सवाल- एचपीएससी में जो उपसचिव का पद है क्या वो स्वीकृत है? और अगर स्वीकृत नहीं है तो किसी व्यक्ति को उस पद पर कैसे नियुक्त किया गया है अगर भूपेंद्र हुड्डा ने गलत काम करवाने के लिए कोई गलत फैसला लिया तो आप भी उसी परंपरा को आगे बढ़ाते चले गए, आपने उस पद को खत्म क्यों नहीं किया आरोप- आज तक जितने भी घोटाले प्रदेश में हुए हैं उनकी जांच बेनतीजा रही है और किसी एक व्यक्ति को भी पकड़ा नहीं गया है और ना ही प्रदेश की जनता के सामने किसी दोषी का नाम उजागर किया गया है गंभीर आरोप- भर्ती घोटाले का यह सारा खेल मुख्यमंत्री के यहां से चल रहा है क्योंकि आलोक वर्मा जो सीएम के एडीसी थे उसको मुख्यमंत्री ने ही एचपीएससी के चेयरमैन के पद पर नियुक्त किया है जांच- पूरे मामले की जांच विजिलैंस से करवाने के बजाय हाईकोर्ट के सिटिंग जज द्वारा करने के आदेश दिए जाएं ताकि दूध का दूध और पानी का पानी हो सके चंडीगढ़, 20 दिसंबर: इनेलो विधायक अभय सिंह चौटाला ने सोमवार को विधानसभा सत्र के दूसरे दिन एचपीएससी भर्ती घोटाले पर बहस के दौरान भाजपा गठबंधन सरकार पर तीखे हमले करते हुए कहा कि पहले दो दर्जन पेपर लीक मामले में सरकार और एचएसएससी पर गंभीर आरोप लगे उसके बाद एचपीएससी जो ए और बी क्लॉस की नियुक्तियां करती है उस पर करोड़ों रूपए लेकर नौकरी देने के आरोप लगे हैं। हमारे प्रदेश में सरकार के अलावा दो और एजेंसियां हैं जो रोजगार उपलब्ध करवाती हैं और आज तीनों ही नौकरियां बेचने के आरोप में कटघरे में खड़ी हैं। हरियाणा का पढ़ा लिखा योग्य युवा सरकार के प्रति गुस्से में है, आक्रोषित है और अपने भविष्य को लेकर नाउम्मीद है। उन्होंने मुख्यमंत्री को घेरते हुए कहा कि आप ‘‘ना पर्ची ना खर्ची’’ का झूठ जनता मे फैलाते रहे लेकिन अब तो खर्ची पर्ची नहीं रूपयों का बैग भरा है तो कहीं जाकर रोजगार मिलने की उम्मीद बंधती है और उसकी भी गारंटी नहीं है। मुख्यमंत्री से सवाल करते हुए कहा कि एचपीएससी में जो उपसचिव का पद है क्या वो स्वीकृत है? और अगर स्वीकृत नहीं है तो आप बताएं कि किसी व्यक्ति को उस पद पर कैसे नियुक्त किया गया है। यूपीएससी 1997 ग्रुप ए सेवा नियम के अनूसार उसमें उप-सचिव का कोई पद नहीं है केवल कंट्रोलर ऑफ एग्जामिनेशन का पद शामिल है जबकि आपने उप-सचिव लगा रखा है। आपने कहा कि इस पद पर नियुक्ति भूपेंद्र हुड्डा के मुख्यमंत्री रहते हुई थी, अगर भूपेंद्र हुड्डा ने गलत काम करवाने के लिए कोई गलत फैसला कर रखा है तो आप भी उसी परंपरा को आगे बढ़ाते चले गए, आपने उस पद को खत्म क्यों नहीं किया। अक्तूबर 2020 में जब हरियाणा सरकार द्वारा एचसीएस की कैडर संख्या निर्धारित की गई थी उस आदेश में एचसीएस अधिकारियों के स्वीकृत पदों में एचपीएससी