हिसार : 7 दिसंबर – महिलाओं को अपने अधिकारों के प्रति जागरूक होना बहुत जरूरी है, लेकिन इन अधिकारों का उन्हें दुरूपयोग नहीं करना चाहिए। अधिकारों की जानकारी के अभाव में आज भी बहुत सी महिलाएं घरेलू हिंसा की शिकार हैं और इसे सहन करती रहती हैं। ये विचार चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय हिसार के कुलपति की धर्मपत्नी एवं विश्वविद्यालय की प्रथम महिला संतोष कुमारी ने व्यक्त किए। वे एचएयू के सायना नेहवाल कृषि प्रौद्योगिकी प्रशिक्षण एवं शिक्षण संस्थान में आयोजित प्रतिभागी सहायता वितरण सामग्री समारोह के दौरान बतौर मुख्यातिथि बोल रही थीं। कार्यक्रम का आयोजन अनुसूचित जाति व जनजाति के उम्मीदवारों की आजीविका उत्थान योजना के तहत किया गया था।

मुख्यातिथि ने कहा कि भारत की कुल जनसंख्या का लगभग 50 प्रतिशत भाग महिलाओं का है किन्तु उन्हें अपनी जनसंख्या के आधार पर कहीं भी उतना प्रतिनिधित्व नही मिलता, जो चिंतनीय है। उन्होने महिलाओं को उनके अधिकारों के साथ-साथ महिला सशक्तिकरण विषय पर उदाहरण देकर बहुत सरल तरीके से अवगत करवाया। उन्होंने महिलाओं के अधिकारों के साथ-साथ यह भी नसीहत दी कि कोई महिला अपने अधिकारों को दुरुपयोग न करे और परिवार व समाज के उत्थान में अपना योगदान दें। उन्होंने कहा कि कटाई व सिलाई एक ऐसा व्यवसाय है जिसमें निपुण और अनुभवी युवतियों व युवकों की आधुनिक समय मे बहुत मांग है और ये एक ऐसा व्यवसाय है जिसकी दिन-प्रतिदिन बदलते फ़ैशन युग में मांग बढ़ रही है।

विस्तार शिक्षा निदेशक डॉ. रामनिवास ढांडा ने बताया कि हरियाणा सरकार द्वारा हरियाणा के अनुसूचित जाति/जनजाति के अति गरीब बेरोजगार युवकों व युवतियों को विभिन्न तरह के प्रशिक्षण और वित्तीय सहायता प्रदान करते हुए स्वरोजगार के लिए प्रोत्साहित कर रही है। यह व्यवसाय एक ऐसी कला जिसमें निपुणता आने पर और कुछ अनुभव होने पर अच्छी कमाई की जा सकती है किन्तु यह आप पर निर्भर करता है कि आप इसे कितनी गहनता से सीखते हो और व्यवसाय के रूप मे अपनाते हो । इस दौरान मुख्यातिथि ने प्रशिक्षणार्थियों को प्रमाण-पत्र वितरित किए गए।

कपड़ों व बेकार वस्तुओं से बनाई कलाकृतियों का किया अवलोकन
इस अवसर पर प्रशिक्षण के दौरान विभिन्न तरह के वस्त्र/वस्तुओं व घर में बेकार पड़ी वस्तुओं/कपड़ों से बनाई गई कला कृतियों का अवलोकन किया और उनके हुनर की प्रशंसा की तथा हर प्रशिक्षणार्थी का हौसला बढ़ाया और उन्हें ऐसे ही आगे बढऩे की सलाह दी। कार्यक्रम में संस्थान के सह निदेशक(प्रशिक्षण) डॉ. अशोक कुमार गोदारा ने बताया कि इस वर्ष अनुसूचित जाति/जनजाति बेरोजगार युवतियों व युवकों के लिए पांच दिवसीय प्रशिक्षण कटाई एवं सिलाई, फल एवं सब्जी परिरक्षण और स्प्रे तकनीक पर आयोजित किए गए। प्रशिक्षण से संबन्धित विभिन्न विषयों पर विशेषज्ञों द्वारा व्याख्यान देते हुए व्यावहारिक ज्ञान देने पर ज्यादा जोर रहा। कार्यक्रम में एसवीसी कपिल अरोड़ा, प्रशिक्षण के संयोजक डॉ. सतीश कुमार व सह संयोजक डॉ. डी. के. शर्मा, डॉ. सुरेन्द्र सिंह सहित प्रतिभागी एवं अन्य मौजूद रहे।

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