बदले की भावना से कार्रवाई बर्दाश्त नहीं करेंगे रोड़वेज कर्मचारी
हरियाणा रोडवेज वर्कर्स यूनियन ने बताया परिचालक सुरेंद्र के खिलाफ षड़यंत्र की बू

चंडीगढ़, 5 फरवरी! हरियाणा रोडवेज वर्कर्स यूनियन सम्बन्धित सर्व कर्मचारी संघ के राज्य प्रधान इन्द्र सिंह बधाना व महासचिव सरबत सिंह पूनिया ने रोडवेज के चैकिंग स्टाफ द्वारा कंडेला गांव के पास चैकिंग की गई बस में सुरेंद्र सिंह परिचालक की एक हजार रुपये फ्रॉड की रिपोर्ट किए जाने की निष्पक्ष जांच की मांग की है। उन्होंने कहा कि यदि कोई दोषी है तो उसे सजा मिलनी चाहिए लेकिन सुरेंद्र सिंह परिचालक मामले में किसी षड़यंत्र की बू आ रही है।

यूनियन नेताओं ने कहा कि राज्य परिवहन के अधीन चल रही किलोमीटर स्कीम की बस चंडीगढ़ से जींद आ रही थी। इस बस को चैकिंग स्टाफ ने कैथल के पास चैक किया तो सब कुछ सही पाया गया। इसके बाद एक अन्य चैकिंग स्टाफ ने इसी बस को कंडेला गांव के पास चैक करके परिचालक सुरेन्द्र सिंह की रिपोर्ट कर दी कि उसने एक हजार रुपये का फ्रॉड कर रखा है और कुछ पुरानी टिकटें बताई गई है। उन्होंने कहा कि एक ही बस का बार—बार चैक होना, एक जगह सही पाया जाना और दूसरी जगह इतना बड़ा फ्रॉड दिखाया जाना निश्चय ही किसी षड़यंत्र की तरफ इशारा करता है। उन्होंने कहा कि हरियाणा रोडवेज वर्कर्स यूनियन भ्रष्टाचार व भ्रष्टाचारियों के खिलाफ है, लेकिन भ्रष्टाचार की आड़ में कर्मचारियों को बेवजह निशाना बनाए जाने के भी खिलाफ है। उन्होंने कहा कि जिस परिचालक सुरेन्द्र सिंह की रिपोर्ट की गई है, वह हरियाणा रोडवेज जागृति मंच का प्रदेश महासचिव है और किसी यूनियन नेता पर इस तरह के भ्रष्टाचार का आरोप निश्चय ही गंभीर मामला है। ऐसे में इस प्रकरण की निष्पक्ष जांच की जाए और इसमें जो दोषी पाया जाए, उस पर कार्रवाई की जानी चाहिए।

उन्होंने कहा सुरेंद्र सिंह परिचालक के अलावा अम्बाला व अन्य डिपूओं में प्रशासन ने फ्रांड़ के मामलों में बिना जांच किए पुलिस में मुकदमे दर्ज करवाएं गये है, जो गलत है। यूनियन नेताओं ने मांग की निष्पक्ष जांच के बाद कर्मचारी दोषी पाए जाने पर ही कानुनी व विभागीय कार्रवाई की जाए। उन्होंने कर्मचारियों से सचेत रहते हुए आह्वान किया सरकार व प्रशासन द्वारा ओच्छे हथकंडे अपना कर कर्मचारियों की एकता तोड़ने के मंसूबे पूरे नहीं होने दें। कर्मचारी नेताओं ने कहा जल्द ही “हरियाणा रोडवेज कर्मचारी सांझा मोर्चा” की बैठक बुलाकर सरकार की कर्मचारी विरोधी नीतियों की पोल खोलो अभियान चलाया जाएगा।

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