गीता जयंती महोत्सव के लिए हुआ श्री हनुमत ध्वजारोहण।
विद्यापीठ में संकट मोचन श्री राम भक्त हनुमान के गुणगान से हुआ गीता जयंती महोत्सव का आगाज।
भगवान श्री राम भक्त वीर हनुमान महाभारत युद्ध में श्री कृष्ण और अर्जुन के रथ पर ध्वजवाहक हैं।
कुरुक्षेत्र की धरती पर भगवान श्री कृष्ण के मुखारविंद से गीता के संदेश के साक्षी हैं वीर हनुमान।

वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक

कुरुक्षेत्र, 2 दिसम्बर : जयराम संस्थाओं के परमाध्यक्ष ब्रह्मस्वरुप ब्रह्मचारी ने कहा कि भारतीय संस्कृति के अनुसार धार्मिक आयोजन संतों के द्वारा ही होते हैं। उन्होंने कुरुक्षेत्र गीता जयंती महोत्सव के शुभारम्भ से पूर्व पर जीता जयंती के लिए अलग से आयोजन कमेटी गठन करने की घोषणा का स्वागत करते हुए कहा कि अगर संत समाज के हाथ में गीता जयंती आयोजन की व्यवस्था आएगी तो गीता जयंती का स्वरूप भव्यतम होगा। इस मौके पर जयराम संस्थान की 40 वर्षों से चली आ रही परम्परा के अनुसार परमाध्यक्ष ब्रह्मस्वरुप ब्रह्मचारी ने भगवान श्री राम के परम भक्त वीर हनुमान का आहवान कर हनुमत ध्वजारोहण किया और विधिवत मंत्रोच्चारण के साथ पूजा अर्चना करते हुए गीता जयंती महोत्सव का शुभारम्भ किया।

इस अवसर पर महामंडलेश्वर डा. स्वामी शाश्वतानंद जी महाराज, भारत साधुसमाज के प्रदेशाध्यक्ष महंत बंसी पुरी जी महाराज, षडदर्शन साधुसमाज के अध्यक्ष परमहंस ज्ञानेश्वर जी महाराज संगठन सचिव वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक व अन्य संत महापुरुषों सहित स्थानीय विधायक सुभाष सुधा, लाड़वा विधायक मेवा सिंह, पूर्व मंत्री अशोक अरोड़ा, उपायुक्त मुकुल कुमार, अतिरिक्त उपायुक्त अखिल पिलानी, सी.ई.ओ. कुरुक्षेत्र विकास बोर्ड अनुभव मेहता एवं सी.ई.ओ. जिला परिषद सुखबीर कुंडू सहित अनेक प्रशासनिक अधिकारी तथा गणमान्य नागरिक भी मौजूद थे। विद्यापीठ के मंदिरों की प्राण प्रतिष्ठा पूजन, ध्वजारोहण एवं गीता पाठ के उपरांत परमाध्यक्ष ब्रह्मस्वरूप ब्रह्मचारी ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि संत समाज के हाथ में गीता जयंती आयोजन की व्यवस्था आएगी तो आध्यात्मिक दृष्टि से बहुत विशाल होगा और इसे इलाहाबाद, उज्जैन, नासिक व हरिद्वार में होने वाले कुंभ नहीं बल्कि उससे एक कदम आगे महाकुंभ का स्वरूप देने का प्रयास किया जाएगा।

उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने ऐलान किया था कि अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव को लेकर एक अंतरराष्ट्रीय स्तर पर संस्थाओं की कमेटी गठित की जाए और सारा देखरेख वह कमेटी ही करेगी। उन्होंने कहा कि सरकार को तीर्थों की देखरेख ही नही। यहां तक कि अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव सरकार के अधीन नहीं संतों के अधीन होने चाहिए क्योंकि संत ही इस तरह के आयोजन को विराट भव्य स्वरूप दे सकते हैं। ब्रह्मचारी ने बताया कि इस सृष्टि में कोई भी मंगल एवं महान कार्य वीर हनुमान के बिना सम्पन्न नहीं किया जा सकता है। महाभारत के युद्ध में भगवान श्री कृष्ण और अर्जुन के रथ का ध्वज भी भगवान श्री राम भक्त वीर हनुमान के हाथ में ही था। रावण पर भगवान श्री राम की विजय में भी वीर हनुमान का श्रेय था। कोरोना महामारी के कारण इस वर्ष जयराम विद्यापीठ में गीता जयंती महोत्सव पर सांस्कृतिक कार्यक्रम, सामूहिक विवाह एवं भागवत कथा इत्यादि अन्य कार्यक्रम आयोजित नहीं किये जा रहे हैं। परमाध्यक्ष ब्रह्मस्वरुप ब्रह्मचारी द्वारा गुरु परम्परा के अनुसार दशकों से भी अधिक समय से हर वर्ष गीता जयंती महोत्सव के कार्यक्रमों से पहले विद्यापीठ में विधिवत मंत्रोच्चारण के साथ श्री हनुमत ध्वजारोहण किया जाता है। इस वर्ष भी चाहे भव्य कार्यक्रमों का आयोजन नहीं किया जा रहा है लेकिन परमाध्यक्ष ब्रह्मस्वरुप ब्रह्मचारी द्वारा गीता जयंती महोत्सव 2021 के लिए ब्रह्मसरोवर के तट पर श्री जयराम विद्यापीठ परिसर में विद्वान-ब्राह्मणों तथा ब्रह्मचारियों द्वारा भगवान श्री रामभक्त वीर हनुमान का गुणगान करते हुए श्री हनुमत ध्वजारोहण किया।

इस मौके पर ब्रह्मस्वरुप ब्रह्मचारी ने अपने संदेश देते हुए कहा कि संकटमोचन हनुमान से गीता जयंती परम्पराओं के निर्वहन की कामना की गई है। उन्होंने बताया कि विद्यापीठ में चार दशकों से पावन गीता के जन्मोत्सव का आयोजन किया जा रहा है। विद्यापीठ का उद्देश्य भगवान श्री कृष्ण के कर्म के संदेश को भारतवर्ष में ही नहीं विश्व के सभी घरों में पंहुचाना है। उन्होंने कहा कि आज अगर समाज के युवा वर्ग गीता के संदेश को अपने जीवन में अपना लें, तो समाज की करीब-करीब सभी बुराईयां अपने-आप ही समाप्त हो जाऐंगी। भगवान श्री कृष्ण ने गीता का संदेश केवल अर्जुन को ही नहीं बल्कि अर्जुन के माध्यम से पूरी सृष्टि के सभी प्राणियों को दिया था। ब्रह्मचारी ने बताया कि गीता जंयती महोत्सव के अवसर पर देश-विदेश के विभिन्न क्षेत्रों से भारी संख्या में लोगों के साथ-साथ अनेकों संत महापुरुष तथा समाज की अनेकों प्रख्यात हस्तियां पहुंचती हैं। उन्होंने बताया कि हरवर्ष की भांति इस वर्ष भी गीता जयंती महोत्सव 2021 के अवसर पर 2 दिसम्बर से 14 दिसम्बर तक विद्यापीठ में विद्वान ब्राह्मणों एवं ब्रह्मचारियों द्वारा गीता पाठ एवं गीता यज्ञ आयोजन होगा।

इस अवसर पर टी के शर्मा, कुलवंत सैनी, राजेंद्र सिंघल, के के कौशिक, पूर्व मंत्री देवेंद्र शर्मा, पूर्व कुलपति राधे श्याम शर्मा, श्रवण गुप्ता, टेक सिंह लौहार माजरा, खरैती लाल सिंगला, आर सी रंगा, हरि राम, राजेश सिंगला, ईश्वर गुप्ता, सुरेंद्र गुप्ता, श्री प्रकाश मिश्रा, प्रवेश राणा, यशपाल राणा, कृष्ण रल्हन, राजेश शर्मा, जगदीश शर्मा, विजय सभरवाल, कृष्ण धमीजा, सुभाष नरूला, अनिल गौरी, रणबीर भारद्वाज, मूल चंद गुप्ता, संजय गोयल, लक्ष्मी कांत शर्मा, राजेश लेखवार शास्त्री, सतबीर कौशिक, रोहित कौशिक, विवेक भारद्वाज डब्बू इत्यादि भी मौजूद थे।

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