नागरिक प्रशासक पटौदी के एसडीएम और कानून के प्रशासक पटौदी के एसीपी. पटौदी के एसडीएम प्रदीप कुमार ने तिरंगा झंडा फहराकर ली परेड की सलामी. गणतंत्र दिवस के मौके पर स्वतंत्रता सेनानी परिवारों को किया गया सम्मानित फतह सिंह उजाला पटौदी । 73वां गणतंत्र दिवस पटौदी सबडिवीजन के मुख्यालय राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय बाल पटौदी मैं मनाया गया। यह 73वां गणतंत्र दिवस एक लंबे समय तक याद किया जाएगा । जी हां यह बात बेबाक और डंके की चोट पर लिखी जा रही है। राष्ट्रीय पर्व के मौके पर मंच संचालिका के द्वारा मंचासीन मुख्य अतिथि पटौदी के एसडीएम प्रदीप कुमार और पटौदी के एसीपी वीर सिंह सहित अन्य विभागों के अधिकारियों सहित प्रबुद्ध नागरिकों से सवाल किया गया की क्या किसी ने संविधान की पुस्तक अथवा प्रति देखी है ? इसके बाद में पटौदी के एसडीएम सहित पटौदी के एसीपी की जुबान भी चुप ही रही। किसी प्रकार की न कोई प्रतिक्रिया व्यक्त की गई ना कोई जवाब दिया गया । गौरतलब है कि प्रशासनिक अधिकारी और कानून व्यवस्था के अधिकारी जब सरकारी सेवा में आते हैं अथवा ज्वाइन करते हैं तो सबसे पहले उनके द्वारा संविधान की शपथ लेने के साथ साथ कर्तव्य निष्ठा के साथ पालन किया जाने की शपथ भी ली जाती है। अब ऐसे में पटौदी की प्रशासनिक व्यवस्था की जिम्मेदारी एसडीएम प्रदीप कुमार के कंधों पर है । तो वहीं कानून व्यवस्था को नियंत्रण में रखना इसकी जिम्मेदारी पटौदी के एसीपी वीर सिंह के कंधों पर है। मंच संचालिका के द्वारा बड़े ही विनम्र और सरल स्वभाव से आज के युवा छात्र वर्ग के हितार्थ ही यह सवाल बेखैफ तरीके से मंच के माध्यम से मंचासीन अधिकारियों के सामने प्रस्तुत किया गया । मंच संचालिका ने कहा की लगभग हम सभी की उम्र 40 या इससे अधिक की हो चुकी है । क्या कोई बता सकता है की यहां जितने भी लोग मौजूद हैं किसी ने संविधान की पुस्तक अथवा उसकी प्रति देखी है ? मंच संचालिका ने कहा कि आज ही के दिन संविधान लागू किया गया था और 26 जनवरी को हम सभी गणतंत्र दिवस के रूप में मनाते आ रहे हैं । मंच संचालिका ने विनम्रता पूर्वक अनुरोध किया कि कम से कम इस बात को उच्चाधिकारियों और सरकार तक अवश्य पहुंचाया जाना चाहिए कि प्रत्येक सरकारी स्कूल में संविधान की एक-एक पुस्तक अथवा उसकी प्रति उपलब्ध हो । जिससे कि छात्र वर्ग भारतीय संविधान को पढ़ने का लाभ भी प्राप्त कर सकें । मंच संचालिका ने कहा क्या हम इतने घटिया देशवासी हैं कि हमें अपने संविधान को पढ़ने का भी अधिकार नहीं रह गया है । कथित रूप से संविधान की पुस्तक अथवा उसकी प्रति निशुल्क ही सभी शिक्षण संस्थानों में उपलब्ध करवाई जानी चाहिए। बुधवार को पटौदी सब डिवीजन के मुख्यालय राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय बाल पटौदी में 73वें गणतंत्र दिवस के मौके पर मुख्य अतिथि पटौदी के एसडीएम प्रदीप कुमार ने ध्वजारोहण किया