एचएयू में 21 दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का समापन, देशभर के विभिन्न विश्वविद्यालयों के वैज्ञानिकों ने लिया हिस्सा

हिसार : 15 दिसंबर – चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय हिसार के कुलपति प्रोफेसर बी.आर. काम्बोज ने कहा कि वैज्ञानिकों द्वारा कृषि अनुसंधान कार्यों में सांख्यिकी और अर्थमिती तकनीकों का अधिक से अधिक उपयोग किया जाना चाहिए। इससे वर्तमान व भूतकाल के आंकड़ों का प्रयोग करते हुए भविष्य के लिए पूर्वानुमान सही व सटीक तैयार किया जा सकेगा। यह भविष्य में आने वाली चुनौतियों से निपटने के लिए बहुत ही लाभप्रद होगा और भविष्य की कृषि नीति निर्धारण में सहायक होगा। इसके परिणाम भी उसी अनुरूप बेहतर होंगे। वे विश्वविद्यालय के मानव संसधान प्रबंध निदेशालय में आयोजित 21 दिवसीय प्रशिक्षण शिविर के समापन अवसर पर बतौर मुख्यातिथि बोल रहे थे। प्रशिक्षण का विषय सांख्यिकी और अर्थमिती तकनीकों का कृषि में प्रयोग रखा गया था।

कुलपति ने कहा कि इन तकनीकों के प्रयोग से विभिन्न स्त्रोतों से एकत्रित आंकड़ों को कृषि अनुसंधान, रिसर्च पेपर पब्लिकेशन, भविष्य की नीति निर्धारण, कृषि व उससे संबंधित विभिन्न संस्थाओं, विभागों व किसानों के मार्गदर्शन के लिए फायदेमंद साबित होगा। ये तकनीकें शोधकर्ताओं को गुणवत्तापूर्वक आंकड़ों के एकत्रण एवं विशलेषण में सहायक होंगी। उन्होंने प्रतिभागियों से आह्वान किया कि जब भी कोई नई किस्म को किसानों के लिए जारी की जाती है तो इन तकनीकों का प्रयोग कर वैज्ञानिक किसानों को सलाह दे सकेंगे की वे किसी किस्म में रसायनों व उर्वरकों की कितनी मात्रा का प्रयोग करें ताकि पैदावार में अच्छी बढ़ोतरी हो सके। साथ ही अर्थमिती तकनीकों के प्रयोग से उसका आर्थिक अनुमान लगाया जा सकता है जिससे सफल नीति निर्धारण आसान होगा और आर्थिक नुकसान से बच सकता है।

अनुभव किए साझा, प्रशिक्षण को बताया फायदेमंद
इस अवसर पर मानव संसाधन प्रबंध निदेशालय के निदेशक डॉ. अतुल ढींगड़ा ने मुख्यातिथि का स्वागत किया व इस 21 दिवसीय प्रशिक्षण कोर्स की विस्तारपूर्वक जानकारी दी। इस तरह के प्रशिक्षणों का आयोजन वैज्ञानिकों के लिए बहुत ही लाभदायक होता है। इससे वैज्ञानिकों को आधुनिक तकनीकों के उपयोग की जानकारी मिलती है और वे स्वयं को बदलते परिवेश में आसानी से ढालने में सक्षम हो पाते हैं। उन्होंने बताया कि इस प्रशिक्षण में एचएयू के अलावा लाला लाजपतराय पशु चिकित्सा एवं विज्ञान विश्वविद्यालय हिसार, पंजाब एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी, लुधियाना से प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया। इस अवसर पर पाठ्यक्रम संयोजिका डॉ. मंजू मेहता, कृषि अर्थशास्त्र के अध्यक्ष डॉ. डी.पी. मलिक, डॉ. जितेंद्र भाटिया, डॉ. दलीप बिश्रोई, डॉ. मोनिका व डॉ. जोगेंद्र भी मौजूद रहे।