डाडम खनन हादसे की होनी चाहिए उच्च स्तरीय जांच: किरण चौधरी

प्रदेश के खनन क्षेत्रों में अनियमित्ताओं की बार-बार विधानसभा पटल पर उठाई मांग  
खनन से जुड़ा है हजारों लोगों का रोजगार

भिवानी 7, जनवरी । पूर्व मंत्री एवं विधायक किरण चौधरी ने प्रदेश भर में खनन में हो रही अनियमित्ताओं की उच्च स्तरीय जांच की मांग की है। आज डाडम हादसे के बाद यहां पहुंची किरण चौधरी ने मृतकों के परिजनों को 25-25 लाख रूपए मुआवजा और नियमानुसार खनन कार्य की मांग की।

 मीडिया से रूबरू होते हुए बताया कि इस सारे मामले की उच्च स्तरीय जांच होनी चाहिए, ताकि दूध का दूध और पानी का पानी हो सके। किरण चौधरी ने कहा कि वे इस खनन क्षेत्र से लंबे समय से विधायक रही है तथा बार-बार विधानसभा पटल पर यहां खनन कार्य में हो रही अनियमित्ताओं की मांग उठाती रही, परन्तु उचित जांच के अभाव में अनियमित्ताएं होती रही, जिसके चलते इस प्रकार का हादसा हुआ।
 उन्होंने कहा कि डाडम हादसे की सच्चाई तभी सामने आएगी जब सैटेलाईट के माध्यम से पूरे क्षेत्र की जांच हो। फिर चाहे कोई कितना भी बड़ा क्यों ना हो उसके खिलाफ कार्यवाही होनी चाहिए।   

 किरण चौधरी ने कहा कि इस खनन क्षेत्र से प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रूप से लगभग एक लाख लोग जुड़े हुए है, ऐसे में दोषी व्यक्तियों पर कार्रवाई के साथ ही खनन कार्य खनन कार्य नियमों के अनुसार शुरू किया जाना चाहिए तथा किसी भी अनियमित्ता पर तुरंत प्रशासनिक कार्रवाई की जानी चाहिए।   

किरण चौधरी ने आरोप लगाया कि ना केवल डाडम, बल्कि राज्य में अन्य जगहों खानक, दादरी, यमुनानगर, फरीदाबाद हर जगह पर खनन संबंधी अनियमित्ताएं हो रही है। जिन पर संज्ञान लिया जाना चाहिए। किरण चौधरी ने कहा कि पूरे अरावली क्षेत्र में इस प्रकार का खनन कार्य हो रहा है, ऐसे में एरियल तरीके से खनन कार्यो की जांच होनी चाहिए।

 उन्होंने कहा कि वे पिछले पांच सालों से लगातार अरावली के संरक्षण के बारे में आवाज उठाती रही हैं, लेकिन सरकार ने इस ओर पूरी तरह से आंखें मूंद रखी हैं। उन्होंने कहा कि जब तक अरावली श्रंख्लाओं का सही तरीके से संरक्षण नहीं होगा तब तक पर्यावरण को नहीं बचाया जा सकता। 

उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार किसानों का निरंतर शोषण कर रही है। बाढड़ा क्षेत्र में तो किसानों को उनकी फसलों का 2020 तक का भी मुआवजा नहीं मिल पाया है।

 उन्होंने कहा कि प्रदेश के 5100 साक्षर प्रेरकों को कौशल रोजगार निगम में शामिल ना करना दुर्भागय पूर्ण है। उन्होंने कहा कि साक्षर प्रेरकों ने 2012 से 2017 तक प्रोढ़ शिक्षा व स्वच्छता अभियान में कार्य किया था। इसमें 60 फीसदी महिलाएं शामिल हैं। ऐसे में सरकार की बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओं योजना भी पूरी तरह से विफल हो चुकी है। किरण चौधरी ने पहाड़ में हुए हादसे में मृतक बागनवाला निवासी विजेंद्र के घर पहुंचकर शोक संतृप्त परिजनों को सांत्वना और ढाढस बंधाया।

इस अवसर पर अमर सिंह हालुवासिया, राम प्रताप शर्मा, कृष्ण लेघां, हरी सिंह सांगवान, शीशराम मेचू, राजू मान, शीशराम चेयरमैन, परमजीत मडडू, देवराज महता, विजय खोरड़ा, रविंद्र खरे, दिलबाग निमड़ी, सविता मान, अमन तंवर राघव, अजीत फोगाट, रणधीर धिकाड़ा भी उनके साथ थे।

You May Have Missed

error: Content is protected !!