सेटिंग से नौकरियां देने का जमकर हो रहा कारोबार पुलिस कांस्टेबल परीक्षा में 60 अंकों वाले को मैरिट में जगह, 64 और 65 नंबरों वाले रह गए बाहर हांसी,18 दिसम्बर । मनमोहन शर्मा हरियाणा लोकसेवा आयोग व हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग भर्ती घोटाले के बाद से लगातार सवालों के घेरे में चल रही खट्टर सरकार के बिना खर्ची- बिना पर्ची और पारदर्शी नौकरियां देने के दावे तार-तार हो चुके हैं । इसको लेकर युवा कांग्रेस के हलका अध्यक्ष मुकेश कासनियां के द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम किया गया। इस दौरान बड़सी गेट पर मुख्यमंत्री मनोहर लाल का पुतला कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता व हरियाणा सरकार में टैक्स ट्रिब्युनल के पूर्व न्यायिक सदस्य रहे हरपाल बूरा के नेतृत्व फूंका गया व सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। कांग्रेसी नेताओं ने कहा किखट्टर सरकार ने जहां 32 परीक्षाओं के पेपर लीक की अगुवाई करके नया शर्मनाक इतिहास रचने का काम किया वही नौकरियों के चयन में जमकर पैसे चलने की बात भी साबित हो गई है। असलीयत यह है कि खट्टर सरकार में मनचाहे तरीके से नौकरियां देने का माफिया काम कर रहा है। यह माफिया अपने हिसाब से नौकरियां देने का काम करता है। सेटिंग वाले लोगों को आराम से नौकरियां दी जा रही हैं और योग्य युवाओं को बेरोजगारी की कतार में खड़ा किया जा रहा है। कांग्रेसी नेताओ ने कहा कि पुलिस कांस्टेबल भर्ती में भी भारी फर्जीवाड़ा देखने को मिल रहा है। खट्टर सरकार ने 60 नंबर परीक्षा में लेने वाला व्यक्ति तो कांस्टेबल की मैरिट में आ गया जबकि 64 और 65 नंबर लेने वाले बाहर रह गए। खट्टर सरकार पुलिस कांस्टेबल भर्ती को लेकर पूरी तरह से अंधेरगर्दी मचाने का काम कर रही है।हरियाणा लोकसेवा और हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग में कई भर्तियों पर सवालिया निशान लगने के बाद खट्टर सरकार पूरे मामले को बेशर्मी के साथ दबाने के काम में लगी हुई है। खट्टर सरकार की पारदर्शी भर्ती के दावे इसलिए भी तार-तार हो रहे हैं कि पुलिस कांस्टेबल भर्ती में फिजिकल टेस्ट भी किसी प्राईवेट एजेंसी से करवाएगी और उसकी वीडियोग्राफी भी नहीं होगी। जाहिर सी बात है कि प्रदेश की पुलिस को भीड़ की व्यवस्था करने तक सीमित रखना और प्राइवेट एजेंसी को फिजिकल स्क्रीनिंग टेस्ट का जिम्मा सौंपना यह साबित करता है कि योग्यता के आधार पर नौकरियां देने के बजाय फिक्सिंग के जरिए नौकरियां दी जा रही हैं। उन्होंने कहा कि एचपीएससी नौकरी घोटाले में प्राइवेट फॉर्म द्वारा घपलेबाजी किए जाने के बावजूद अगर सरकार सरकारी सिस्टम पर भरोसा न करके पुरुष कॉस्टेबल भर्ती में प्राइवेट एजेंसी को फिजिकल टेस्ट का काम सौंप रही है तो इसका अर्थ यही है कि योग्यता की बजाय सेटिंग के जरिए नौकरियां देना खट्टर सरकार का व्यापार बन गया है। उन्होंने कहा किसबसे खटकने वाली बात यह है कि प्राइवेट एजेंसी द्वारा किए जाने वाले फिजिकल टेस्ट की वीडियो रिकॉर्डिंग करने से भी इनकार कर दिया गया है। अगर सरकार निष्पक्ष और पारदर्शी भर्ती करने के दावे करती है तो फिजिकल वेरिफिकेशन टेस्ट की वीडियो रिकॉर्डिंग करने में उसे क्या और क्यों दिक्कत है। वीडियो रिकॉर्डिंग से मना ही करना यह साबित करता है कि सिलेक्शन में धांधलेबाजी करने के लिए ही यह पूरा तामझाम किया जा रहा है। कांग्रेसी नेताओं ने कहा कि भर्ती घोटाले की जांच सीबीआई से करवाई जाए ताकि दूध का दूध पानी का पानी हो सके। इस दौरान हरियाणा पिछड़ा वर्ग आयोग के पूर्व सदस्य तेलु राम जांगड़ा, कांग्रेस किसान सैल के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष राजेश कासनियां, राजेंद्र ठाकुर, आंनद जाखड़, नरेंद्र सैनी, डीएन तिवारी,विकास बाल्मीकि, विकास मलिक, दीपक जांगड़ा, संदीप यादव, विकास मलिक, रवित चंदेला, रमन कासनियां व संजू गुज्जर, विक्की व रजत सहित सैकड़ों की संख्या में कांग्रेसी मौजूद थे। Post navigation राज्यसभा सांसद जनरल डॉ. डी.पी. वत्स और हांसी विधायक विनोद भ्याणा को सौंपा ज्ञापन – रविन्द्र अत्री नगरपालिका बास के पुलिस स्टेशन का उद्घाटन समारोह में पुलिस अधीक्षक नितिका गहलोत