नए नंबरदार बनाने पर रोक लगाने से नंबरदारो में फैला रोष. पटौदी के उपमंडल परिसर में नंबरदार ओं की हुई अहम बैठक. बैठक की अध्यक्षता एसोसिएशन के अध्यक्ष बहादुर सिंह ने की. सर्वसम्मति से प्रस्ताव पास सरकार अपना फैसला वापस ले फतह सिंह उजाला पटौदी । हाल ही में हरियाणा सरकार के द्वारा राज्य में नए नंबरदार की नियुक्ति और सरबरा नंबरदारों की प्रस्तावना पर रोक लगाने के जारी किए गए आदेशों को लेकर पटोदी क्षेत्र के नंबरदारों में सरकार के प्रति गहरी नाराजगी सहित रोष देखने को मिला है । हरियाणा सरकार के पत्र क्रमांक 8797 तिथि 23 नवंबर 2021 जिसमें नए नंबरदारों की नियुक्ति पर रोक लगाने की बात कही गई है। सरकार के इस फैसले को लंबरदारो ने अपनी बैठक में पूरी तरह से गैर कानूनी और आधारहीन सहित अनुचित ठहराया है । इस बैठक की अध्यक्षता नंबरदार एसोसिएशन के अध्यक्ष बहादुर सिंह ने की। बैठक में में मुख्य रूप से भारत सिंह नंबरदार, सुनील कुमार नंबरदार, संजय, किशन कुमार, रामकुमार नंबरदार छिल्लरकी, चरण सिंह नंबरदार मऊ , हजारीलाल नंबरदार इच्छापूरी, अजीत सिंह नंबरदार जाटोली, अशोक कुमार नंबरदार, हरिपाल, श्री भगवान नंबरदार, भगत सिंह नंबरदार, परमानंद नंबरदार सहित अनेक नंबरदार मौजूद रहे। पटोदी उपमंडल परिसर में आयोजित नंबरदारों की बैठक के बीच में विभिन्न वक्ताओं के द्वारा कहा गया कि सरकार का यह जो फैसला है जिसमें कहा गया है कि नए नंबरदारों की नियुक्ति पर रोक और सरबऱा नंबरदार की प्रस्तावना पर रोक। यह दोनों ही फैसले पूरी तरह से जनहित को देखते हुए न्याय संगत नहीं है । बैठक में यह भी कहा गया कि नंबरदार सरकार , प्रशासन और समाज के बीच एक बेहद महत्वपूर्ण और विश्वसनीय कड़ी का काम करते आ रहे हैं । नंबरदारों के द्वारा अपनी उपयोगिता और विश्वसनीयता 1887 से लेकर वर्ष 2021 तक पूरी निष्ठा और ईमानदारी के साथ में सरकार के सामने साबित भी करके दिखाई है । बैठक में विभिन्न नंबरदार वक्ताओं ने कहा नंबरदारों के अभाव में सरकार की जो जनहित की योजनाएं और जन सरोकार के कार्य किए जाते हैं , ऐसे तमाम कार्य बुरी तरह से प्रभावित होंगे और इसका खामियाजा सबसे अधिक आम जनता विशेष रुप से देहात में रहने वाले कम पढ़े लिखे ग्रामीणों को ही भुगतना पड़ेगा । केंद्र सरकार से लेकर राज्य सरकार की और जिला प्रशासन की तमाम प्रकार की नीतियों को भी आम जनता तक पहुंचाने का कार्य करते हैं । अनेक कार्य ऐसे हैं जिनमें नंबरदार की पुष्टि के बिना वह कार्य शासन-प्रशासन के द्वारा किया जाना संभव नहीं हो पाता है । इसी कड़ी में कुछ वक्ताओं ने इस बात पर भी ऐतराज जाहिर किया कि सरबरा नंबरदार की प्रस्तावना जिसमें कि प्रावधान है जो नंबरदार शारीरिक रूप से कार्य करने में सक्षम न हो वह अपने किसी भी नजदीकी विश्वसनीय रिश्ते नातेदार को अपने स्थान पर कार्य करने के लिए अधिकृत करता कर देता है। जिससे कि आम जनता के जो भी जरूरी कार्य हैं , उनमें किसी प्रकार की परेशानी नहीं आए । सरकार के द्वारा इस पर भी रोक लगा दी गई है, नंबरदारो की यहां संपन्न बैठक में सर्वसम्मति से प्रस्ताव पास किया गया कि सरकार के द्वारा जो भी निर्देश अथवा आदेश जारी किए गए हैं, उन्हें वापस लेने के लिए हरियाणा सरकार राजस्व विभाग के सचिव हरियाणा सरकार के डिप्टी सीएम फैसले पर एक बार अवश्य पुनर्विचार करें। इसके साथ ही बैठक में यह बात भी कही गई कि यदि सरकार ने नंबरदारों की मांग पर सहानुभूति पूर्वक विचार नहीं करके जबरदस्ती फैसला थोपने का प्रयास किया तो निकट भविष्य में नंबरदार एसोसिएशन के द्वारा भविष्य की रणनीति बनाते हुए कड़ा फैसला भी लिया जा सकता है । इन सब हालात के लिए राज्य सरकार ही जिम्मेदार रहेगी। Post navigation पटौदी बार एसोसिएशन इलेक्शन…… जातीय समीकरण तय करेंगे प्रधान और सचिव की हार-जीत हरियाणवी संस्कृति की पहचान नम्बरदारी को खत्म करके सरकार ग्रामीण व्यवस्था को छिन्न भिन्न करने पर तुली : सुनीता वर्मा