और परेड की सलामी ली । इस मौके पर मुख्य अतिथि पटौदी के एसडीएम प्रदीप कुमार ने केंद्र और राज्य सरकार की विभिन्न वर्गों के लिए लागू की गई तमाम योजनाओं की विस्तार पूर्वक जानकारी मौके पर उपस्थित लोगों के बीच में दी । अपना संबोधन उन्होंने जय हिंद और वंदे मातरम के साथ में किया। इससे पहले उन्होंने सलामी गारद का वाहन में सवार होकर निरीक्षण किया । इस मौके पर पटौदी के तहसीलदार सज्जन कुमार, पटौदी नगर पालिका के सचिव राजेश मेहता, पटौदी नगर पालिका के चेयरमैन चंद्रभान, सहगल वाइस चेयरमैन जर्मन सैनी, पटौदी थाना प्रभारी राकेश कुमार, हेली मंडी नगर पालिका के मनोनीत पार्षद श्री पाल चौहान, पाटोदी सामान्य नागरिक अस्पताल के एसएमओ डॉक्टर दिनेश रोहिल्ला सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी और कर्मचारी मौजूद रहे। कोरोना कोविड-19 प्रोटोकॉल और गाइडलाइन की वजह से इस बार छात्र छात्राओं के सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन नहीं किया गया और ना ही किसी भी विभाग की कोई भी झांकी कार्यक्रम में प्रस्तुत की गई। 73 वें गणतंत्र दिवस के मौके पर विभिन्न विभागों में कोरोना काल के दौरान कार्य करने वाले अधिकारियों, कर्मचारियों को प्रमाण पत्र देकर प्रोत्साहित किया गया। लेकिन जो बात सबसे अधिक महत्वपूर्ण 73 वें गणतंत्र दिवस के मौके पर कहीं गई , वह मंच संचालिका के द्वारा कही गई । जो सवाल किया गया वह, वास्तव में आजादी के अमृत महोत्सव के मौके पर और 73वें गणतंत्र दिवस को देखते हुए अपने आप में बहुत बड़ा सवाल बुद्धिजीवी वर्ग में चर्चा का विषय और मुद्दा भी मंत्रा दिखाई देने लगा है। निमंत्रण पत्र पर आयोजन स्थल गलतपटौदी में 73 में गणतंत्र दिवस समारोह का आयोजन वास्तव में गवर्नमेंट मॉडल संस्कृति सीनियर सेकेंडरी स्कूल पटौदी परिसर में किया गया । सरकार की योजना के तहत ही पटौदी के ब्वायज सीनियर सेकेंडरी स्कूल को बदल कर अथवा इस का दर्जा बढ़ाया जा चुका है । 73 वें गणतंत्र दिवस समारोह के आयोजकों के द्वारा निमंत्रण पत्र पर बताया गया कि गणतंत्र दिवस राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय बाल पटौदी में मनाया जा रहा है । लेकिन वास्तव में आयोजन स्थल का नाम अब गवर्नमेंट मॉडल संस्कृति सीनियर सेकेंडरी स्कूल है । सरकार की योजना के तहत संस्कृति सीनियर सेकेंडरी स्कूल बनाया जाने के बाद इसका विधिवत रूप से उद्घाटन पटौदी के एमएलए और भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश मंत्री एडवोकेट सत्य प्रकाश जरावता के द्वारा ही करवाया गया था । हैरानी है कि पटौदी के तहसीलदार और पटौदी के पालिका सचिव को इतना भी ध्यान नहीं कि 73 वां गणतंत्र दिवस किस सरकारी संस्थान परिसर में मनाया जा रहा है। Post navigation आजादी के 75 वर्ष….. अमृत महोत्सव, लेकिन 30 वर्ष से नहीं बनी सड़क संविधान को प्रत्येक व्यक्ति जीवन में आत्मसात करे: धर्मदेव