-कमलेश भारतीय

हमारे ‘देसां में देस हरियाणा’ के मंत्री आजकल मंत्री होने की फीलिंग करवाने में सभी दूसरे राज्यों से कहीं आगे हैं । मज़ेदार बात कि सबसे पहली यह फीलिंग पंचकूला के अधिकारियों को करवायी जाती है । इसलिए हे पंचकूला के अधिकारियो सावधान , अब प्रथमिकता आपको ही मिल रही है और आप समझदारी दिखा कर अपने अपने ऑफिस में रहिए । हर मंत्री जब हरियाणा सचिवालय से निकलेगा तब सबसे पहले पंचकूला ही आयेगा यह बताने कि मंत्री की फीलिंग आ रही है या नहीं ? पहले हिसार से विधायक डाॅ कमल गुप्ता जब मंत्री बने तो जुम्मा जुम्मा दूसरे दिन ही पंचकूला के नगर निगम का औचक निरीक्षण कर डाला और 41 में से 29 लोग गैरहाजिर पाये तब वेतन काटने का आदेश दिया । फिर हिसार पहुंचे और कार्यकर्त्ताओं को पूछ लिया कि मंत्री बनने की फीलिंग आई कि नहीं ? और यह भी बताया कि सबसे ज्यादा आई ए एस उनके ही महकमे में हैं तो बताओ कितना बड़ा मंत्री बन गया मैं ,,,,इस फीलिग की चर्चा राज्य के सभी समाचारपत्रों में रही । समय पर ऑफिस आने का संदेश दे दिया कर्मचारियों को । कोई बुरी बात नहीं की ।

और ल्यो हमारे दूसरे दबंग मंत्री हैं दाढ़ी वाले बाबा अम्बाला के विधायक और गृहमंत्री अनिल विज । वे तो पहले से ही जो करते हैं तूफानी ही करते हैं । जैसे एक नायक एक विज्ञापन में कहता है -आओ कुछ तूफानी करते हैं । याद है फतेहाबाद की कष्ट निवारण समिति की बैठक जब बीच में छोड़कर चले गये कि या तो यह महिला एसपी रहेगी या मैं और उस घटना के बाद एस पी को बदल दिया मुख्यमंत्री ने । ऐसे दबंग हैं हमारे मंत्री महोदय और वे लगातार जनता से चाय पर मिलते हैं , बतियाते हैं और कभी कभार मुख्यमंत्री से टकराते रहते हैं । अब इन्होंने भी पंचकूला के सेक्टर छह स्थित अस्पताल का औचक निरीक्षण किया । इतना औचक कि जो डाॅक्टर या कर्मचारी चाय पीने गये थे वे उल्टे पांव लौट आए । सारा स्टाफ हरकत में आ गया जैसे कोई इंजेक्शन लग गया हो । फिर वे यह कह कर चले गये कि ध्यान रखना , मैं आता रहूंगा यानी वेल्कम बैक कहते रहना । यह जरूर कहते गये कि एप्रेन जरूर पहनें ।

इस तरह लगता है कि इन मंत्रियों को देख कर दूसरे मंत्री भी प्रेरणा लेंगे और अपने अपने क्षेत्र के लोगों को मंत्री बनने की प्यारी सी फीलिंग करवाते रहेंगे । यह बहुत जरूरी हो गया है और जनता को पता तो चले कि मंत्री खाली पीली समारोहों में ही नहीं जाते , औचक निरीक्षण पर भी निकल पड़ते हैं । जैसे कह सकते हैं

बचना ऐ कर्मचरियो
लो मैं आ गया
समय का पाठ पढ़ाने
वेतन काटने आ गया ,,
-पूर्व उपाध्यक्ष, हरियाणा ग्रंथ अकादमी ।

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