चुनावी डयूटी

पांच राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए हरियाणा के कई आईएएस अफसरों को चुनावी डयूटी के लिए छांटा गया है। अब चुनाव आयोग तय करेगा कि किस अफसर को कहां चुनावी डयूटी के लिए भेजना है, या नहीं भेजना है, अथवा रिर्जव डयूटी पर रखना है। इनमें वर्ष 2001 बैच से वर्ष 2014 बैच तक के कई अफसर शामिल है।

26 अफसरों की इस सूची में अमनीत पी. कुमार,ए.श्रीनिवास,जगदीप सिंह,साकेत कुमार, गीता भारती, रमेशचंद्र बिधान, दुष्यंत कुमार,चंद्रशेखर खरे,राजीव रत्न,अशंज सिंह,जयबीर सिंह आर्य,मनीराम शर्मा,अशोक कुमार गर्ग,पंकज,सुजान सिंह,प्रभजोत सिंह,राजेश जोगपाल,आमना तसनीम,डा.शालीन,अजय सिंह तोमर,धीरेंद्र खटकड़ा,संगीता तीतरवाल,प्रतिमा चौधरी,वीरेंद्र कुमार दहिया,महावीर सिंह और वीरेंद्र लाठर शामिल हैं।

इन अफसरों में से गोवा,मणिपुर,पंजाब,उत्तराखंड और उत्तरप्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए पर्यवेक्षक के तौर पर भेजा जाएगा। चुनाव आयोग ने इन अफसरों के साथ वीडियो कांनफ्रैसिंग-वीसी के जरिए शुक्रवार को मीटिंग कर जरूरी दिशा निर्देश भी दिए। इस वीसी में शामिल कई अफसरों की मुराद थी कि अगर उनकी चुनाव डयूटी लगनी ही है तो फिर गोवा लगे। डयूटी की डयूटी और पर्यटन का पर्यटन। एक तरह की पेड होली डे हो जाएंगी। घुमने के लिहाज से गोवा का मौसम शानदार हो चला है। कमाल का हो चला है। इसी बहाने चंडीगढ की कड़ाके की ठंड से छुटकारा मिल जाएगा।

राय और दास

हरियाणा के सीनियर आईएएस अधिकारी सिद्धीनाथ राय के हाथ में दबे पांव पावर आई थी। जैसे आई, वैसे ही अचानक से चली भी गई। सिद्धीनाथ पावर में तो बहुत दफा रहे,लगते ही रहे, लेकिन पावर में पहली दफा आए थे। मतलब ये कि पावरफुल और हैवीवेट विभागों में तो उनकी तैनाती होती रही है,लेकिन बिजली विभाग में वो इस से पहले किसी पद पर तैनात नहीं रहे थे। और अब जिम्मा मिला तो सीधे ही प्रशासकीय सचिव का। सर्वोच्च पद का। विभाग की कई मीटिंग में राय बेबाकी से कह भी देते थे कि बिजली विभाग एक तकनीकी विभाग है और इसके बारे में मुझे ज्यादा जानकारी नहीं है। अब पता नहीं जानकारी का अभाव या पावर में रूचि का अभाव सिद्धीनाथ राय का यहां से तबादला हो गया। उनके स्थान पर राजस्व आयुक्त पीके दास को इस विभाग का चार्ज सौंपा गया है। दास का इस विभाग से पुराना नाता है और उनका यहां आवागमन लगा रहता है। उदार स्वभाव के दास को एक पत्रकार कुछ दिन पहले एक पर्ची दे रहे थे। उन पत्रकार के जाने के बाद दूसरे पत्रकार ने उनको बताया कि पहले वाले सज्जन जो पर्ची देकर गए हैं उन्होंने ये काम करवाने के एवज में कुछ खर्चा वसूल कर रखा है। मुस्कराते हुए दास ने कहा कि हमें मालूम है कि कई लोगों का गुजारा इन्हीं पर्चियों के सहारे ही हो रहा है। ये अकेले सिर्फ हमें ही पर्ची नहीं देते,सब जगह यही करते फिरते हैं। इन्हीं पर्चियों के सहारे तो इनका खर्चा पानी चल रहा है।

