डॉ. अंबेडकर के प्रयासों ही मिल पाया समाज के सभी वर्गों को शिक्षा का अधिकार : प्रोफेसर बी.आर. काम्बोज

संविधान दिवस के उपलक्ष्य में वेबिनार का आयोजन, शिक्षा में डॉ. अंबेडकर के विचार विषय पर वक्ताओं ने रखे विचार

हिसार : 26 नवंबर – संविधान निर्माता भारत रत्न डॉ. भीमराव अंबेडकर के अथक प्रयासों से ही समाज के सभी वर्गों को बिना किसी लिंग, जाति, धर्म व संप्रदाय आदि के शिक्षा का अधिकार मिल पाया है। वर्तमान डिजिटाइजेशन के युग में भी डॉ. अंबेडकर के विचार एवं सिद्धांत आज भी प्रासांगिक हैं। ये विचार चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय हिसार के कुलपति प्रोफेसर बी.आर. काम्बोज ने व्यक्त किए। वे संविधान दिवस के उपलक्ष्य में विश्वविद्यालय में स्थापित डॉ. अंबेडकर चेयर की ओर से आयोजित वेबिनार में बतौर मुख्यातिथि बोल रहे थे। कार्यक्रम में सेवानिवृत्त प्राचार्य डॉ. के.सी. अरोड़ा बतौर मुख्य वक्ता मौजूद रहे। इस वेबिनार का आयोजन आजादी का अमृत महोत्सव श्रृंखला के तहत किया गया जिसका विषय शिक्षा में डॉ. भीमराव अंबेडकर के विचार रखा गया था। मुख्यातिथि ने कहा कि शिक्षा व्यक्तिगत विकास की सफलता में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करती है इसलिए शिक्षा समाज के लिए प्राथमिकता होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि समाज में गरीब लोगों के पिछड़ेपन का कारण शिक्षा की कमी है। शिक्षा के बिना प्रत्येक मनुष्य अधुरा है। प्रोफेसर बी.आर. काम्बोज ने कहा कि समाज में शिक्षा के लिए डॉ. भीमराव अंबेडकर के प्रयासों को भुलाया नहीं जा सकता। उन्होंने बताया कि डॉ. भीमराव अंबेडकर के लिए देशहित ही सर्वोपरि था। इसलिए बचपन से ही इसके लिए प्रयासरत रहे। भारतीय संविधान का निर्माण भी डॉ. भीमराव अंबेडकर के अथक प्रयासों से ही संभव हो पाया था।

भारतीय शिक्षा के अग्रणी हैं डॉ. अंबेडकर : डॉ. के.सी. अरोड़ा
मुख्य वक्ता सेवानिवृत्त प्राचार्य डॉ. के.सी. अरोड़ा ने कहा कि डॉ. अंबेडकर ने अपने अथक प्रयासों व विलक्षण प्रतिभा से ही 26 से ज्यादा डिग्रियों को हासिल किया। यही कारण है कि उन्हें भारतीय शिक्षा के क्षेत्र में अग्रणी माना जाता है। डॉ. अंबेडकर के अनुसार विद्या, प्रज्ञा, करूणा, शील व मित्रता आदि गुण केवल शिक्षा से ही मिलते हैं। शिक्षा के बिना समाज, देश व प्रदेश का विकास संभव नहीं है। शिक्षा समानता व नैतिकता की रक्षा करती है। उन्होंने समाज उत्थान व संविधान निर्माण में डॉ. भीमराव अंबेडकर के प्रयासों व योगदान पर विस्तारपूर्वक चर्चा की। डॉ. अम्बेडकर चेयर के अध्यक्ष एवं मौलिक विज्ञान एवं मानविकी महाविद्यालय के अधिष्ठाता डॉ. राजवीर सिंह ने सभी का स्वागत किया। डॉ. अम्बेडकर चेयर के सचिव एवं पुस्कालयाध्यक्ष डॉ. बलवान सिंह ने इस वेबिनार के बारे में विस्तारपूर्वक जानकारी दी। डॉ. भूपेंद्र सिंह ने सभी प्रतिभागियों का वेबिनार में शामिल होने पर धन्यवाद किया। इस वेबिनार में करीब 200 प्रतिभागियों ने भाग लिया। वेबिनार में विश्वविद्यालय के अधिष्ठाता, निदेशक, विभागाध्यक्ष, कर्मचारी एवं विद्यार्थी शामिल हुए।

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