-कमलेश भारतीय बुंदेली मिट्टी की लोक कलाओं को आम जन तक पहुंचाना ही अब मेरा सपना । यह कहना है मुम्बई में बसी पर बुंदेलखंड के उरई की मूल निवासी लोक/भजन व गजल गायिका लता सिंह का । वे यह भी बताती हैं हिसार का जिक्र सुन कर कि वे हिसार से एक्टर यशपाल शर्मा के पड़ोस में ही रहती हैं और हिसार का जिक्र बातों बातों में होता रहता है । उत्तर प्रदेश के झांसी के निकट उरई की निवासी लता की ग्रेजुएशन तक की शिक्षा वहीं हुई और फिर एम ए संगीत राजस्थान विश्विद्यालय से किया सन् 96 से 98 तक । प्रयाग संगीत समिति से प्रभाकर व शास्त्रीय संगीत अलग से सीखा । -स्कूल काॅलेज में किन गतिविधियों में भाग लेती थीं ?-संगीत कार्यक्रमों के अतिरिक्त छात्र राजनीति में भी सक्रिय रही और महिला सशक्तिकरण के लिए काम किया क्योंकि हमारा क्षेत्र बहुत रूढ़िवादी था । -शादी कब और किससे ?-सन् 98 में एन एस डी के छात्र रहे और अब निर्देशक नारायण सिंह चौहान से । शादी के बाद एक साल तो दिल्ली में रहे और फिर मुम्बई आ गये । -दिल्ली में क्या संगीत के लिए कुछ काम किया ?-बिल्कुल । दिल्ली में कत्थक केंद्र से जुड़ कर ताज महोत्सव , नाट्यांजलि , मदुराई आदि उत्सवों में भागीदारी का अवसर मिला ।-मुम्बई में क्या कर पा रही हैं ? -पन्द्रह वर्ष तो मैं ज्यादातर विदेश में परफाॅर्म करती रही । वैसे फिल्म काजी हाउस में गीत गाया और राजस्थानी व भोजपुरी फिल्मों में भी मेरे गाने हैं । -आपके गुरु कौन ?-डाॅ वीणा श्रीवास्तव, राजेश निरंजन , मोहम्मद हुसैन, अहमद हुसैन और फिल्मों में लोकप्रिय सुदेश वाडेकर । इनसे एक वर्ष शास्त्रीय संगीत सीखा । विनय पाठक जी से शास्तीय गायन सीखा । आपकी प्रिय गायिका कौन ?-आशा भोंसले और गज़ल में मेहंदी हसन । -बच्चे कितने ?-एक बेटी अन्वि जो अठारह वर्ष की है और फिल्म मेकिंग कोर्स कर रही है । -अब क्या लक्ष्य ?-अपने बुंदेलखंड की मिट्टी की लोक कलाओं को जन जन तक पहुंचाना ही मेरा सपना ।हमारी शुभकामनाएं लता सिंह को । Post navigation दहेज से करो परहेज , दिया संदेश अब चुनाव मोड में राजनीतिक दल