चंडीगढ़ – सरकारी मॉडल स्कूल सेक्टर 35 चंडीगढ़ के प्रिंसिपल देवेंद्र गोसाईं ने अपने स्कूल स्टाफ़ के साथ स्कूल प्रांगण में वट वृक्ष (बरगद) का पौधा लगाकर वृक्षारोपण किया। देवेंद्र गोसाईं ने बताया कि हम स्कूल प्रांगण को ओर अधिक सुंदर बनाने के लिए समय समय पर पौधारोपण करते रहतें है। पेड़ पौधे लगाने से पर्यावरण सुंदर बनता है और हमें जीवन उपयोगी ऑक्सीजन प्राप्त होती है।

वहीँ स्कूल के स्पोर्ट्स टीचर कुलदीप मेहरा ने वट वृक्ष (बरगद) के बारे में जानकारी दी उन्होंने बताया कि बरगद के पेड़ को अगर ऑक्सीजन का भंडार भी कहा जाए तो यह अनुचित नहीं होगा क्योंकि बरगद भरपूर ऑक्सीजन छोड़ता है। यह एक विशाल वृक्ष होता है। इसे ‘वट’ और ‘बड़’ और बरगद भी कहा जाता हैं। इसकी शाखाओं से जड़े निकलकर हवा में लटकती रहती हैं। इस प्रकार लंबी होते हुए धरती के भीतर घुस जाती हैं और वृक्ष के लिए स्तंभ का काम करती है। धीरे धीरे बरगद का पेड़ इन शाखाओं की वजह से आगे बढ़ता और फैलता रहता है जिससे पूरा एक जंगल बसाया जा सकता है। उन्होंने बताया कि पूरे विश्व में बरगद के पेड़ पाये जाते है लेकिन भारत में ही दुनिया का सबसे विशालकाय बरगद का पेड़ मौजूद है, जो कोलकाता के आचार्य जगदीश चंद्र बोस बॉटनिकल गार्डेन में है। उसका नाम गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड में भी दर्ज है। वह पेड़ को ‘द ग्रेट बनियन ट्री’ (The Great Banyan Tree) के नाम से मशहूर है।

यहाँ तक की वट वृक्ष को त्रिमूर्ति का प्रतीक माना गया है। यहां तक कि विशाल एवं दीर्घजीवी होने के कारण वट वृक्ष की पूजा लम्बी आयु की कामना के लिए की जाती है। मान्यता है कि भगवान शिव वट वृक्ष के नीचे ही तपस्या करते हैं तथा तथागत भगवान बुद्ध को भी बरगद के पेड़ के नीचे ही ज्ञान की प्राप्ति हुई थी। अतः बौद्ध धर्म में इसे बोधि वृक्ष भी कहा गया है।

इस वृक्षारोपण में सरकारी मॉडल स्कूल सेक्टर-35 चंडीगढ़ के प्रिंसिपल देवेंद्र गोसाईं, प्रीती सूद, कुलदीप मेहरा, रमनदीप कौर, गजराज, रजनीश, तांजुल यादव उपस्थित रहें।

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