समस्त श्यामप्रेमी परिवार, कुरुक्षेत्र द्वारा श्रीमद् भागवत कथा आयोजन का दूसरा दिन। कुरूक्षेत्र,9 दिसंबर :- समस्त श्यामप्रेमी परिवार कुरूक्षेत्र द्वारा गीता जयंती के उपलक्ष्य में श्री गीता धाम में चल रही श्रीमद् भागवत कथा के दूसरे दिन वीरवार को माता सती एवं ध्रुव चरित्र सुनाया गया। भागवत अनुष्ठान यजमान श्यामप्रेमी अजय गोयल, दिनेश गोयल, अरुण गोयल, अशोक गर्ग व डिंपल गर्ग सहित अन्य यजमानों ने व्यासपूजन किया।इससे पूर्व सुबह 11 कुण्डीय गीता ज्ञान महायज्ञ में यजमानों ने आहुतियां दी। कथाव्यास महामंडलेश्वर विकास दास महाराज ने कहा कि सती दक्ष प्रजापति की पुत्री और भगवान शिव की पत्नी थी। शिवपुराण के अनुसार ब्रह्मा जी को भगवान शिव के विवाह की चिंता हुई तो उन्होंने भगवान विष्णु की स्तुति की और विष्णु जी ने प्रसन्न होकर ब्रह्मा जी को बताया कि यदि भगवान शिव का विवाह करवाना है तो देवी शिवा की आराधना कीजिए। वहीं, ध्रुव चरित्र में बताया गया कि सतयुग के दौरान अवधपुरी में राजा उत्तानपाद राज किया करते थे। उनकी बड़ी रानी का नाम सुनीति था और उनके कोई संतान नहीं थी। देवर्षि नारद ने रानी को बताया कि यदि तुम राजा की दूसरी शादी कराओगी तो संतान प्राप्त होगी। रानी अपनी छोटी बहन सुरूचि की शादी राजा से करा देती है। कुछ समय बाद सुरूचि को एक संतान की प्राप्ति होती है, जिसका नाम उत्तम रखा गया। उसके कुछ दिन बाद बड़ी रानी भी बालक ध्रुव को जन्म देती है। पांच वर्ष बाद जब राजा उत्तम का जन्मदिन मना रहे थे तो बालक ध्रुव भी बच्चों के साथ खेलता हुआ उनकी गोद में बैठ गया, जिसपर सुरूचि उसे उठा देती है और कहती है कि यदि अपने पिता की गोद में बैठना है तो अगले जन्म तक इंतजार कर। बालक ध्रुव को यह बात चुभ जाती है और वह वन में जाकर कठिन तपस्या करते हैं। उनकी तपस्या से प्रसन्न होकर भगवान विष्णु उसे मनचाहा वरदान देने की कृपा करते हैं। इस प्रसंग से यह शिक्षा मिलती है कि किसी से भेदभाव नहीं करना चाहिए और प्रभु की भक्ति में कोई विघ्न नहीं डालना चाहिए। आयोजकों ने अतिथियों को स्मृति-चिह्न प्रदान किया। कथा के दौरान सुनाए गए भजनों पर श्रद्घालु झूम उठे।भागवत आरती में माता सुदर्शन भिक्षु, कुसुम दीदी, आचार्य नरेश कौशिक, खैराती लाल सिंगला, अंकुर गर्ग, विकास गुप्ता,रवि गुप्ता,गौरव गुप्ता,पियांशु तायल,आशुतोष मित्तल, हर्ष गोयल, ए.पी.चावला, मनोज काठपाल, राकेश मंगल,पंकज सिंगला, अनिल मित्तल, राजकुमार मित्तल,मुनीष मित्तल, संजय चौधरी, अमित गर्ग,अनुज सिंगला, सतीश मेहता, योगेंद्र अग्रवाल और बड़ी संख्या में महिला श्रद्धालुओं सहित कई शहरों के श्यामप्रेमी शामिल रहे। कन्हैया मित्तल ने सुनाए खाटू श्याम जी के भजन…….श्रीमद्भागवत कथा के पश्चात भजन संध्या में भजन सम्राट कन्हैया मित्तल और गायिका भाविका पगली ने खाटू श्याम जी के मधुर भजनों से समां बांधा। सालासर धाम से जय पुजारी एवं खाटू धाम से पुजारी शक्ति सिंह ने कार्यक्रम का दीप प्रज्ज्वलित किया।गायकों द्वारा सुनाए गए भजन रिंग्स के मोड़ पर बाबा लेने आ जाना…,यू बनिए का छोरा बाबा तेरा हो गया सै…और काली कमली वाला मेरा यार है इत्यादि भजनों पर श्यामप्रेमी झूम उठे। Post navigation गीता किसी एक मजहब का पवित्र ग्रंथ न होकर बल्कि समस्त प्राणी जगत के कल्याण की अनूठी वैश्विक प्रेरणाः बंडारू दत्तात्रेय। सन्त बादल, तरुवर और सरोवर की भांति कभी किसी से भेदभाव नहीं करते : कंवर साहेब जी महाराज