-कमलेश भारतीय उत्तर प्रदेश में योगी, उपयोगी और अनुपयोगी और कौन अनुपयोगी ? यह सवाल उठ खड़ा हुआ है जो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा दिये गये नारे -यूपी प्लस योगी , बहुत उपयोगी से शुरू हुआ है । मोदी ने उदाहरण दिया कि पहले यहां कहा करते थे कि ‘दिया बरे तो घर लौट आओ’ क्योंकि सूरज डूबता था तो कट्टा लहराने वाले आ जाते थे सड़कों पर । यह कट्टा अब चला गया । बेटियों की सुरक्षा पर आए दिन सवाल उठते रहते थे । व्यापारी-कारोबारी घर से सुबह निकलते थे परिवार वालों को चिंता होती थी कि कहां दंगे हो जायें और कहां आगजनी ? कोई नहीं कह सकता था । इसके जवाब में पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने ट्वीट किया-हाथरस की बेटी , लखीमपुर का किसान , गोरखपुर का व्यापारी, असुरक्षित महिला, बेरोजगार युवा , पीड़ित दलित पिछड़े सब कह रहे हैं -यूपी के लिए वर्तमान योगी सरकार उपयोगी नहीं , अनुपयोगी है । यूपी वाले कह रहे हैं कि अगर कोई ‘उप -योगी’ है तो ‘मुख्य योगी’ कौन है? यूपी कहे आज का , नहीं चाहिए भाजपा । इस तरह उत्तर प्रदेश में योगी , उपयोगी और अनुपयोगी की जुबानी जंग तेज़ हो गयी है । पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समाजवादी पार्टी की ‘लाल टोपी’ को लेकर भी तंज कस चुके हैं और इसे ‘खूनी टोपी’ तक कह चुके हैं । एक बड़े पद के नेता के श्री मुख से ऐसी बातें गरिमामयी नहीं कहीं जा सकतीं । जैसे पश्चिमी बंगाल के विधानसभा चुनाव में ‘दीदी , ‘ओ दीदी’ के नारे लगाते प्रधान मंत्री पद की शोभा नहीं मानी गयी और आखिर वहां निराशा ही हाथ लगी । फिर भी मोदी जी ने अपना स्टाइल नहीं बदला । हाथरस के जिस घटनाक्रम की ओर अखिलेश ने इशारा किया है उसमें भाजपा विधायक सेंगर के जेल जाने तक पार्टी से निकाला नहीं गया था । जैसे लखीमपुर खीरी के जघन्य कांड के बावजूद अभी तक केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अमित मिश्रा को मंत्रिमंडल से बाहर नहीं किया गया । मिश्रा को मंत्रिमंडल में रखे रहने की जिद्द कब तक चलती रहेगी ? जैसे जैसे चुनाव में सरगर्मियां बढ़ेंगीं वैसे मिश्रा को मंत्रिमंडल से बाहर करने की मांग ज़ोर पकड़ती जायेगी । यह पक्की बात है । इधर कांग्रेस के पूर्वाध्यक्ष राहुल गांधी ने अमेठी की पदयात्रा शुरू कर इस लोकसभा क्षेत्र पर अपना दबदबा बनाना शुरू किया है और ऐसा लगता है कि अगला चुनाव फिर अमेठी से ही लड़ेंगे । राहुल ने पदयात्रा के दौरान यह बात उठाई है कि प्रधानमंत्री महंगाई और बेरोजगारी पर कोई जवाब नहीं देते । राहुल ने महंगाई , बेरोजगारी और किसान आंदोलन पर बड़े सवाल उठाये पदयात्रा के दौरान ।राहुल के अनुसार इन मुद्दों पर न प्रधानमंत्री मोदी और न ही मुख्यमंत्री योगी कोई जवाब देते हैं । वे सिर्फ हिंदुत्व की बात करते हैं । गांधी जी ने कहा था कि हिंदू का रास्ता सत्याग्रह और हिंदुत्ववादी का रास्ता सत्ताग्रह है । ऐसे ही पंजाब चुनाव को देखते कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू कह रहे हैं कि अरविंद केजरीवाल अकाली दल के प्रकाश सिंह बादल से भी ज्यादा गप्पी हैं । अभी केजरीवाल का जवाब आना बाकी है ।इस तरह के धारावाहिक आरोप प्रत्यारोप अब सुनने को मिलते ही रहेंगे । चुनाव में सब कुछ जायज है न ,,पूर्व उपाध्यक्ष हरियाणा ग्रंथ अकादमी Post navigation ‘घूंघट’ फिल्म का मुहूर्त गंगवा में किसान आंदोलन का लेखा-जोखा