• पेपर लीक को पारदर्शिता और नोटों के बदले नंबर देने को मेरिट बताती है सरकार- दीपेंद्र हुड्डा• भर्ती निकलने से पहले ही तय हो जाती है भर्ती की रेट लिस्ट- दीपेंद्र हुड्डा• भ्रष्टाचार का अड्डा बन गई हैं एचपीएससी और एचएसएससी- दीपेंद्र हुड्डा• परचून की दुकान पर सामान की तरह बची जा रही हैं नौकरियों- दीपेंद्र हुड्डा 21 नवंबर, सोनीपतः राज्यसभा सांसद दीपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा है कि बीजेपी-जेजेपी सरकार के दौरान तमाम भर्तियों में जमकर पर्ची, खर्ची, फर्जी और नोटों से भरी अटैची चल रहे हैं। इस सरकार ने तो पारदर्शिता और मेरिट के मायने ही बदल दिए हैं। खुलेआम नौकरियों की बोली लगाने, नोटों के बदले घर-घर पेपर पहुंचाने को यह सरकार पारदर्शिता बताती है और मोटी रकम लेकर नंबर देने को मेरिट बताया जाता है। इस सरकार ने पारदर्शिता को तार-तार कर दिया है। शायद ही ऐसा कोई दिन हो जब इस सरकार की भर्तियों में कोई नया घोटाला सामने ना आता हो। कभी पेपर लीक, कभी कैश फॉर जॉब, कभी खाली ओएमआर शीट, तो कभी फर्जी पेपर सॉल्वर के खुलासे हो रहे हैं। दीपेंद्र हुड्डा आज खरखौदा हल्का स्थित गांव नकलोई के नकलोई धाम मंदिर में आयोजित भंडारे में पहुंचे थे। इस मौके पर उनका जोरदार स्वागत किया गया। उन्होंने यहां माथा टेका और पूजा-अर्चना की। इसके बाद जारी बयान में उन्होंने प्रदेश में रोज सामने आ रहे भर्ती घोटालों पर अपनी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि प्रदेश में नीचे से लेकर ऊपर तक भर्ती माफिया का जाल बिछा हुआ है। भर्ती निकलने से पहले ही भर्ती की रेट लिस्ट और भर्ती होने वालों से सेटिंग हो जाती है। 5 लाख से लेकर 50 लाख तक के पैकेज बनाए गए हैं। ग्रुप-डी से लेकर एचसीएस तक हर पद का रेट तय है। सरकार अपने इस महाघोटाले पर पर्दा डालने के लिए लगातार कोशिशें कर रही है। इक्का-दुक्का लोगों पर कार्रवाई करके बड़े गड़बड़झाले दबा दिया जाता है और उच्च पदों पर बैठे हुए लोगों को बचा लिया जाता है। सांसद दीपेंद्र ने कहा कि एचएसएससी के ताबड़तोड़ घोटालों के बाद एकबार फिर एचपीएससी में भी नौकरियों की खरीद-फरोख्त का बड़ा खुलासा हुआ है। डिप्टी सेक्रेटरी जैसे पदों पर बैठे लोग परचून की दुकान पर सामान की तरह नौकरियों को बेचने में लगे हुए हैं। इससे स्पष्ट है कि इस सरकार में भर्तियां करने वाली तमाम संस्थाएं भ्रष्टाचार का अड्डा बन चुकी हैं। जब तक तमाम भर्ती घोटालों की उच्च स्तरीय जांच नहीं होती, तब तक इन संस्थाओं में व्याप्त भ्रष्टतंत्र को जड़ से उखाड़ फेंकना मुश्किल है। दीपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि सरकारी नौकरियों को खत्म करने की दिशा में आगे बढ़ रही सरकार भर्ती प्रक्रियाओं को भी ध्वस्त करने में लगी है। प्रदेश में लगातार सरकारी कर्मचारियों की संख्या घटती जा रही है क्योंकि सरकार की तरफ से इतनी भर्तियां भी नहीं की जाती, जितने कर्मचारी हर साल रिटायर हो जाते हैं। जो भी गिनी-चुनी भर्तियां की जाती हैं, उनमें जमकर भ्रष्टाचार हो रहा है। यह उन युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ है जो नौकरी पाने के लिए कई-कई बरस इंतजार, कई-कई महीने तैयारी और दिनरात पढ़ाई करते हैं। Post navigation सोनीपत की महिला रेसलर निशा उसके भाई सूरज की हत्या के मुख्य आरोपी पवन और साथी सचिन गिरफ्तार सोनीपत में प्रापर्टी डीलर की गोलियों से भूनकर हत्या