पटौदी नागरिक अस्पताल में आंखों के लिए बचे केवल 25 लेंस. अभी तक करीब एक हजार ऑपरेशन आंखों के किए जा चुके. पटौदी नागरिक अस्पताल प्रशासन ने भेजी पांच सौ लेंस की डिमांड. सप्ताह में 3 दिन आंखों की जांच और 3 दिन किए जाते हैं ऑपरेशन फतह सिंह उजाला पटौदी । हरियाणा सरकार और सूबे के सेहत मंत्री अनिल विज सरकारी स्वास्थ्य सेवाओं पर लगातार उपलब्धियां गिनाते आ रहे हैं । इस बात में कोई गुंजाइश बाकी नहीं है कि प्रधानमंत्री पीएम के नाम पर गरीबों सहित जरूरतमंद आम जनमानस के लिए विभिन्न प्रकार की उपचार सुविधाएं सरकारी अस्पतालों में उपलब्ध हो रही है । लेकिन जब हकीकत सामने आती है तो चिंता का बढ़ना भी स्वभाविक सी बात है। पटौदी के नागरिक सामान्य अस्पताल में लाख टके का सवाल बनकर खड़ा हो गया है कि आंखों में डाले जाने वाले लेंस समाप्त होने के कगार पर पहुंच चुके हैं। ऐसे में जरूरतमंद विशेष रुप से बुजुर्ग लोगों के आंखों की रोशनी कैसे लौटेगी ? यह मामला पटौदी के सामान्य नागरिक अस्पताल से जुड़ा हुआ है । आज के समय में पटौदी नागरिक अस्पताल में जो सुविधाएं ,उपकरण ,संसाधन आंखों के उपचार के लिए उपलब्ध हैं । इस प्रकार की सुविधा और संसाधन देश के सबसे बड़े अस्पताल एम्स या फिर एम्स के समकक्ष अस्पतालों में ही उपलब्ध है । पटौदी क्षेत्र के ही हेलीमंडी इलाके में भगवान महावीर राजकीय सामान्य अस्पताल की पहचान आज भी आंखों के अस्पताल के रूप में बरकरार है । लेकिन जब से पटौदी में 50 बेड का नया अस्पताल बनाया गया । इसके बाद मार्च 2020 में यहां पर आई सर्जन डॉक्टर सुशांत शर्मा के द्वारा कार्यभार संभाला गया और आंखों का पहला ऑपरेशन 3 जुलाई 2020 को किया गया । इसके बाद से अभी तक लगभग आंखों में लेंस डालने सहित अन्य प्रकार के करीब 1000 ऑपरेशन पटौदी नागरिक अस्पताल में किए जा चुके हैं । सही मायने में गुरुग्राम और रेवाड़ी के बीच पटौदी नागरिक सामान्य अस्पताल ही एकमात्र ऐसा स्वास्थ्य केंद्र है , जहां पर आंखों के ऑपरेशन करवाने के लिए या फिर आंखों में लेंस डलवाने के लिए स्थानीय आंखों के रोगी ही नहीं दूर दराज के इलाकों से भी आंखों के रोगी पटौदी नागरिक अस्पताल को ही प्राथमिकता देने लगे हैं । इसका सबसे मुख्य कारण है आई सर्जन डॉक्टर सुशांत शर्मा के द्वारा किए जा रहे आंखों के ऑपरेशन के बाद पीड़ितों का 100 प्रतिशत संतुष्ट होना । सूत्रों के मुताबिक पटौदी सामान्य नागरिक अस्पताल में समाचार लिखे जाने के समय तक आंखों में डाले जाने वाले केवल मात्र 25 लेंस ही बाकी बचे हैं । जबकि जनवरी के अंतिम सप्ताह तक आंखों के रोगियों को लेंस डालने की अग्रिम रूप से तिथि भी हुई है । अस्पताल सूत्रों के मुताबिक ही सोमवार को जिस नंबर और कैटेगरी के लेंस बचे हैं , उनकी सूची भी अस्पताल में चस्पा कर दी गई है जिससे कि आंखों में लेंस डलवाने के ऑपरेशन करवाने वाले रोगी परेशान नहीं हो । देश के सबसे बड़े अस्पताल एम्स के बाद पटौदी नागरिक अस्पताल ही एकमात्र ऐसा सरकारी स्वास्थ्य केंद्र है जहां पर आंखों के जटिल रोगों की पहचान करने के लिए महंगे उपकरण उपलब्ध हैं । इतना ही नहीं पटौदी नागरिक अस्पताल में आंखों की बीमारियां अथवा रोग या फिर अन्य जांच के लिए अल्ट्रासाउंड जैसी सुविधा भी उपलब्ध है । पटौदी सामान्य नागरिक अस्पताल के आई सर्जन डॉक्टर सुशांत शर्मा के मुताबिक अस्पताल में जो भी लेंस उपलब्ध हैं , वह जरूरतमंद आंखों के रोगियों का ऑपरेशन करके उनकी आंखों में लगाए जा रहे हैं। जिस नंबर के लेंस की संबंधित रोगी को जरूरत है अथवा उसको आंख में लगाया जाना है, यदि वह लेंस उपलब्ध नहीं है तो निश्चित ही संबंधित आंख के रोगी को लेंस के आने तक इंतजार ही करना पड़ेगा। पटौदी नागरिक अस्पताल के ही सूत्रों के मुताबिक सामान्यता आंखों से कम दिखाई देने की सूरत में अधिकांशत 18 से 25 नवबर तक के लेंस की सबसे अधिक जरूरत होती है। इसमें भी 80 से 90 प्रतिशत तक आंखों के रोगियों को 18 से 21 नंबर तक के लेंस लगाए जाते हैं । अब हालात यह है कि पटौदी सामान्य नागरिक अस्पताल में आंखों के रोगियों को लगाने के लिए केवल मात्र 25 लेंस ही बचे हैं। वही सप्ताह में एक के बाद एक 3 दिन सभी प्रकार के आंखों के 10 ऑपरेशन किए जा रहे हैं । यदि जल्द ही हरियाणा सरकार , हरियाणा स्वास्थ्य विभाग और सूबे के सेहत मंत्री अनिल विज के द्वारा पटौदी नागरिक अस्पताल मैं जरूरत के मुताबिक आंखों के उपचार के लिए भेजी गई डिमांड के अनुसार लेंस उपलब्ध नहीं करवाए गए तो इस बात से भी इनकार नहीं कि जल्द ही यहां उपलब्ध लेंस का कोटा भी समाप्त हो जाएगा । इसके बाद आंखों के ऑपरेशन जारी रहेंगे इस बात पर भी गंभीर संकट खड़ा होना तय है। इन सब हालात में खामियाजा जरूरतमंद और गरीब लोगों को ही भुगतना पड़ेगा। Post navigation डॉक्टर की चेयर पर बैठने से रोका तो पुलिस जी का पारा गरम कोरोना का बढ़ता खतरा….कोरोना के नए वेरिएंट से निपटने को तैयार : डॉक्टर सुशांत