जब होटल पर बिकी खाद, वह भी तय दाम से अधिक पर !

यह मामला दिल्ली-जयपुर नेशनल हाईवे पर बिनोला के निकट का.
न खाता और न बही , जितनी चाहे उतनी खाद के कट्टे की बिक्री.
खरीददार किसानों के मुताबिक 270 के बजाय वसले गए 350 रूपए

फतह सिंह उजाला

पटौदी । राज्य सरकार और राज्य सरकार के नुमाइंदे तथा मंत्री लगातार दावा कर रहे हैं कि खाद की कोई कमी नहीं और ना ही खाद ब्लैक में बिक्री हो रही है । इसके विपरीत ऐसा भी मामला  जानकारी में आया है जब यूरिया खाद का भरा ट्राला होटल पर जाकर ठहरा और यहीं पर यूरिया खाद की बेखौफ तरीके से मनमानी बिक्री भी की गई । यह मामला दिल्ली-जयपुर नेशनल हाईवे पर गांव बिनोला के निकट का है ।

जानकारी के मुताबिक बीती अलसुबह बिनोला गांव के निकट दुर्गा होटल पर एक ट्राला एचआर 47सी 0857 यूरिया खाद के कट्टों से लदा हुआ पहुंचा। इसकी जानकारी जैसे ही आसपास के रहने वाले किसानों के पास पहुंची तो किसान अपनी जरूरत के अनुसार यूरिया खाद लेने के लिए पहुंच गए। देखते ही देखते खाद खरीदने और लेने वालों किसानों के बीच में एक प्रकार से होड़ सी मची हुई देखी गई। किसानों के द्वारा 10 से लेकर 15 कट्टे यूरिया खाद के मजबूरी में खरीदे गए । इसका मुख्य कारण यूरिया खाद संकट से जूझ रहे किसानों से लदे ट्राला पर जो भी लोग मौजूद थे , उनके द्वारा किसानों से यूरिया खाद के प्रति कट्टे का 350 रूपए वसूल किया गया । किसानों की मानें तो यूरिया खाद की सरकारी कीमत 270 रू प्रति कट्ठा है । लेकिन किसानों की जरूरत और मजबूरी का फायदा उठाते हुए यहां खड़े ट्राला से यूरिया खाद के प्रति कट्ठा किसानों से 350 रूपए वसूल किए गए ।

जैसे ही इस प्रकार सरेआम सड़क किनारे होटल के सामने यूरिया खाद बिक्री किया जाने की भनक बिलासपुर पुलिस को लगी, तो मौके पर पहुंची पुलिस खाद से लदे ट्राला और चालक को अपने साथ थाना में ले आई । यहां ट्राला चालक के द्वारा बताया गया कि वह बीती रात खोरी स्टेशन से खाद के कट्टे लादकर ट्राला लेकर रवाना हुआ था । ट्राला चालक के मुताबिक यह खाद मोकलवास और पंचगांव में पहुंचाने के लिए फोन पर ही उसको निर्देश दिए गए थे । इससे अधिक ट्राला चालक के द्वारा कुछ नहीं जानकारी दी गई । वही एक किसान की माने तो उसके मोबाइल फोन पर 1000 कट्टे यूरिया और 361 कट्टे डीएपी खरीद किया जाने का मैसेज आ चुका है । जबकि वास्तव में उसके द्वारा इतनी बड़ी मात्रा में खाद की खरीद नहीं की गई है ।

अब ऐसे में सवाल उठना लाजिमी है कि जब खोरी रेलवे स्टेशन से चालक, ट्राला में यूरिया खाद के कट्टे लादकर संबंधित बिक्री केंद्र या फिर खाद के खरीददार तक पहुंचाने के लिए रवाना हुआ था। तो फिर बिनोला गांव के पास दुर्गा होटल पर किसके कहने और किस के निर्देश पर ठहर गया । इतना ही नहीं जो भी खाद मौके पर पहुंचे किसानों को बिक्री की गई , उसका बिक्री किए जाने का कोई भी लेखा-जोखा शायद ही रखा गया है । क्योंकि खाद डीएपी हो या फिर यूरिया हो,  इसकी बिक्री आधार कार्ड या अन्य कोई भी दस्तावेज किसानों के द्वारा दिखाया जाने के बाद ही निर्धारित संख्या में खाद के कट्टे उपलब्ध करवाए जा रहे हैं ।

वहीं इस मामले में पटौदी के एमएलए एवं भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश मंत्री एडवोकेट सत्य प्रकाश जरावता का कहना है कि भाजपा पटौदी मंडल अध्यक्ष कृष्ण यादव के द्वारा जानकारी दी गई कि बिनोला गांव में सड़क किनारे होटल पर एक ट्राला में खाद की बिक्री सरेआम की जा रही है । इसके बाद में संबंधित थाना क्षेत्र की पुलिस को खाद बिक्री के मामले की जांच करने के निर्देश दिए गए। एमएलए एडवोकेट जरावता के मुताबिक बिलासपुर थाना पुलिस के द्वारा खाद से लद़े ट्राला को अपने कब्जे में ले लिया गया और पुलिस के द्वारा पूरे मामले की जांच के निर्देश भी दिये गए । उन्होंने दावा किया कि डीएपी खाद की किसी भी प्रकार की कमी नहीं है । वही इस बात की भी पूरी तरह से जांच की जाएगी बिनोला गांव में होटल पर ट्राला से जो खाद की बिक्री की गई ,इस सारे खेल के पीछे कौन शामिल है।

लेकिन यहां लाख टके का सवाल यह है कि जो खाद किसानों को 270 रूपए में उपलब्ध हो रही है , उसी खाद के किसानों से प्रति कट्टा 350 रूपए  किसके कहने और निर्देश पर बिना किसी रसीद अथवा बिल के वसूल किए गए । वास्तव में जांच इस बात की होनी चाहिए , जिससे कि खाद की कालाबाजारी पर पूरी तरह से रोक लगने के साथ ही हरियाणा में गठबंधन सरकार की छवि पर किसी भी प्रकार की आंच नहीं आने पाए।

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