मुख्यमंत्री, परिवहन मंत्री व उच्च अधिकारियों को प्राइवेट बसों को बढ़ावा देने के खिलाफ ज्ञापन भेजा

चंडीगढ़,17 दिसम्बर – हरियाणा रोड़वेज वर्कर्स यूनियन सम्बन्धित सर्व कर्मचारी संघ के प्रदेश अध्यक्ष इन्द्र सिंह बधाना व प्रदेश महासचिव सरबत सिंह पूनिया ने बताया सरकार द्वारा ए बी सी श्रैणी में बांटकर प्राइवेट बसें लम्बे रुट पर चलाने व निजीकरण को बढ़ावा देना जनहित में ना होकर विभाग को प्राइवेट बस आपरेट्ररों के हवाले करने की योजना है। उन्होंने कहा हरियाणा रोड़वेज की बसें बेहतर परिवहन सेवा उपलब्ध करवा रही है। परन्तु अब A,B,C श्रेणी में क्रमशः अन्तर्राज्य रूटों पर 20% प्राइवेट बसें व 80% सरकारी बसें चलाने, अन्तर्जिला रूटों पर 50:50% प्राइवेट व सरकारी एवं लोकल रुटों पर सरकारी केवल 20% व प्राइवेट बसें 80% अनुपात में रूट परमिट देने की योजना बनाई जा रही है। उन्होंने कहा सरकार की विभाग के निजीकरण की पोलिसी के खिलाफ मुख्यमंत्री, परिवहन मंत्री , अतिरिक्त मुख्य सचिव परिवहन विभाग व महानिदेशक को ज्ञापन भेजा है।

उन्होंने कहा हरियाणा रोड़वेज की बसें छात्र-छात्राओं सहित 43 श्रेणियों को रियायती व फ्री यात्रा उपलब्ध करवा रही है। परन्तु प्राइवेट बस मालिकों द्वारा सभी नियमों का उल्लंघन करके छात्र-छात्राओं व आम जनता को बेहतर व सुरक्षित परिवहन सेवा नहीं दी जा रही। प्राइवेट बस मालिकों का जनता को बेहतर परिवहन सेवा देना उदेश्य नहीं है, बल्कि मुनाफा कमाना है। प्राइवेट बसों से सरकार को भारी आर्थिक नुकसान हो रहा है। क्योंकि प्राइवेट बस मालिकों द्वारा प्रति बस प्रति माह एकमुश्त केवल 14 हजार रुपये टैक्स सरकार को दिया जा रहा है,जबकि हरियाणा रोड़वेज की सरकारी बस द्वारा प्रति माह 40 हजार से 60 हजार रुपये तक सरकार को टैक्स दिया जा रहा है। स्टेज कैरिज स्कीम 2016 में लम्बी दुरी के व मुख्य मार्गों पर परमिट देकर मोटर व्हीकल एक्ट का उलंघन किया जा रहा है। पूर्व में दिल्ली ,पंजाब, व अन्य स्थानों पर हुई घटनाओं के अनुसार प्राइवेट बसों में महिलाओं की यात्रा सुरक्षित नहीं है। प्रदेश में आए दिन किलोमीटर स्कीम व प्राइवेट बस मालिकों की मनमानी, दुर्व्यवहार व दुर्घटनाओं का परिणाम आम यात्री व छात्र-छात्राओं द्वारा भूगतने के अलावा विभाग व रोड़वेज कर्मचारियों की बदनामी हो रही है।

वर्तमान में कोरोना महामारी के संकट के समय में भी सरकारी बसें व सरकारी कर्मचारियों द्वारा ही अपनी जान जोखिम में डाल कर प्रवासी मजदूरों व अन्य यात्रियों को गन्तव्य स्थानों तक पहुंचा गया। परन्तु प्राइवेट बस मालिकों द्वारा संकट की घड़ी में यात्रियों को इस प्रकार की सुविधा देने से अपने आप को दूर रखा। हरियाणा रोड़वेज की बसें अनेक बार दुर्घटना कम करने,कम डीजल में ज्यादा किलोमीटर तय करने व जनता को बेहतर व सुरक्षित परिवहन सेवा देने में देश भर के 68 सरकारी व अर्ध सरकारी उपक्रमों में प्रथम स्थान प्राप्त किया है। फिर भी सरकार द्वारा अलग अलग तरीके अपनाकर विभाग का निजीकरण करने का प्रयास किया जा रहा है। 2017 में चार दिन की हड़ताल के बाद सरकार द्वारा माननीय हाईकोट में स्टेज कैरिज स्कीम रद्द करने बारे शपथ पत्र दिया गया। माननीय हाईकोर्ट द्वारा स्टेज कैरिज स्कीम रद्द करने का निर्णय लिया। सरकार द्वारा पुनः स्कीम 2017 व अनुपात में प्राइवेट बसें शुरू करने का निर्णय लिया।

माननीय सुप्रीम कोर्ट द्वारा स्टेज कैरिज स्कीम 2016-17 को रद्द करने एवं संशोधन करने की छुट दी गई। सरकार द्वारा स्टेज कैरिज स्कीम रद्द करने की बजाए प्राइवेट बस आपरेट्ररों को फायदा पहुंचाने के लिए संशोधन कर अनुपातिक प्रणाली की प्रक्रिया शुरू करके वादाखिलाफी की है।हरियाणा रोड़वेज वर्कर्स यूनियन पुनः मांग करती हैं, स्टेज कैरिज स्कीम, किलोमीटर स्कीम व प्रस्तावित अनुपातिक ए बी सी श्रेणी में प्राइवेट बसें चलाने की योजना को रद्द करके बढती आबादी अनुसार प्रति वर्ष 2000 सरकारी बसें शामिल करके विभाग में 14 हजार सरकारी बसें शामिल की जाए। ताकि जनता को बेहतर व सुरक्षित परिवहन सेवा मिलने के साथ बेरोजगारों को स्थाई रोजगार मिल सकें। उन्होंने कहा दिए गए सुझाव व एतराज़ को दरकिनार करके विभाग में अनुपातिक प्रणाली के तहत प्राइवेट बसों को रुट परमिट देकर विभाग का निजीकरण किया तो जल्द ही रोड़वेज कर्मचारी निर्णायक आन्दोलन करेंगे।

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