हरियाणा प्रदेश के अस्थाई मान्यता प्राप्त स्कूलो को वर्तमान सत्र की एक्सटेशन नही मिलने से. बंटी शर्मा चंडीगढ़-: वर्तमान में प्रदेश में फिर से लॉक डाउन की आहट के बीच सरकार ने 12 जनवरी तक सभी स्कूल, कॉलेज और आईटीआई की छुट्टियां करने की घोषणा कर दी है सरकार की इस घोषणा ने हरियाणा प्रदेश के 3200 के करीब अस्थाई मान्यता प्राप्त स्कूलो को चिंता में डाल दिया हैं हरियाणा में बढ़ते कोरोना के कारण सरकार ने सख्ती से लॉक डाउन का पालन करने बारे आदेश पारित किए हैं जिससे हरियाणा प्रदेश में पिछले 40 से 45 साल से चल रहे अस्थाई मान्यता प्राप्त स्कूलो में पढ़ रहे 10वी ओर 12वी के भविष्य पर सवाल उठने शुरू हो गए हैं गौर करने योग्य बात हैं कि हरियाणा में हजारो की संख्या में पिछले 40 – 45 साल से अस्थाई मान्यता प्राप्त स्कूल चल रहे हैं जिन्हें अब तक सरकार द्वारा हर साल एक एक वर्ष की एक्सटेशन दी जाती रही है लेकिन पिछले सत्र में दी गई एक्सटेशन 31 मार्च को खत्म हो चुकी हैं लेकिन पिछली बार लॉक डाउन के कारण सरकार की तरफ से अप्रैल तक सत्र जारी रखा गया और हालातो को देखते हुए बोर्ड की सभी कक्षा के छात्रो को बिना परीक्षा ही पास करना पड़ा ओर सरकार और शिक्षा विभाग के कोई नए आदेश नही आने के कारण ओर कोरोना से आर्थिक हालात प्रभावित होने के कारण प्राइवेट स्कूलों ने भी नए छात्रो को अगली कक्षा में दाखिला दे दिया शिक्षा विभाग ने सभी प्राइवेट स्कूलों के छात्रो के स्पोर्ट्स फंड भी विभाग में जमा का लिए इसके साथ साथ नियम 134 ए के दाखिले भी इन अस्थाई मान्यता प्राप्त स्कूलो में हो गए अब शिक्षा विभाग के नए आदेशो ने 3200 अस्थाई मान्यता प्राप्त स्कूलो को चिंता में डाल दिया हैं अस्थाई मान्यता प्राप्त स्कूल संचालकों का कहना हैं कि शिक्षा विभाग ने हरियाणा के स्थाई मान्यता प्राप्त स्कूलो के 10वी ओर 12वी के छात्रो के परीक्षा फार्म भरवा लिए हैं जिसकी अंतिम तिथि भी जा चुकी हैं लेकिन अस्थाई मान्यता प्राप्त स्कूलो से अभी तक ना तो सम्बन्द्धता शुल्क भरवाया गया हैं और ना ही प्रदेश के अस्थाई मान्यता प्राप्त स्कूलो में पढ़ रहे छात्रो के परीक्षा फार्म भरवाए गए हैं जिससे उन स्कूलो में पढ़ रहे लाखो बच्चो के भविष्य पर भी खतरा मंडरा गया हैं अभिभावको का कहना हैं गलती स्कूल की या शिक्षा विभाग की बात समझ से परे वही अभिभावको का कहना हैं कि अभी तक हमारे बाच्चो के परीक्षा फार्म नही भरे गए हैं इसके लिए स्कूल संचालक जिम्मेवार हैं या शिक्षा विभाग या सरकार ,बात समझ से दूर हैं क्योकि जिस स्कूल में हमारे बच्चे वर्तमान सत्र में दाखिला लिए हुए हैं उस स्कूल से हमारे दूसरे बच्चे बोर्ड की परीक्षा देकर पास हो चुके हैं इससे लगता हैं कि स्कूल मान्यता प्राप्त हैं लेकिन अब अचानक पता लगा हैं कि स्कूल को मान्यता नही मिली जिसके कारण बच्चे बोर्ड की परीक्षा नही दे पाएंगे अब पहले उस स्कूल के छात्र बोर्ड की परीक्षा पिछले कई साल दे रहे रहे हैं तो अचानक शिक्षा विभाग ने ये कैसा फैसला लिया हैं अगर इस तरह का