जो चौदह रत्न प्रकट हुए थे, उनमे से गौ “कामधेनु” भी एक रत्न है। पूज्य गौमाता अहिंसा, करुणा, ममत्व वात्सल्यादि दिव्य गुणों को पुष्ट करती है। गाय, गोपाल, गीता, गायत्री तथा गंगा धर्मप्राण भारत के प्राण हैं, आधार हैं। इनमें गौमाता का महत्व सर्वाेपरि है। गौमाता पूजनीय है जिसकी बराबरी न कोई देवी-देवता कर सकता है और न कोई तीर्थ । गौमाता के दर्शन मात्र से ऐसा पुण्य प्राप्त होता है, जो बड़े-बड़े यज्ञ, दान आदि कर्मों से भी नहीं प्राप्त हो सकता। स्पर्श कर लेने मात्र से ही गौमाता मनुष्य के सारे पापों को नष्ट कर देती है। जिस गौमाता को स्वयं भगवान कृष्ण नंगे पाँव जंगल-जंगल चराते फिरे हों और जिन्होंने अपना नाम ही गोपाल रख लिया हो, उसकी रक्षा के लिए स्वयम् नारायण ने गोकुल में अवतार लिया। शंकराचार्य महाराज ने कहा कि समस्त योनियों में मनुष्य योनि श्रेष्ठ है। ऐसा इसलिए क्योंकि वह गौमाता की निर्मल छाया में अपने जीवन को धन्य कर सकते हैं ।केंद्र सरकार गाय को राष्ट्रमाता घोषित करेउन्होंने कहा गौमाता के रोम-रोम में देवी-देवताओं का एवं समस्त तीर्थों का वास है। सरकार तत्काल गाय माता को राष्ट्रमाता घोषित करने के साथ ही साथ गाय माता के संरक्षण एवम् सम्बर्धन के लिए अलग से गोमन्त्रालय बनाये, तथा गाय के साथ क्रूरता एवम् गोहत्यारों को फाँसी की सजा का प्राविधान करे। संगोष्ठी में मठ मछली बन्दर के महन्त एवम् अखिल भारतीय दण्डी सन्यासी प्रबन्धन समिति के राष्ट्रीय अध्यक्ष स्वामी विमलदेव आश्रम महाराज ने कहा कि औरंगजेब के एक नायक तैबर से गायों को बचाने के लिए पुष्कर में युद्ध हुआ, जिसमे 1700 मुग़ल सैनिक मारे गये तथा 700 मेड्लिया राजपूत बलिदान हुए। पर एक भी गाय काटने नही दी गई। स्वतंत्र भारत में गौहत्या का कलंक सदा सर्वदा के लिए समाप्त किया जाना चाहिए। स्वामी बृजभूषणानन्द सरस्वती जी महाराज ने कहा कि गौमाता को एक ग्रास खिला देने से, वह सभी देवी-देवताओं को पहुँच जाता है । इसीलिए धर्मग्रंथ बताते हैं कि समस्त देवी-देवताओं एवं पितरों को एक साथ प्रसन्न करना हो तो गौभक्ति-गोसेवा से बढ़कर कोई अनुष्ठान नहीं है । गाय बचेगी, तभी भारत देश बचेगाइसी संगोष्ठि में विश्व गुरु स्वामी करुणानन्द सरस्वती महाराज ने कहा कि भविष्य पुराण में लिखा है गौमाता के पृष्ठदेश में ब्रह्म का वास है, गले में विष्णु का, मुख में रुद्र का, मध्य में समस्त देवताओं और रोमकूपों में महर्षिगण, पूँछ में अन्नत नाग, खूरों में समस्त पर्वत, गौमूत्र में गंगादि नदियाँ, गौमय में लक्ष्मी और नेत्रों में सूर्य-चन्द्र हैं । गाय बचेगी, तभी भारत देश बचेगा । चौसट्टी मठ काशी के महन्त स्वामी प्रकाश आश्रम महाराज ने कहा कि गाय की हर एक चीज़ गुणकारी एवं सर्वाेत्तम है । गाय के गोबर को अतिशुद्ध माना जाता है। प्राचीन समय से ही घर को शुद्ध करने के लिए गाय के गोबर से घर लिपे जाते हैं। गौमूत्र (गाय के मूत्र) को भी घर में शुद्धी के लिए छिड़का जाता है तथा शुद्ध गौमूत्र के सेवन से पेट के विभिन्न रोगों से मुक्ति मिलती है। इसलिए सरकार तुरन्त गोहत्या पर प्रतिबन्ध लगाये । संगोष्ठी में दिनेशानन्द, सुनील शुक्ल, विनोद त्रिपाठी, करन दीक्षित, अमर शर्मा, अमरीश तिवारी, वैभव द्विवेदी, मिथिलेश शुक्ल सहित अन्य विद्वान मनीषी सहित अन्य मौजूद रहे। Post navigation भाजपा युवा नेता गगन गोयल के आवास पर पहुंचे सांसद धर्मबीर सिंह कुछ लोगों ने गरीबों और देश को लूटने के लिए एक संस्था बनाई है, जिसका नाम बीजेपी सरकार है : सुनीता वर्मा