विर्क को कमान

बदलाव अकेले पावर विभाग में नहीं हुआ,परिवहन विभाग में भी हो गया है। अब कला रामचंद्रन के स्थान पर उनके आईपीएस पति नवदीप विर्क को इस विभाग का प्रशासकीय सचिव लगाया गया है। तेजतर्रार अधिकारी विर्क के आने के बाद इस विभाग में हड़कंप मचा हुआ है। परिवहन विभाग में पहले से ही कुछ डीएसपी भी तैनात हैं। एक तरह से परिवहन विभाग पर पुलिस वालों का बहुत पहले से दिल आया हुआ है। पिछली कांग्रेस सरकार के समय में भी परिवहन विभाग में पुलिस वालों को प्रचुर मात्रा में काम करने के अवसर उपलब्ध करवाने की कई कोशिशें हुई,लेकिन तब वो सिरे नहीं चढ पाई थी। आईपीएस अधिकारी शत्रुजीत कपूर के प्रशासकीय सचिव लगने से शीर्ष स्तर पर इस विभाग की कमान आईपीएस के हाथ में आ गई थी। बाद में कला रामचंद्रन और अब विर्क को यहां सरकार ने तैनात किया है। परिवहन विभाग के बाद अब सरकार को एचपीएससी की साख सुधारने के लिए यहां भी किसी काबिल तेजतर्रार आईपीएस अफसर को लगाने पर विचार करना चाहिए। आईएएस और एचसीएस अफसरों ने एचपीएससी की साख पर बहोत बटटा लगा दिया है। इसे अब आईपीएस अफसर ही चार चांद लगा सकते हैं। जब सरकार इतने अभिनव प्रयोग कर ही रही है तो इस मामले पर भी गौर करना चाहिए। एचपीएससी या आईपीएस किसी एक का तो कल्याण जरूर होगा। इस हालात पर दुष्यंत कुमार की कुछ पंक्तियां हैं:

रौशन हुए चिराग तो आंखें नहीं रही
अंधों को रौशनी का गुमां और भी खराब
आगे निकल गए हैं घिसटते हुए कदम
राहों में रह गए हैं निशां और भी खराब
सोचा था उनके देश में मंहगी है जिंदगी
पर जिंदगी का भाव वहां और भी खराब

सफाई कर्मचारी

सफाई कर्मचारियों के महत्व को समझना हर किसी के बस की बात नहीं। इसके लिए संवेदनशील हृदय होना जरूरी है। हिसार के नगर निगम आयुक्त अशोक गर्ग ने स्वामी विवेकानंद की जयंती पर सफाई कर्मचारियों के बारे में उनके विचारों को सोशल मीडिया पर सांझा किया है। स्वामी विवेकानंद ने कहा: यदि ये निम्न श्रेणियों के लोग अपना अपना काम करना बंद कर दें तो तुम लोगों को अन्न-वस्त्र मिलना कठिन हो जाए। कलकत्ता में यदि ये लोग एक दिन के लिए काम बंद कर देते हैं तो हाय-तौबा मच जाती है। यदि तीन दिन वें काम बद कर दें तो संक्रामक रोगों से शहर बर्बाद हो जाए। इन्हें ही तुम लोग नीच समझ रहे हो और अपने को शिक्षित मान कर अभिमान कर रहे हो। स्वामी विवेकानंद के कहे का निचोड़ ये है कि नीच सफाई कर्मचारी नहीं है,बल्कि इनको छोटा समझने वाले नीच और तुच्छ सोच के लोग हैं। सरकार को इस वर्ग को ज्यादा से ज्यादा वेतन-सुविधाएं और इनकी जिंदगी बेहतर बनाने के लिए ठोस प्रयास करने चाहिए।

व्हाटसअप ग्रुप

हरियाणा के रिटायर्ड और मौजूदा आईएएस अधिकारियों का एक व्हाटसअप ग्रूप है। इस समूह में ज्यादातर अफसर शामिल है। इस ग्रुप में ज्यादा सक्रिय रिटायर्ड आईएएस अधिकारी हैं। वो इसमें अपनी कलाओं के जौहर दिखाते रहते हैं। सुंदर सुंदर से मैसेज-कमैंट करते रहते हैं। कुछ मौजूदा आईएएस अफसर इस सिलसिले को पंसद नहीं करते, जबकि कई इन मैसेज से लाभान्वित होते रहते हैं। वर्ष 1984 बैच के एक रिटायर्ड आईएएस अधिकारी कह रहे थे कि रिटायरमेंट के बाद हमारी हालत फ्यूज बल्ब की तरह हो जाती है। छोटे और बड़े का अंतर खत्म हो जाता है। समाज में महत्व कम हो जाता है। टाईम पास करना मुश्किल हो जाता है। जानकारी के लिए बतला दें कि जो आईएएस अधिकारी इस ग्रुप के बारे में टिप्पणी कर रहे थे वो इस व्हाटसअप ग्रूप के सदस्य नहीं है। वैसे सभी रिटायर्ड आईएएस अफसरों को फ्यूज बल्ब की संज्ञा देना उचित नहीं है। ये तो समाज के अन्य वर्गो-अन्य विधा के अफसरों पर भी समान रूप से लागू होता है। जिन अफसरों ने नौकरी में रहते हुए निस्वार्थ भाव से-मेरा क्या-मुझे क्या, से ऊपर उठ कर समाज सेवा की है-लोगों का भला किया है,उनके चाहने वाले आज भी कम नहीं है। हालांकि ऐसे अफसरों की संख्या ज्यादा नहीं है। इस हालात पर कहा जा सकता है:

जितना ऊंचा रूतबा होगा, इंसान उतना तन्हा होगा
कुछ भी समझे चढता सूरज, आखिर उसको ढलना होगा


error: Content is protected !!