द्वारका एक्सप्रेसवे स्तिथ चिंटल पैराडाइसो हाउसिंग सोसयटी में हादसा.
सातवीं मंजिल की छत भरभरा कर नीचे ग्राउंड फ्लोर पर आकर गिरी.
एनडीआरफ, प्रशासन, पुलिस सहित बचाव दल राहत कार्य में जुटा.
देर रात मौके पर पहुंचे डीसी निशांत यादव और एमएलए राकेश

फतह सिंह उजाला

गुरूग्राम। एक 22 मंजिला इमारत में से 7 मंजिल ताश के पत्तों की तरह भरभरा कर ग्राउंड फ्लोर तक धड़ाम से आकर गिरी । इसके बाद पूरी सोसाइटी में हड़कंप मच गया और लोगों की सांसें अटक गई। यह दिल दहला देने वाला हादसा साइबर सिटी गुरुग्राम के द्वारका एक्सप्रेसवे पर मौजूद चिंतल पैराडाइसो हाउसिंग सोसायटी में गुरुवार को दिन ढ़लने के साथ ही उस वक्त हुआ जब लोग सोसाइटी में मौजूद थे तथा बच्चे बाहर खुले पार्क में खेल रहे थे । इस हादसे की सूचना मिलते ही जिला प्रशासन में भी खलबली मच गई । वही मौके पर मौजूद लोगों और प्रत्यक्षदर्शियों के द्वारा सवाल उठाए गए कि आखिर इस प्रकार के हादसे के लिए कौन सा विभाग और कौन अधिकारी जिम्मेदार तथा जवाबदेय है ?

इस हादसे की गंभीरता को देखते हुए गुरुग्राम के नवागत़ डीसी निशांत कुमार यादव और बादशाहपुर के एमएलए राकेश दौलताबाद भी घटनास्थल पर पहुंचे तथा राहत कार्यों सहित घटना के विषय में मौके पर मौजूद अधिकारियों से जानकारी ली । वही देर रात 10 बजकर 38 मिनट पर सांसद एवं केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह के द्वारा इस हादसे पर ट्वीट करते हुए सोसायटी में रहने वाले सभी लोगों के सुरक्षित होने की कामना की गई। दूसरी ओर जैसे ही 22 मंजिला इमारत में से 7 मंजिल भरभरा कर गिरने की जानकारी शहर में फैली तो मौके पर पहुंचे मीडिया को भी सोसायटी के गार्ड के द्वारा अंदर जाने से रोक दिया गया । समाचार लिखे जाने तक इस बात की अधिकारिक पुष्टि प्रशासन की तरफ से नहीं की जा सकी कि हादसे में कितने लोगों को चोटे आई अथवा कोई जान भी गई ? वही लोगों के बीच इस बात को लेकर चर्चा होती रही थी इस हादसे में कथित रूप से दो लोगों की जान गई तथा अनेक लोग सोसाइटी के फ्लैट में मलबे में ही फसे जिंदगी और मौत के बीच जूझ रहे हैं।

गुरूवार को साइबर सिटी में गुरुवार देर शाम बड़ा हादसा हो गया। द्वारका एक्सप्रेस-वे स्थित सेक्टर-109 में 22 मंजिला इमारत के एक हिस्से में सात फ्लोर गिरने से अफरा तफरी मच गई। हादसे के बाद तुरंत लोगों ने स्थानीय पुलिस को सूचना दी। इसके बाद एनडीआरएफ, पुलिस, एंबुलेंस, दमकल विभाग की टीम मौके पर पहुंची और बचाव कार्य शुरु कर दिया। बताया गया  है कि बिल्डिंग में सातवे फलोर पर एक फ्लैट में मुरम्मत का काम किया जा रहा था, कि अचानक छत-फर्श  एक के बाद एक फ्लोर को चीरता हुआ ग्राउंड फ्लोर तक आ गिरा, इसके मलबे के नीचे फ्लैट में रहने वाले लोग दब गए। प्रत्ययक्षदर्शियों के आरोपानुसार 2019 में फलैट बनाकर दिये गए। एक-एक फलैट की कीमत डेढ़ करोड़ रूपए तक बताई गई। यहां रहने वालों के द्वारा ही अपने जानकारों-रिश्तेदारों को फोन से हादसे की जानकारी दी गई। जैसे ही सोसयटी में मलबा इत्यादी गिरने की आवाज हुई तो सोसायटी में मची अफरा-तफरी के बीच  लोग खुले में बाहर दौड़ते चले आए। समाचार लिखा जाने तक बिल्डिंग के मलबे के नीचे दबे लोगों की संख्या और मृतकों को लेकर कोई अधिकारिक पुष्टि नहीं हो सकी, वहीें बचाव सहित राहत कार्य जारी है।

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