जहां किसान को दस बैग की जरूरत है वहां सिर्फ एक बैग ही मिल रहा है
खाद की उपलब्धता जो सरकार ने दिखाई है वह पिछले कोटे के मुकाबले कम है, ऐसे में सरकार के पर्याप्त मात्रा में खाद की उपलब्धता के दावे खोखले साबित हुए हैं
भाजपा सरकार कालाबाजारियों को दे रही है संरक्षण
चंडीगढ़, 21 दिसंबर: ऐलनाबाद से इनेलो विधायक अभय सिंह चौटाला ने मंगलवार को विधानसभा सत्र के तीसरे दिन शून्यकाल मे कृषि मंत्री के सदन में दिए गए जवाब पर बोलते हुए कहा कि कृषि मंत्री ने जो बयान दिया है वो ऐसा था जैसे प्रदेश में डीएपी और यूरिया की कोई कमी नहीं है जबकि यह जगजाहिर है कि सरसों की बिजाई से लेकर अब तक पूरे प्रदेश के किसान हर जिले में खाद के लिए लाइन में खड़े हैं जिसकी खबर सभी अखबारों में प्रमुखता से छपी है, इसे सरकार नकार नहीं सकती है। उन्होंने कृषि मंत्री के लोहारू हलके के बहल में खाद के लिए लाइन में खड़े हजारों किसानों का एक वीडियो का जिक्र करते हुए कहा कि वहां खाद उपलब्ध नहीं है।
अभय सिंह चौटाला ने कहा कि जो खाद किसानों को सोसायटियों में मिलना चाहिए था वह खाद बाजार में 100-300 रूपए प्रति बैग ज्यादा देकर ब्लैक में खरीदने पर मजबूर हैं। इसके अलावा जहां किसान को दस बैग की जरूरत है वहां सिर्फ एक बैग ही मिल रहा है, साथ ही उस किसान को खरपतवार की दवाई जबरदस्ती दी जा रही है। यह सराकर तय नहीं करेगी बल्कि किसान ने तय करना है कि उसने खेत में कौन सी खाद डालनी है और कौन सी स्प्रे करनी है।
कृषि मंत्री ने अपने जवाब में स्वयं स्वीकार किया है कि सरसों की बिजाई जो पहले 15 लाख एकड़ में होती थी अबकी बार 19 लाख एकड़ में की गई है। वहीं गेहूं की बिजाई जो पहले 58 लाख एकड़ में थी अबकी बार 57 लाख एकड़ में है जबकि खाद की उपलब्धता जो सरकार ने दिखाई है वह पिछले कोटे के मुकाबले कम है। ऐसे में सरकार के पर्याप्त मात्रा में खाद की उपलब्धता के दावे खोखले साबित हुए हैं।
गेहूं की बिजाई के लिए जो डीएपी खाद किसानों को दिया जाता है उसमें नाइट्रोजन की मात्रा सिर्फ 9 प्रतिशत होती है जबकि गेहूं की फसल के लिए नाइट्रोजन की मात्रा 50 प्रतिशत चाहिए। 41 प्रतिशत की कमी यूरिया से पूरी की जाती है। आज हालत ये है कि खाद की कमी के कारण गेहूं की फसल पीली पड़ चुकी है। जो फसल 60-70 मन प्रति एकड़ होनी चाहिए वह अब 40 मन प्रति एकड़ तक ही रह जाएगी जिससे किसान की होने वाली आय पर सीधा असर पड़ेगा। खाद का बैग पहले 50 किलो का था अब भाजपा सरकार में 45 किलो का कर दिया गया है और कीमत बढ़ा दी गई है जिससे किसान पर दोहरी मार पड़ रही है।
उन्होंने भाजपा सरकार पर कालाबाजारियों को सरंक्षण देने का आरोप लगाते हुए कहा कि कैथल जिला में किसानों ने कालाबाजारी की शिकायत पुलिस में की। पुलिस ने छापामारी कर खाद पकड़ा और खाद को बंटवा दिया लेकिन जिस व्यक्ति के पास से खाद पकड़ा गया उसके खिलाफ न तो कोई एफआईआर दर्ज की गई और न कोई कानूनी कार्रवाई की गई। उन्होंने कहा कि ऐसे लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर तुरंत कार्रवाई की जाए।