श्रद्धांजलि सभा, रक्तदान शिविर व प्रदर्शनी में पहुंचे भूपेंद्र सिंह हुड्डा
कहा- देश और समाज को समर्पित रहा चौ. रणबीर सिंह हुड्डा का पूरा जीवन
ब्रिटिश हुकुमत की 8 जेलों में बीती जवानी, 7 अलग-अलग सदनों के रहे सदस्य- हुड्डा
अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रहीं आंगनवाड़ी वर्कर्स से मिलने पहुंचे हुड्डा
कहा- इस सरकार ने नहीं मानी तो हमारी सरकार बनने पर मांगों को किया जाएगा पूरा

1 फरवरी, रोहतकः आज महान स्वतंत्रता सेनानी और संविधान निर्माण सभा के सदस्य रहे चौधरी रणबीर सिंह हुड्डा की 14वीं पुण्यतिथि पर रोहतक में कई कार्यक्रमों का आयोजन हुआ। गांव खेड़ी साध स्थित चौधरी रणबीर सिंह जी के समाधि स्थल पर आयोजित श्रद्धांजलि सभा में बड़ी तादाद में लोग शामिल हुए। पूर्व मुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने यहां पहुंचकर श्रद्धासुमन अर्पित किए। इसके बाद हुड्डा ने महान स्वतंत्रता सेनानी के सम्मान में कारोर गांव में लगाए गए रक्तदान शिविर का दौरा किया और रक्तदान करने वालों से मुलाकात की। महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय परिसर में चौधरी रणबीर सिंह हुड्डा की यादों को संजोए एक फोटो प्रदर्शनी भी लगाई गई। इसमें पहुंचे भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि कहा कि प्रदर्शनी को देखकर पुज्य पिताजी से जुड़ी यादें ताजा हो गईं।

इस मौके पर पत्रकारों से बातचीत करते हुए हुड्डा ने स्वतंत्रता संग्राम में चौ. रणबीर सिंह हुड्डा के योगदान को याद किया। उन्होंने कहा कि अपनी युवावस्था में उनके पिता जी ब्रिटिश हुकुमत की 8 अलग-अलग जेलों रहे। इनमें से 4 जेलें आज भारत में और 4 पाकिस्तान में हैं। चौधरी रणबीर हुड्डा जी का पूरा जीवन देश और समाज को समर्पित रहा। आजादी के बाद भी देश निर्माण और समाज कल्याण में उनकी सक्रियता जारी रही। उन्होंने अलग-अलग पदों पर रहते हुए किसान, मजदूर, ग़रीब, वंचित हर तबके की आवाज उठाई और उन्हें अधिक अधिकार देने की वकालत की।

26 नवंबर 1914 को जन्मे चौधरी रणबीर सिंह हुड्डा का 1 फरवरी 2009 को निधन हो गया था। अपने जीवनकाल में वो संविधान सभा, अस्थाई लोकसभा, पहली लोकसभा, दूसरी लोकसभा, संयुक्त पंजाब विधानसभा, हरियाणा विधानसभा और राज्यसभा के सदस्य रहे। वो देश और दुनिया के इकलौते ऐसे नेता रहे हैं जो सात अलग-अलग सदनों का हिस्सा रहे। उनकी यह अद्भुत उपलब्धि लिम्का बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड में सम्मान के साथ दर्ज है।

इसके बाद नेता प्रतिपक्ष हुड्डा अपनी मांगों को लकर मानसरोवर पार्क में प्रदर्शन कर रही आंगनवाड़ी वर्कर्स से मिलने पहुंचे। उनसे मुलाकात के बाद हुड्डा ने सरकार द्वारा हजारों महिला कर्मियों की इस अनदेखी को दुर्भाग्यपूर्ण बताया। उन्होंने कहा कि 55 दिनों से आंगनवाड़ी वर्कर्स की हड़ताल जारी है लेकिन सरकार खुद की घोषणाओं को भी लागू करने के लिए तैयार नहीं है। आंदोलनकारियों के खिलाफ चिरपरिचित दमनकारी नीति अपनाते हुए सरकार ने कई जिलों में मामले दर्ज कर लिए हैं और 50 कर्मियों की सेवाएं समाप्त कर दी हैं।

भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि अपनी जायज मांगों को लेकर आंदोलन करना हर नागरिक का अधिकार है। सरकार इसपर अंकुश नहीं लगता सकती। सरकार को आंदोलनकारियों पर दर्ज सभी केस वापिस लेकर हटाए गए सभी कर्मचारियों की सेवाओं को फिर से बहाल करना चाहिए। हुड्डा ने कहा कि आंगनवाड़ी वर्कर्स की इस मांग को वह विधानसभा के आने वाले सत्र में पुरजोर तरीके से उठाएंगे। साथ ही उन्होंने आश्वासन दिया कि अगर मौजूदा सरकार आंगनवाड़ी वर्कर्स की मांगों को नहीं मानती तो भविष्य में उनकी सरकार बनने पर इन मांगों को माना जाएगा।

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