स्थानीय निवासियों द्वारा निगम को नकारना उनकी जागरूकता का प्रतीक पटौदी, 30/12/2021 :- ‘इसमें कोई दो राय नही की मानेसर निगम की जरूरत स्थानीय जनता को है या नही इसका फैसला लेने का हक़ मानेसर नगर निगम में शामिल होने वाले क्षेत्रवासियों को ही है और मैं इस विषय मे स्थानीय जनता द्वारा लिए जाने वाले फैसले के साथ हूँ, उनके सम्मान के साथ हूँ।’ ये कहना है स्थानीय महिला कॉन्ग्रेस नेत्री सुनीता वर्मा का। उन्होंने प्रेस विज्ञप्ति जारी करते हुए मानेसर नगर निगम के विरोध में उतरे स्थानीय लोगों का समर्थन करते हुए उनको धन्यवाद कहा और मानेसर वासियों की एकजुटता को सैल्यूट बोला। गौरतलब है कि मानेसर निगम निर्माण के बाद से ही स्थानीय लोगों और उनकी समस्याओं तथा उनकी शंकाओं की लगातार अनदेखी सरकार व निगम प्रशासक द्वारा की जा रही थी, अंततः लोगों का धैर्य जवाब दे गया और निगम में शामिल 29 गांवों ने बीते बुधवार को महापंचायत बुला कर मानेसर नगर निगम के अस्तित्व को ही नकार दिया, और सभी ने इसे खत्म कराने का निर्णय भी संकल्प स्वरूप लिया। कॉन्ग्रेस नेत्री ने इसी मुद्दे पर बोलते हुए कहा कि मानेसर निगम की स्थापना से पूर्व ही खुद मैंने उन सभी संदेहों व आशंकाओं को जाहिर कर दिया था जिन्हें आज निगम के विरोध में महापंचायत में उठाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि मैंने एक वर्ष पहले 29 दिसम्बर 2020 को प्रेस कॉन्फ्रेंस के द्वारा स्पष्ट कर दिया था कि निगम बनाने का फैसला स्वागतयोग्य है अगर सरकार की मंशा ठीक हो तो, लेकिन सब जानते हैं कि इनकी नियत में खोट है और उसे सरकार ने मानेसर निगम में हुई भर्तियों से साबित भी कर दिया जब बाहर के लोगों को यहां नियुक्तियां मिली और स्थानीय लोग मुहं ताकते रह गए। वर्मा ने कहा कि अब आगे भी यही होना है, जिस तरहं से प्रदेश में सर्वाधिक राजस्व देने वाले क्षेत्र गुरुग्राम का सारा पैसा गुरुग्राम में लगने की बजाए गुरुग्राम के बाहर प्रदेश के अन्य हिस्सों में लगाया जाता है ठीक वैसे ही निगम मानेसर से अर्जित राजस्व को भी अन्यत्र ही खर्च किया जाएगा। कॉन्ग्रेस नेत्री ने अपनी प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से कहा कि इस बात का जो अंदेशा था वो इस महापंचायत ने भी स्वीकार कर लिया कि निगम बनने से इसमें शामिल ग्राम पंचायतों की जमीन पर अवैध कब्जों की भरमार हो जाएगी, जमीन घोटाला खुल कर सामने आएगा, करोड़ों की जमीनों को कौड़ियों के दाम अपने चहेते पूंजीपतियों को सौंप दी जाएंगी। उन्होंने कहा कि वास्तव में तो इस निगम का निर्माण ही पूंजीपतियों को खुश करने और उन्हें सौगातें देने के लिए किया गया है, इसमें स्थानीय लोगों की इच्छाओं और जरूरतों की जमकर अनदेखी की गई है।स्थानीय कॉन्ग्रेस नेत्री ने कहा कि निगम में शामिल हुई पंचायतों की जमा पूंजी पर उन गांवों का नियंत्रण समाप्त हो जाएगा और वो विकास कार्यों के लिए निगम महापौर के रहमोकरम पर आश्रित हो जाएंगी, जो पंचायतें सरकार से अपना स्वतंत्र फण्ड पा कर अपने हिसाब से गांव में विकास कार्य करवा सकती थी वो अपनी खुद की चौधर खो कर मात्र अपने एक वार्ड पार्षद के सहारे निगम प्रमुख की दया पर निर्भर रहेंगें ये सब बातें अब लोग समझ गए हैं। उन्होंने इस महापंचायत को लोगों की जागरूकता व समझ बताते हुए कहा कि लग जान गए हैं कि निगम उनके लिए अभिशाप है, क्योंकि इससे समस्याएं ही बढ़ रही हैं, साथ मे हाउस टैक्स बढ़ जाएगा, गलियां सफाई को तरस जाएंगी, निगम में भ्रष्टाचार चरम पर होगा, अपराधियों व माफियाओं का राज होगा, जमीन अधिग्रहण का खतरा तय मानिए। ‘नाम बड़ा और दर्शन छोटे’ वाली कहावत चरितार्थ होगी।उन्होंने कहा कि अजीब विडंबना तो ये है कि इन आशंकाओं को लेकर जब स्थानीय लोगों ने 29 गांवों को लेकर महापंचायत बुलाई तब भी उनकी शंकाओं के निवारण के लिए स्थानीय बीजेपी विधायक, प्रशासन व निगम प्रबंधक आगे नही आये, ऐसा क्यों? Post navigation बिलासपुर और कुलाना के बीच ऊंचा माजरा गांव में 5 घंटे रोड जाम गांव मिलकपुर का छोरा योगेश राजपथ परेड में करेगा कदमताल