9 दिसंबर 2021 –  अंग्रेजों से देश को आजाद करवाने के लिए 1857 के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम के हरियाणा के जाने-माने सेनानी राव तुलाराम की जयंती पर स्वयं सेवी संस्था ग्रामीण भारत के अध्यक्ष एवं हरियाणा प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता वेदप्रकाश विद्रोही ने अपनी भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि आजादी की लड़ाई में राव तुलाराम का अमूल्य योगदान हमारे लिए सदैव ही प्रेरणा का स्रोत बना रहेगा। 

   विद्रोही ने कहा जब पूरा देश अंतिम बादशाह बाहदुरशाह जफर के नेतृत्व में 1857 में अंग्रेजो के खिलाफ लड़ाई लड़ रहा था उस समय दक्षिणी हरियाणा के रणबांकुरे ने राव तुलाराम के नेतृत्व में 16 नंबर 1857 को नसीबपुर-नारनौल के मैदान में ऐतिहासिक लड़ाई लड़ी। राव तुलाराम के नेतृत्व में इस लड़ाई में अहिरवाल, मेवात, राजस्थान के राठ क्षेत्र के योद्धाओं ने अभूतपूर्व शौर्य का प्रदर्शन करते हुए एक दिन में लगभग 5000 रणबांकुरों ने शाहदत देकर अंग्रेजों से कड़ा लोहा लिया1 नसीबपुर की लड़ाई में बेशक अंग्रेजों की जीत हुई पर रणबांकुरों ने एक दिन में 5000 से ज्यादा सैनिकों की शहादत देकर एक नया युद्ध इतिहास बनाया जिसकी गूंज आज भी कायम है।         

विद्रोही ने कहा नसीबपुर की लड़ाई में राव तुलाराम जीवित बच गए थे और 1857 से लेकर 23 सितम्बर 1862 को काबुल में अंतिम सांस लेने तक वे अंग्रेजों के खिलाफ भारत को स्वतंत्रता दिलाने के लिए विभिन्न स्वतंत्रता सेनानियों को एकजुट करने में लगे रहे। देश को अंग्रेजों से आजाद करवाने की इच्छा के साथ 23 सितम्बर 1862 को काबुल में उन्होंने अंतिम सांस ली। ऐसे योद्धा राव तुलाराम को उनकी जयंती पर शत-शत नमन।

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