खट्टर सरकार को गांवों के विकास और व्यवस्था प्रबंधन से कुछ लेना देना नही 16/12/2021 :-* ‘ नम्बरदार या फिर लम्बरदार का पद हरियाणवी संस्कृति की पहचान है। भविष्य के लिए यह पद समाप्त करने का आदेश करके सरकार हरियाणा की संस्कृति को समाप्त करने की राह पर चल रही है।’ यह कहना है हरियाणा प्रदेश महिला कॉन्ग्रेस की प्रदेश महासचिव सुनीता वर्मा का। उन्होंने प्रेस के नाम जारी विज्ञप्ति में कहा कि नम्बरदार ना केवल राजस्व मामलों में सर्वाधिक सहयोगी रहता है बल्कि हर प्रकार के अन्य सामाजिक मामलों में वो अपनी सम्मानित उपस्थिति दर्ज कराता है। यह पद शासन, प्रशासन व जनता के बीच की कड़ी है। वर्मा ने खट्टर सरकार द्वारा नम्बरदारों की नई नियुक्तियों पर रोक लगाने के निर्णय को असंवैधानिक बताते हुए इस गठबंधन सरकार पर जमकर हमला बोलते हुए कहा की नम्बरदार सामाजिक कार्यों में अपना विशेष योगदान देते हैं, सामाजिक कुरीतियों व अपराधों को रोकने में इनका अहम योगदान होता है और ये सरकार व प्रशासन का भी सहयोग करते हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश की बीजेपी सरकार द्वारा यह पद समाप्त करने का फैसला सरासर गलत है। गाँव में नम्बरदार का ओहदा एक बहुत सम्मानित ओहदा होता है जिसे समूल समाप्त करने का प्रयास किया जा रहा है, अगर ऐसा हुआ तो निकट भविष्य में इसके नुकसान की भरपाई करना मुश्किल हो जाएगा। कांग्रेस नेत्री ने कहा कि सरकार अपना निर्णय वापिस ले अन्यथा आने वाले समय में इसका बडा खामियाजा भुगतना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि ऐसा लग रहा है कि सरकार ग्रामीण व्यवस्था को छिन्न भिन्न करने पर तुली है, इसका दूसरा उदाहरण पंचायती राज संस्थाओं के चुनाव समय पर ना किया जाना है। निर्धारित समय से अधिक अवधि होने पर भी सरकार अभी तक पंचायत चुनावों को अदालत की आड़ लेकर टरका रही है। सरकार जानबूझकर अदालत में कोई तकनीकी बात रखके तारीख़ पर तारीख़ लगवाकर मामले को टरकाकर साबित कर रही है कि सरकार को गाँवों के विकास और व्यवस्था प्रबंधन से कुछ लेना देना नही। ये लोग तो बस अपनी ईगो संतुष्टि के लिए जिद पर अडे हैं। महिला कांग्रेस प्रदेश महासचिव वर्मा ने कहा कि खट्टर सरकार अपने इस जन विरोधी फैसले पर पुनर्विचार करे अन्यथा कॉन्ग्रेस नम्बरदारों के साथ सरकार के खिलाफ सड़कों पर उतरेगी और उसे ये निर्णय बदलने पर मजबूर कर देगी। वर्मा ने कहा कि सरकार नम्बरदारों की नियुक्तियों पर लगाई रोक जल्द हटा कर इनका सम्मान बहाल करे। Post navigation अनुबंध आधार पर लगाए जाने वाले कर्मचारियों की प्रक्रिया में पारदर्शिता सुनिश्चित की जाएगी : संजीव कौशल “1971 में युद्ध के मैदान में सैनिकों द्वारा जीती गई जंग राजनेताओं ने शिमला एग्रीमेंट में टेबल पर हारी”- गृह मंत्री अनिल विज