दोषियों को बचाया जा रहा है और जांच के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति की जा रही है
सवाल – विजिलैंस विभाग द्वारा अलग-अलग दस्तावेजों में एक ही आरोपी से साक्ष्यों की रिकवरी की जगह अलग-अलग बताई गई है पर रिकवरी फिर भी नहीं हुई
डेंटल सर्जन की भर्ती के उम्मीदवारों जिनके रोल नंबर व ओएमआर शीट्स अनिल नागर के एचपीएससी कार्यालय से मिले थे, उन्हें जांच मे शामिल नहीं किया गया और न ही उनसे कोई पूछताछ की गई
मजिस्ट्रेट ने रिमांड की अवधि बढाने की मांग को खारिज भी कर दिया लेकिन खट्टर सरकार व विजिलैंस विभाग ने आरोपियों का रिमांड खारिज होने के खिलाफ कोई अपील नहीं की
आरोप – मुख्यमंत्री खट्टर ने हमेशा प्रदेश की जनता को झूठ बोला है और उन्हें बिना खर्ची-बिना पर्ची, पारदर्शिता और मैरिट का झूठा नारा देकर बरगलाया है
भाजपा के 7 साल के कार्यकाल में हुए भर्ती घोटालों समेत किसी भी घोटालों की जाँच परिणाम तक नहीं पहुंची और न ही जो असली दोषी थे वो पकड़े गए
अभय सिंह चौटाला ने कहा कि भाजपा सरकार में अब तक जितने भी घोटाले हुए हैं उन सभी की जांच हाईकोर्ट के सिटिंग जज से करवाई जाए ताकि दूध का दूध और पानी का पानी हो सके

चंडीगढ़, 30 नवंबर: इनेलो के प्रधान महासचिव एवं ऐलनाबाद के विधायक अभय सिंह चौटाला ने एचपीएससी भर्ती घोटाले की भाजपा सरकार द्वारा करवाई जा रही जांच पर सवालिया निशान लगाते हुए कहा कि दो हफ्ते के दौरान की विजिलैंस जंाच और कोर्ट में सरकार द्वारा रखे गए पक्ष को देखते हुए यह साफ हो गया है कि दोषियों को बचाया जा रहा है और जांच के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति की जा रही है। दिसंबर 2018 में एचएसएससी में हुए पैसों के बदले नौकरियों के घोटाले में भी आज तक कोई नतीजा नहीं निकला है।

अभय सिंह चौटाला ने सवाल उठाते हुए कहा कि एचपीएससी भर्ती घोटाले में विजिलैंस की जाँच में तथा अदालत के सामने पेश की गई रिमांड एप्लीकेशन में अश्विनी शर्मा, उप-सचिव एचपीएससी अनिल नागर, विजय बल्हारा व सेफडॉट ई-सॉल्यूशंस प्राईवेट लिमिटेड के नाम आरोपी के तौर पर दिए गए लेकिन विजिलैंस विभाग द्वारा अलग-अलग दस्तावेजों में एक ही आरोपी से साक्ष्यों की रिकवरी की जगह अलग-अलग बताई गई है पर रिकवरी फिर भी नहीं हुई। डेंटल सर्जन की भर्ती के उम्मीदवारों जिनके रोल नंबर व ओएमआर शीट्स अनिल नागर के एचपीएससी कार्यालय से मिले थे, उन्हें जांच में शामिल नहीं किया गया और न ही उनसे कोई पूछताछ की गई। अनिल नागर, अश्विनी शर्मा व नवीन के विजिलैंस रिमांड का समय पूरा हो गया पर इनके खिलाफ जाँच नहीं की जा रही जिस कारण जांच प्रक्रिया पर भी सवालिया निशान लग रहे हैं। मजिस्ट्रेट ने रिमांड की अवधि बढाने की मांग को खारिज भी कर दिया लेकिन खट्टर सरकार व विजिलैंस विभाग ने आरोपियों का रिमांड खारिज होने के खिलाफ काई अपील नहीं की।

हैरानी की बात है कि विजिलैंस के पास सारे सबूत होने के बावजूद विजिलैंस के एसआईटी प्रमुख ने अदालत में स्वीकार किया कि उसे आरोपियों की जाँच और दस्तावेज बरामदगी बारे कोई जानकारी नहीं है और अदालत को अनिल नागर, अश्विनी शर्मा व नवीन से हुई दस्तावेजों की बरामदगी बारे कोई भी तिथि या सबूत देने से इंकार कर दिया।

मुख्यमंत्री खट्टर ने हमेशा प्रदेश की जनता को झूठ बोला है और उन्हें बिना खर्ची-बिना पर्ची, पारदर्शिता और मैरिट का झूठा नारा देकर बरगलाया। लेकिन हकीकत इसके विपरित है जहां भाजपा के सात साल के कार्यकाल में दो दर्जन से अधिक पेपर लीक हुए वहीं कई भर्ती घोटाले हुए। नतीजा यह निकला कि भाजपा के साल साल के कार्यकाल में हुए भर्ती घोटालों समेत किसी भी घोटालों की जाँच परिणाम तक नहीं पहुंची और न ही जो असली दोषी थे वो पकड़े गए।

हकीकत यह है कि मुख्य आरोपियों को मुख्यमंत्री का आशीर्वाद प्राप्त है। भाजपा की खट्टर सरकार ने उनके कार्यकाल में अब तक हुए सभी घोटालों को बड़ी सफाई से दबा दिया और अब कमीशन के चेयरमैन, मेम्बर्स समेत सरकार में बैठे सफेदपोशों को जाँच के दायरे से बाहर रखकर बचा लिया है। अभय सिंह चौटाला ने कहा कि भाजपा सरकार में अब तक जितने भी घोटाले हुए हैं उन सभी की जांच हाईकोर्ट के सिटिंग जज से करवाई जाए ताकि दूध का दूध और पानी का पानी हो सके।

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