-कमलेश भारतीय पश्चिमी बंगाल की मुख्यमंत्री और सबकी दीदी ममता बनर्जी ने राज्यपाल जगदीप धनखड़ से कुट्टी कर ली है । यह ऐलान बाकायदा ट्वीटर पर राज्यपाल को ब्लाॅक कर ममता बनर्जी ने किया है । सारी दुनिया जान गयी है और यही ममता बनर्जी संदेश देना चाहती थीं । उनका कहना है कि राज्यपाल ने मुझे और अधिकारियों को बहुत परेशान कर रखा था । इसलिए तंग आकर उन्हें ब्लाॅक करना ही पड़ा । पहले भी विधानसभा चुनाव के परिणाम के ठीक बाद ममता बनर्जी के शपथ ग्रहण समारोह में भी इन दोनों की दूरियां सामने आई थीं जब पश्चिमी बंगाल की कानून व्यवस्था पर राज्यपाल ने सबके सामने सवाल उठा दिया था और ममता ने जविब दिया था कि अब से पहले तो आपकी ही देखरेख में चल रहा था , आज से मैंने पद संभाला है और ध्यान दिया जायेगा । लेकिन राज्यपाल महोदय ने अपने पद की गरिमा का ख्याल न रखा और लगातार कुछ न कुछ टिप्पणियां करते चले गये । ममता बनर्जी जब तक बर्दाश्त कर सकीं तब तक करती रहीं और आखिरकार मर्यादा तोड़कर घोषणा कर दी ट्विटर पर संबंध तोड़ने की । इससे एक बार फिर राज्यपाल और मुख्यमंत्री के बीच संबंधों पर सवाल उठ खड़े हुए हैं और वहीं संविधान व पद की मर्यादा भी घेरे में आ गये हैं । क्या राज्यपाल को इस तरह सार्वजनिक रूप से सवाल उठाने चाहिएं याकि मुख्यमंत्री को बुला कर विचार विमर्श करना चाहिए ? क्या राज्यपाल जो रास्ता अपनाये हुए हैं उससे उनकी व पद की गरिमा प्रभावित नहीं होती ? इस तरह प्रतिकूल टिप्पणियों करने के लिए क्या उन्हें छूट मिली हुई है ? वे एक राज्य के सर्वोच्च पद पर हैं और उन्हें इसकी गरिमा बनाये रखनी चाहिए । राजस्थान में भी मुख्यमंत्री और राज्यपाल के बीच कुछ समय मतभेद हुए थे लेकिन बाद में स्थिति सुखद बन गयी । मुख्यमंत्री प्रदर्शन करने राज्यपाल भवन पहुंच गये थे लेकिन फिर सब पटरी पर आते ही संबंध सही हो गये और मुख्यमंत्री को राज्यपाल को ब्लाॅक करने की जरूरत नहीं पड़ी । पश्चिमी बंगाल के राज्यपाल को बदले जाने की मांग लगातार ममता बनर्जी उठाती आ रही हैं और राष्ट्रपति इसे अनसुना करते आ रहे हैं । अच्छा होगा कोई फैसला जल्द लिया जाये ।–पूर्व उपाध्यक्ष, हरियाणा ग्रंथ अकादमी । Post navigation एचएयू के 53वां स्थापना दिवस की शुरूआत चौधरी चरण सिंह व ताऊ देवीलाल की प्रतिमाओं पर माल्यार्पण से हुई प्रदेश के सभी शहरों को स्वच्छता में नंबर वन बनाने की योजना: डॉ कमल गुप्ता