हिरासत में लिए गए संघर्षिल युवाओं को तुरंत रिहा किया जाए।
युवाओं पर बर्बर हमला करवाने वाले अधिकारियों को तुरंत निलंबित किया जाए।
इस मामले में अभ्यर्थियों की माँगें पूरी तरह से स्पष्ट हैं; इसमें समिति बनाकर पहले से ही काफी धीमी चल रही भर्ती में और अनावश्यक देरी करने का प्रयास किया जा रहा है

स्वराज इंडिया, 26 जनवरी, 2022 – प्रयागराज और पटना समेत कई स्थानों पर रेलवे भर्ती बोर्ड के अभ्यर्थी भर्ती में हुई अनियमितता और देरी के विरोध में प्रदर्शन कर रहे हैं। सरकार ने उनके सवालों का जवाब देने के बजाए उनपर लाठियाँ चलवाईं। हद तो तब हो गई जब इलाहाबाद में पुलिस ने हॉस्टलों और लॉज में घुसकर अभ्यर्थियों को बेरहमी से पीटा। और रेलवे मंत्रालय ने अभ्यर्थियों के घाव पर मरहम लगाने के बजाए उन्हें विरोध प्रदर्शन में शामिल होने पर रेलवे भर्ती परिक्षाओं से बाहर करने की धमकी दे डाली। पर युवाओं के बढ़ते विरोध को देखते हुए अब कमिटी का झांसा देकर मामले को टालने की कोशिश की जा रही है।

दरअसल लोकसभा चुनाव से तुरन्त पहले 2019 में रेलवे ने नॉन टेक्निकल पॉपुलर कैटेगरी(एनटीपीसी) और ग्रुप डी के पदों के लिए आवेदन आमंत्रित किए थे जिसमे 2 करोड़ 42 लाख बेरोजगार युवाओं ने आवेदन किया था। छात्रों के लगातार विरोध के बाद जब एनटीपीसी के सीबीटी 1 का परिणाम आया तो नोटिफिकेशन के अनुसार 20 गुणा अभ्यर्थियों के चयन के बजाए 20 गुणा क्रमांकों का चयन किया गया था। यह स्पष्ट तौर पर हजारों काबिल अभ्यर्थियों को दूसरी चरण की परीक्षा में बैठने से वंचित करना था। इसके अलावा रेलवे ने अचानक ग्रुप डी की परीक्षा में एक और चरण जोड़ दिया। इसपर छात्र 20 गुणा अभ्यर्थियों के चयन और ग्रुप डी में सीबीटी 2 को हटाए जाने की माँग पर जब विरोध कर रहे थे, तो सरकार ने बेशर्मी से बलप्रयोग का सहारा लेकर छात्रों की लोकतांत्रिक आवाज को दबाने की कोशिश की है।

स्वराज इंडिया प्रयागराज, पटना समेत अनेक स्थानों पर युवाओं पर हुए बर्बर दमन का घोर विरोध करती है और शांतिपूर्ण प्रदर्शनकारी युवाओं को पूर्ण समर्थन देती है। स्वराज इंडिया केंद्र सरकार से माँग करती है इस बर्बर हमले के जिम्मेदार अधिकारियों को तुरंत प्रभाव से निलंबित किया जाये, जिन प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लिया गया है उन्हें रिहा किया जाए और घायल युवाओं को ईलाज उपलब्ध करवाया जाये। इसके अतिरिक्त रेलवे भर्ती में अभ्यर्थियों की माँगों को तुरंत स्वीकार किया जाए।

छात्रों के बढ़ते विरोध को देखकर सरकार कमिटी का झाँसा देकर मामले को टालना चाह रही है। छात्रों की माँग इतनी स्पष्ट है: एनटीपीसी में नोटिफिकेशन के अनुसार बीस गुणा अभ्यर्थियों का चयन हो और ग्रुप डी में सीबीटी 2 न जोड़ा जाए; कि इस पर समिति बनाने का केवल इतना अर्थ है कि सरकार पहले से काफी देर हो चुकी प्रकिया को और देर करना चाहती है। इसमें सरकार को अब सीधे अभ्यर्थियों की जायज माँगों को मानते हुए आदेश जारी करना चाहिए।

स्वराज इंडिया युवाओं के संघर्ष में उनके साथ खड़ी है और लोकतांत्रिक आवाजों को दबाने की हर कोशिश का पुरजोर विरोध करती है; साथ ही अभ्यर्थियों से आंदोलन को पूर्णतया शांतिपूर्ण रखने की भी अपील करती है।

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