मामले की मजबूती से करेंगे पुरजोर पैरवी ताकि प्रदेश के युवाओं का भविष्य सुरक्षित रहे- मुख्यमंत्री चंडीगढ़, 4 फरवरी: पंजाब एवं हरियाणा कोर्ट द्वारा प्रदेश में निजी क्षेत्र में स्थानीय युवाओं को रोजगार के अवसर प्रदान करने के लिए लागू हरियाणा राज्य स्थानीय उम्मीदवारों का रोजगार अधिनियम, 2020 पर अंतरिम रोक लगाने के आदेश को चुनौती देने के लिए अब राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट का रूख किया है। अब सुप्रीम कोर्ट द्वारा मामले की सुनवाई सोमवार, 7 फरवरी, 2022 को तय की गई है। हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने कहा कि हम सुप्रीम कोर्ट में मामले की पैरवी मजबूती से करेंगे ताकि युवाओं के भविष्य को सुरक्षित रख सकें । उन्होंने कहा कि हरियाणा राज्य स्थानीय उम्मीदवारों का रोजगार अधिनियम, 2020 राज्य के युवाओं के लिए निजी क्षेत्र में रोजगार के अवसरों को सुनिश्चित करने के लिए लागू किया गया है। श्री मनोहर लाल ने कहा कि सॉलिसिटर जनरल श्री तुषार मेहता, जो हरियाणा सरकार की ओर से भारत के मुख्य न्यायाधीश एन वी रमना पीठ के समक्ष पेश हुए और इस मामले को रखते हुए श्री तुषार मेहता ने बताया कि उन्हें राज्य सरकार का बचाव करने के लिए केवल 90 सेकंड का समय मिला था। उनके अनुरोध पर अब सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार, 7 फरवरी, 2022 को सुनवाई तय की है। Post navigation प्राईवेट नौकरियों में आरक्षण पर रोक से सांसत में खट्टर सरकार जेजेपी ने सोशल मीडिया के लिए लोकसभा और जिला स्तर पर घोषित किए 64 आईटी कोऑर्डिनेटर