राष्ट्र विकास के लिए लैंगिक समानता और महिला सशक्तिकरण के लिए उचित संसाधन की जरूरत
एचएयू में महिला सशक्तिकरण समारोह में बोले न्यायमूत्र्ति, ग्रामीण महिलाओं ने लिया बढ़-चढक़र हिस्सा

हिसार : 20 दिसंबर – भारतीय सर्वोच्च न्यायालय के न्यायमूत्र्ति सूर्यकांत ने कहा कि किसी भी राष्ट्र के विकास के लिए लैंगिक समानता और महिला सशक्तिकरण बहुत जरूरी है। महिला सशक्तिकरण तभी संभव है जब महिलाओं को उचित संसाधन उपलब्ध करवाए जाएं और उन्हें संविधान में दिए गए समानता के अधिकार को सही से पालन हो। इसके लिए सरकार, न्यायपालिक व समाज की भी अहम भूमिका होती है। न्यायमूत्र्ति सूर्यकांत चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय हिसार में महिला सशक्तिकरण विषय पर आयोजित समारोह में बतौर मुख्यातिथि बोल रहे थे। कार्यक्रम की अध्यक्षता विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर बी.आर. काम्बोज ने की। कार्यक्रम का आयोजन मौलिक विज्ञान एवं मानविकी महाविद्यालय के सभागार में आयोजित किया गया। इससे पूर्व होम साइंस कॉलेज की ओर से लगाई गई प्रदर्शनी का भी अवलोकन किया। सरकार का काम कानून बनाना है और न्यायपालिका का कार्य उनको ठीक तरीके से लागू करवाने का है जबकि समाज को भी इसके प्रति जागरूक होना जरूरी है। उन्होंने एचएयू में विद्यार्थियों द्वारा तैयार किए गए खाद्य उत्पादों की सराहना करते हुए कहा कि इस तरह के उत्पादों की आने वाले समय में बहुत अधिक डिमांड है, इसलिए कोई ऐसा माध्यम अपनाएं जिनसे अधिक से अधिक लोगों को इसका लाभ मिल सके। महिला सशक्तिकरण के लिए शिक्षा बहुत जरूरी है। हम सबका कर्तव्य बनता है कि हम लड़कियों को व्यावसायिक शिक्षा की दिशा में कदम बढ़ाएं और उन्हें ऐसे संस्थान में शिक्षा ग्रहण करने के लिए प्रेरित करें जहां से शिक्षा उपरांत महिलाएं स्वरोजगार भी स्थापित कर सकें। उन्होंने कहा कि एक समय था जब एचएयू में छात्रों की संख्या अधिक होती थी, लेकिन ये बहुत ही हर्ष का विषय है कि अब इसमें छात्राओं की संख्या छात्रों से ज्यादा है। इससे साबित होता है कि महिला सशक्तिकरण के लिए एचएयू बहुत अधिक प्रयासरत है।

हर क्षेत्र में हो महिलाओं की पहुंच : प्रोफेसर बी.आर. काम्बोज
कुलपति प्रोफेसर बी.आर. काम्बोज ने मुख्यातिथि का स्वागत किया और संबोधित करते हुए कहा कि महिलाओं की हर क्षेत्र में पहुंच होनी चाहिए। इसके लिए उन्हेंं समान अवसर प्रदान करते हुए स्वरोजगार स्थापित करने के लिए मदद करनी चाहिए। एचएयू इस दिशा में अहम भूमिका निभाते हुए महिलाओं के लिए विभिन्न तरह के प्रशिक्षण प्रदान कर उन्हें स्वरोजगार स्थापित करने व अन्य लोगों को रोजगार देने के लिए प्रयासरत है। यहां से प्रशिक्षण हासिल कर महिलाएं उस क्षेत्र में अपना व्यवसाय स्थापित कर आगे बढ़ रही हैं।

ये भी रहे मौजूद
कार्यक्रम में कुलसचिव डॉ. एस.के. महत्ता, ओएसडी डॉ. अतुल ढींगड़ा, मौलिक विज्ञान एवं मानिविकी महाविद्यालय के अधिष्ठाता डॉ. राजवीर सिंह सहित विश्वविद्यालय के निदेशक, विभागाध्यक्ष, कर्मचारी, विद्यार्थी व ग्रामीण क्षेत्र से आई महिलाएं मौजूद रही।

error: Content is protected !!