गृह मंत्री अनिल विज ने पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी को लिया आड़े हाथों

“पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी का स्पष्टीकरण नहीं है यह प्रधानमंत्री का रास्ता रोकने के षड्यंत्र में संलिप्त होने की स्वीकारोक्ति है”- अनिल विज

“देश में प्रजातंत्र है परंतु इसका मतलब यह नहीं कि अपनी बात कहने के लिए प्रधानमंत्री को चौंक चौंक पर रोक लिया जाए”- विज

चंडीगढ़, 7 जनवरी- हरियाणा के गृह एवं स्वास्थ्य मंत्री श्री अनिल विज ने आज पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि “पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी का स्पष्टीकरण कि देश में लोकतंत्र है क्या हो गया अगर लोग सड़क पर प्रधानमंत्री से बात करने के लिए आ गए । उन्होंने कहा कि यह स्पष्टीकरण नहीं प्रधानमंत्री का रास्ता रोकने के षड्यंत्र में संलिप्त होने की स्वीकारोक्ति है”।

श्री विज ने आज वन-टू-वन ट्वीट करते हुए कहा कि “पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी का स्पष्टीकरण कि देश में लोकतंत्र है क्या हो गया अगर लोग सड़क पर प्रधानमंत्री से बात करने के लिए आ गए। यह स्पष्टीकरण नहीं प्रधानमंत्री का रास्ता रोकने के षड्यंत्र में संलिप्त होने की स्वीकारोक्ति है। देश में प्रजातंत्र है परंतु इसका मतलब यह नहीं कि अपनी बात कहने के लिए प्रधानमंत्री को चौंक चौंक पर रोक लिया जाए”।

उल्लेखनीय है कि गत दिनों श्री विज ने कहा था कि किसी प्रदेश में कोई सरकार देश के प्रधानमंत्री को सुरक्षा प्रदान न कर सके, उससे ज़्यादा निकम्मापन और अक्षम सरकार हो नहीं सकती है। उन्होंने यह भी कहा था कि पंजाब सीमावर्ती प्रांत है और वहाँ पर ऐसी अक्षम सरकार होना, यह देश के लिए एक रिस्क और ख़तरा है। श्री विज के अनुसार ऐसी सरकार आज वहाँ बैठी है, जो अपने देश के प्रधानमंत्री को सुरक्षा प्रदान नहीं कर सकती है।

गौरतलब है कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी की पंजाब के फिरोजपुर में रैली थी लेकिन तेज बरसात के कारण उनकी रैली रद्द कर दी गई। वे प्रदेश को कई सौगातें देने वाले थे, इनमें दिल्ली-अमृतसर-कटरा एक्सप्रेस-वे, फिरोजपुर में पीजीआई सैटेलाइट सेंटर और कपूरथला-होशियारपुर में दो नए मेडिकल कॉलेज शामिल थे।  लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सुरक्षा में बड़ी चूक सामने आई। पंजाब के हुसैनीवाला में राष्ट्रीय शहीद स्मारक से लगभग 30 किलोमीटर दूर, जब प्रधानमंत्री का काफिला एक फ्लाईओवर पर पहुंचा, तो वहां कुछ प्रदर्शनकारियों ने सड़क को अवरुद्ध कर दिया था। प्रधानमंत्री 15-20 मिनट फ्लाईओवर पर फंसे रहे और प्रधानमंत्री की सुरक्षा में यह बड़ी चूक थी। प्रधानमंत्री के कार्यक्रम और यात्रा की योजना के बारे में पंजाब सरकार को पहले ही बता दिया गया था। प्रक्रिया के अनुसार उन्हें रसद, सुरक्षा के साथ-साथ आकस्मिक योजना तैयार रखने के लिए आवश्यक व्यवस्था करनी थी।

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