में केवल सचिव का पद ही शामिल किया गया था। अभय सिंह चौटाला ने मुख्यमंत्री पर हमला बोलते हुए कहा कि आपने एचपीएससी के चेयरमैन के पद पर जिस आलोक वर्मा को नियुक्त किया हुआ है वह मध्यप्रदेश के वन विभाग कैडर का है। क्या हरियाणा प्रदेश में आपको एक भी योग्य व्यक्ति नहीं मिला जिसे इतने जिम्मेवार पद पर नियुक्त किया जा सके? पहले आपने आलोक वर्मा को अपना एडीसी नियुक्त किया फिर उसी को इसलिए एचपीएससी का चेयरमैन नियुक्त कर दिया क्योंकि आप अपनी मनमर्जी के लोगों को रूपए लेकर एचसीएस के पदों पर नियुक्त कर सको जो आज साबित भी हो चुका है कि करोड़ों रूपए लेकर नौकरियां दी जा रही हैं। उन्होंने कहा कि भर्ती घोटाले में पकड़े गए उपसचिव पहले से ही शिक्षा बोर्ड में गड़बडिय़ां करने के आरोपी हैं उसके बावजूद नागर को इतने महत्वपूर्ण पद पर किसकी सिफारिश पर नियुक्त किया गया जिसकी जांच होनी चाहिए। एचपीएससी चेयरमैन ने एक साक्षात्कार में यह माना है कि एचपीएससी की गोपनीयता और चैकिंग का सारा काम एचपीएससी के आईएएस अफसर जो सचिव है ने व्यक्तिगत कारणों से करने से मना कर दिया था। इसी प्रकार जिस ओएमआर शीटस स्कैन करने वाली जसबीर नामक व्यक्ति की कंपनी है उसको पूर्व एचपीएससी चेयरमैन ने हटा दिया था, उसी कंपनी को आलोक वर्मा ने फिर से आऊटसोर्सिंग का काम दे दिया जिसे स्वयं मुख्यमंत्री ने भी स्वीकार किया है। अभय सिंह चौैटाला ने मुख्यमंत्री से कहा कि आज तक जितने भी घोटाले प्रदेश में हुए हैं उनकी जांच बेनतीजा रही हैं और किसी एक व्यक्ति को भी पकड़ा नहीं गया है और ना ही प्रदेश की जनता के सामने किसी दोषी का नाम उजागर किया गया है। मुख्यमंत्री ने स्वयं इस सदन में शराब घोटाले की जांच करने का आश्वासन दिया था लेकिन उस जांच का अब तक क्या हुआ? अभय सिंह चौटाला ने मुख्यमंत्री पर सीधा आरोप जड़ते हुए कहा कि यह भर्ती घोटाले को जो मामला है यह सारा खेल आपके यहां से चल रहा है क्योंकि आलोक वर्मा जो आपके एडीसी थे उसको आपने ही एचपीएससी के चेयरमैन के पद पर नियुक्त किया है इसलिए पूरे मामले की जांच विजिलैंस से करवाने के बजाय हाईकोर्ट के सिटिंग जज द्वारा करने के आदेश दिए जाएं ताकि दूध का दूध और पानी का पानी हो सके। उन्होंने मुख्यमंत्री से कहा कि उडार गगन मामले जैसी जांच न करवाएं जिसमें पहले आपने सदन में कहा कि सीबीआई द्वारा जांच करवाएंगे फिर जब सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई जांच के आदेश दिए तो आपने रिकॉल की अर्जी देकर मामले की जांच सीबीआई से न करवाने की गुहार की। Post navigation विधानसभा में विधायक नैना चौटाला ने रखी मांग भाजपा खट्टर सरकार को बताना चाहिए कि मिनटो का काम महीनों में क्यो हो रहा है ? विद्रोही