गांवों की चौपालों मे हो रही कृषि मंत्री जेपी दलाल के तूफानी दौरे की चर्चा

लोहारू/ बहल/सिवानी,24 नवंबर । सात दिन, सवा सौ गांव और हजारों की संख्या में लोगों की समस्याओं को सुनना और उनका मौके पर ही समाधान करना। यह सब रहा है कृषि मंत्री जेपी दलाल के जनसंपर्क अभियान का परिणाम,जिसकी लोहारू हलके में हर किसी की जुबान पर चर्चा है। गांवों की चौपालों में यह चर्चा आम हो रही है कि कृषि मंत्री श्री दलाल जैसा किसान, मजदूर और आमजन का हितैषी नेता कोई और नहीं हो सकता।

उल्लेखनीय है कि कोरोना काल के दौरान भी कृषि मंत्री जेपी दलाल अपने हलके में रहे और निरंतर लोगों की खैर-खबर लेते रहे। जरूरतमंद लोगों को दवा,ऑक्सीजन व बैड आदि उपलब्ध करवाए, वहीं दूसरी ओर कोरोना महामारी से किसी प्रकार का भय न मानते हुए लोगों से मिलना जारी रखा। यहां तक कि वे स्वयं भी कोरोना संक्रमित हुए, लेकिन वे जान की परवाह न करते हुए लोगों के बीच रहे।

इसी प्रकार से कपास की फसल पर टिडी दल के हमले के दौरान भी कृषि मंत्री दिनरात खेतों में रहे। उन्होंने अधिकारियों को मौके पर बुलाकर खेतों में किसानों के लिए पहरा दिया और किसानों की भलाई के लिए कृषि अधिकारियों के निरंतर निर्देश देते रहे। उस समय में कृषि मंत्री के इस कदम में हर तरफ सराहना हुई।

अब एक बार फिर कृषि मंत्री हर समय लोगों की जुबान पर आ रहे हैं। हाल ही में कृषि मंत्री श्री दलाल ने लोहारू हलके में सात दिन का तूफानी दौरा किया। अपने तूफानी दौरे में उन्होंने करीब सवा गांवों में जनसंपर्क अभियान चलाया। उन्होंने हजारों की संख्या में लोगों की समस्याएं और उनका मौके पर ही मौजूद अधिकारियों को निर्देश देकर समाधान करवाया। इतना ही कृषि मंत्री ने इस दौरान विश्व मत्स्य दिवस पर 21 नवंबर को सिवानी के कृष्ण प्रणामी धर्मशाला में प्रदेश स्तरीय कार्यक्रम का आयोजन करवाया, जिसमें विभाग के प्रधान सचिव अशोक खेमका व निदेशक धर्मेंद्र बुधवार शामिल हुए और मत्स्य पालन से संबंधित नवीनत्तम योजनाओं के बारे में जानकारी दी।

इसी प्रकार से कृषि मंत्री के निर्देश पर लोहारू के विश्राम गृह में 19 नवंबर को एसीएस देवेंद्र सिंह ने पेयजल, नहरी पानी तथा सूक्षम सिंचाई से संबंधित समस्याएं सुनी और योजनाओं की समीक्षा की। इन विभागों के आलाधिकारी भी मौजूद रहे। लोहारू हलके में मात्र एक सप्ताह के दौरान ही इतने बड़े स्तर पर कार्यक्रमों का आयोजन करवाना और लोगों से रूबरू होना, लोहारू क्षेत्र के लिए अपने आप में एक बड़ी बात रही है, जो कि चौपालों में चर्चा का विषय है।

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