सरकार द्वारा या शिक्षा विभाग द्वारा कोई फैसला लेना था तो अभिभावको को इस बारे में जागरूक करना था अब हमारे बच्चों का भविष्य अंधकारमय होता नजर आ रहा हैं अभिभावको का कहना हैं कि मामला अभी संज्ञान में आया हैं हम स्कूल जाकर स्कूल संचालक से इस मुद्दे पर बात करेंगे और पूरे मामले को सुनकर ही आगे फैसला लेगे शिक्षा विभाग का कहना सरकार की तरफ से उन्हें नही मिला मान्यता देने बारे कोई आदेश शिक्षा विभाग के अधिकारियो का कहना है की ये ऐसे स्कूल हैं जो अस्थाई मान्यता पर चल रहे हैं और शिक्षा विभाग से साल दर साल एक्सटेशन दी जाती हैं लेकिन सरकार द्वारा अभी तक हमारे पास कोई ऐसा आदेश नही आया हैं जिससे हम अस्थाई मान्यता प्राप्त स्कूलो के बोर्ड परीक्षा फार्म भरवा सके अगर सरकार की तरफ से एक्सटेशन देने बारे कोई आदेश आता हैं तो प्रदेश में चल रहे अस्थाई मान्यता प्राप्त स्कूलो के छात्रो के बोर्ड परीक्षा के फार्म भरवा लिए जाएंगे लेकिन अब समय भी कम बचा हुआ हैं जिससे फार्म भरवाने में समस्या आ सकती हैं स्कूल संचालको का कहना हमे शिक्षा मंत्री से एक्सटेशन का सिर्फ मिला आश्वासन वही अस्थाई मान्यता प्राप्त स्कूल संचालको ने बताया कि ये अस्थाई मान्यता प्राप्त स्कूल पिछले लगभग 40 साल से चल रहे हैं जब प्राइवेट स्कूलों के लिए मान्यता लेने के लिए कोई नियम नही थे ओर शिक्षा विभाग अस्थाई मान्यता देता था जो 2 साल बाद स्थाई हो जाती थी लेकिन अब शिक्षा विभाग ने मान्यता के लिए नियम बनाये हुए हैं जो इन स्कूलो पर लागू नही होते लेकिन शिक्षा विभाग इन पर नए नियम थोपना चाहता हैं जिन्हें पूरे करना इन स्कूलो के बसका नही हैं इसके साथ साथ हरियाणा में हजारो की संख्या में हरियाणा बोर्ड से सम्बद्धता प्राप्त डीएड संस्थान भी अस्थाई मान्यता पर ही चले हुए हैं जिन्हें हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड द्वारा ही हर साल एक्सटेशन दी जाती हैं इसके अलावा हरियाणा में बीएड कॉलेज भी कई साल से अस्थाई मान्यता पर चले हुए हैं लेकिन शिक्षा विभाग गरीब बच्चो को कम मासिक फीस लेकर शिक्षा दे रहे प्राइवेट स्कूलों को बन्द करने पर उतारू हैं जबकि जब भी प्राइवेट स्कूल यूनियन का प्रतिनिधिमंडल शिक्षा मंत्री कंवरपाल गुर्जर से मिला हैं तो उन्होंने पूर्ण आश्वासन दिया हुआ हैं लेकिन अब तो बोर्ड परीक्षा के लिए बहुत कम समय शेष हैं लेकिन एक्सटेशन पत्र का जारी न होना चिंताजनक हैं गौरतलब हैं कि हरियाणा प्रदेश में हजारो की संख्या में अस्थाई मान्यता पर स्कूल चल रहे हैं लेकिन अब इन स्कूलो के छात्रो के बोर्ड की परीक्षा होने पर संदेह हैं जिससे इनके भविष्य पर सवाल उठने शुरू हो गए हैं वही शिक्षा विभाग और प्राइवेट स्कूलों की लड़ाई में अभिभावकों को मंझदार में डाल दिया हैं जिनके बच्चे इन स्कूलो में शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं अगर इन बच्चो के परीक्षा फार्म समय रहते नही भरवाए जाते हैं तो लाखो बच्चो के भविष्य पर प्रश्न चिह्न 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