–अस्थाई मान्यता प्राप्त स्कूलों को हाईकोर्ट से भी नहीं मिली राहत
….अस्थाई मान्यता प्राप्त स्कूलो के बच्चों का ​सरकारी स्कूल में कराना होगा माइग्रेशन
—एक्सटेंशन नही मिलने तक स्थाई मान्यता प्राप्त स्कूलो में नही करेगे 134-ए के दाखिले
—स्कूलो के द्वारा 134-ए के दाखिले नही करने की घोषणा से अभिभावक चिंतित

बंटी शर्मा

चंडीगढ़–हाई कोर्ट ने यह आदेश हरियाणा प्राइवेट स्कूल एंड चिल्ड्रन वेलफेयर ट्रस्ट, हिसार की याचिका पर सुनवाई करते हुए दिए। याचिका में कहा गया था कि प्रदेश सरकार ने इन स्कूलों को एक्सटेंशन देने से इन्कार कर दिया है। इससे लाखों बच्चों का भविष्य संकट में आ गया है।

हरियाणा के अस्थाई मान्यता प्राप्त स्कूलों पर तलवार लटक गई है, हाईकोर्ट ने भी स्कूलों को किसी भी तरह की राहत न देते हुए साफ कर दिया कि याचिकाकर्ता निजी स्कूल के बच्चे नजदीक के सरकारी स्कूल में माइग्रेशन करवा सकते हैं ताकि उनके एनरोलमेंट फॉर्म स्वीकार हो सके। कोर्ट ने सरकार को यह भी कहा कि वह एनरोलमेंट फॉर्म स्वीकार करने की तिथि आगे बढ़ाने पर भी विचार करे।

इससे पहले सरकार की तरफ से कोर्ट को बताया गया कि हरियाणा स्कूल शिक्षा निदेशालय द्वारा इन सभी स्कूलों को आवश्यक पत्र जारी कहा गया था कि उनकी प्रोविजनल मान्यता को मार्च 2021 से आगे नहीं बढ़ाया जाएगा क्योंकि यह स्कूल अपेक्षित वैधानिक सुविधाएं या बुनियादी ढांचा उपलब्ध नहीं करा रहे हैं. हालांकि, जो बच्चे स्कूलों में पढ़ रहे हैं, वे आगामी परीक्षा के लिए अपना नामांकन पास के सरकारी स्कूल में करा सकते हैं। सरकार की तरफ से कोर्ट को यह भी बताया गया कि यह याचिका आधारहीन है क्यों की इसमें स्कूलों की स्थाई मान्यता प्राप्त समाप्त करने को चुनौती नहीं दी गई। हाई कोर्ट ने सभी प्रतिवादी पक्ष को लिखित में जवाब दायर करने का आदेश देते हुए मामले की सुनवाई 15 फरवरी तक स्थगित कर दी।

हाई कोर्ट ने यह आदेश हरियाणा प्राइवेट स्कूल एंड चिल्ड्रन वेलफेयर ट्रस्ट, हिसार की याचिका पर सुनवाई करते हुए दिए। याचिका में कहा गया कि प्रदेश सरकार ने इन स्कूलों को एक्सटेंशन देने से इन्कार कर दिया है। इससे लाखों बच्चों का भविष्य संकट में आ गया है।

कोर्ट को बताया गया कि स्कूलों को एक्सटेंशन न मिलने के चलते बोर्ड की पार्टल आइडी बंद है और यह स्कूल बोर्ड कक्षाओं के फार्म भरने से वंचित हैं। शिक्षा विभाग ने इन स्कूलों से स्पोर्ट्स फंड भी भरवा रखा है। वहीं, 134ए की खाली सीटों का ब्योरा भी इन स्कूलों से लिया गया है। ओर अब इन अस्थाई मान्यता वाले स्कूलो में 134 ए के दाखिले भी शिक्षा विभाग ने दे दिए इसके साथ ही शिक्षा बोर्ड भिवानी ने इनसे मैपिंग की आनलाइन भरवा ली है। उन्होंने कहा कि अगर इन स्कूलों की मान्यता विगत 31 मार्च को ही समाप्त हो गई है तो इन स्कूलों से स्पोर्ट्स फंड, 134-ए की सीटों का ब्योरा व मैपिंग ऑनलाइन क्यों करवाई गई

इसके साथ ही ऐसे निजी स्कूलों ने यूनियन के माध्यम से बतलाया कि सरकार द्वारा अस्थाई मान्यता प्राप्त स्कूलो एक्सटेंशन नही दिए जाने के कारण प्राइवेट स्कूल ऐसे बच्चो को दाखिला नही देगे जिनका दाखिला 134 -ए नियम के तहत हुआ हैं

गौरतलब हैं कि अब सरकार और निजी स्कूलों के मामले में अभिभावक ओर छात्र बलि का बकरा बन गए हैं इसके साथ ही अस्थाई मान्यता प्राप्त स्कूलो को एक्सटेंशन नही मिलने से लाखों छात्रो के भविष्य पर भी सवाल उठने शुरू हो गए हैं

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