पंचकूला नगर निगम में भृष्टाचार की परते उजागर, ‌भृष्टाचार कम‌ होने का दावा एक शगुफा : चन्द्र मोहन

पंचकूला 28 नवंबर- हरियाणा के पूर्व उपमुख्यमंत्री चन्द्र मोहन ने कहा कि जिस प्रकार से स्थानीय लेखा निदेशालय द्वारा पंचकूला नगर निगम में भृष्टाचार की परते उजागर ‌की गई हैं उससे मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल खट्टर ‌का प्रदेश के लोगों को पारदर्शी प्रशासन देने और‌ भृष्टाचार कम‌ होने का दावा एक शगुफा सिद्ध हुआ है।

उन्होंने कहा कि प्रदेश में भृष्टाचार की गंगोत्री बह रही है। अभी हरियाणा लोक सेवा आयोग का प्रदेश के युवाओं के साथ नौकरी फार सेल देने का मामला ठंडा ‌भी नहीं हुआ है और सरकार इस घोटाले को दबाने में लगी हुई है। इसी बीच पंचकूला नगर निगम का भृष्टाचार का मामला भी उजागर हो गया है। निगम में करोड़ों रुपए का घोटाला हरियाणा विधानसभा के अध्यक्ष और ‌स्थानीय विधायक ज्ञान चंद गुप्ता की जानकारी के बिना नहीं हो सकता है।

चन्द्र मोहन ने कहा कि जिस बेदर्दी और बेरहमी से पंचकूला की गरीब जनता से ‌टैक्स के ‌रुप में एकत्रित किए गए पैसे को दोनों हाथों से पंचकूला ‌नगर निगम ‌के मेयर कुल भूषण गोयल और अधिकारियों ‌की‌ मिली ‌भगत से लूटा गया है उसका कोई ‌सानी नहीं है ।इसका ‌सरकार के ‌पास कोई भी ज़बाब नहीं है।

लेखा रिपोर्ट का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि किस प्रकार से अपने चहेतों को 51 लाख‌12 हजार रुपए का रात्रि शैल्टर बनाने के लिए बिना ई- टैन्डरिग के चण्डीगढ़ की एक फर्म बाला जी इवैन्ट मैनेजमेंट को केवल कोटेशन के आधार पर ठेका दे दिया गया। इसी प्रकार से 43 लाख 97 हजार रुपए का नुक़सान ई- कार्ट के वारटी समय से पहले ‌हुए नुकसान के रूप में झेलना पड़ा है। इसी प्रकार भूमि गत केबल बिछाने के लिए भी आपसी मिलीभगत के कारण 29‌ लाख 12‌ हजार रुपए की राशि कम वसूल की गई ‌। इस प्रकार से कुल मिलाकर करोड़ों रुपए का घोटाला किया गया है।

चन्द्र मोहन ने मांग की है कि इन सभी मामलों की तह तक जाने के लिए इसकी जांच केन्द्रीय जांच ब्यूरो ‌से करवाई जाए ताकि लोगों ‌के सामने भारतीय जनता पार्टी और नगर निगम ‌के काले कारनामों की सच्चाई ‌सामने आ सके। इसके साथ ही उन्होंने पंचकूला नगर परिषद के मेयर कुल भूषण गोयल के अविलंब त्याग ‌पत्र की ‌भी मांग की है। उन्होंने कहा कि नगर निगम ‌के भृष्टाचार के बारे में एक ज्ञापन हरियाणा के राज्यपाल को भी सौंपा जायेगा और मांग की जाएगी कि इस मामले की तह तक जाने के लिए इसकी सी बी आई से ‌जाचं की मांग भी की जाएगी क्योंकि हरियाणा सरकार की किसी भी जांच एजेंसी से‌ हरियाणा के ‌लोगों का विश्वास उठ गया ‌है।

उन्होंने कहा कि हरियाणा के राज्यपाल द्वारा भी ‌कोई कार्यवाही नहीं की गई तो मेयर का त्याग पत्र ‌लेने के लिए ‌उसके घर के बाहर प्रदर्शन किया ‌जायेगा और ‌धरना‌‌ दिया जाएगा।

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