किसानों से अपील, अपना आंदोलन खत्म कर अपने घरों को लौटे- मनोहर लाल

चंडीगढ़, 19 नवंबर – हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने गुरुपर्व के शुभ अवसर पर आज प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी द्वारा तीन कृषि कानूनों को वापिस लेने की घोषणा का स्वागत करते हुए कहा कि इन कानूनों को वापिस लेने के निर्णय ने एक बार फिर प्रधानमंत्री के उदार चरित्र को दिखा दिया है और वास्तव में इस निर्णय से प्रधानमंत्री का कद और बड़ा हो गया है।

आज यहां अपने आवास पर मीडिया को संबोधित करते हुए श्री मनोहर लाल ने कहा कि लगभग सवा साल पहले केंद्र सरकार किसानों विशेषकर छोटे और सीमांत किसानों के लाभ के लिए तीन नए कृषि कानून लेकर आई थी। किसानों ने इन कृषि कानूनों का स्वागत किया था, परंतु कुछ किसानों को किसी कारणवश यह कानून लाभदायक नहीं लगे और वे किसान लगभग 11 महीनों से दिल्ली की सरहदों पर बैठे हैं । आज समाज हित, किसान हित को देखते हुए प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने इन तीन कृषि कानूनों को वापस लेने की घोषणा करके अपने उदार दिल का प्रदर्शन किया है ।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री द्वारा कृषि कानूनों को वापस लेने का निर्णय यह दर्शाता है कि जब भी जनकल्याण की बात आती है, तो वह जनता के हित को सर्वोपरि रखते हुए इस तरह के निर्णय लेने से भी पीछे नहीं हटते हैं और उन्होंने आगामी संसदीय सत्र में इन कानूनों को वापस लेने की घोषणा की है। मैं मानता हूं कि इस निर्णय से वास्तव में उनका कद और बड़ा हो गया है। 

दिल्ली की सीमाओं पर बैठे किसानों से आग्रह करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि वे अपना धरना तुरंत खत्म करें और अपने घरों को लौट जाएं। इस आंदोलन से आम आदमी को भी काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। अब इस मुद्दे के प्रति सकारात्मक रवैया अपनाया जाना चाहिए।

किसानों द्वारा एमएसपी से संबंधित मांगों पर मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री ने कहा है कि इस संबंध में जल्द ही एक कमेटी का गठन किया जाएगा, जिसमें किसानों के प्रतिनिधि, राज्यों सरकारों के प्रतिनिधि और वैज्ञानिक भी शामिल होंगे। मुझे उम्मीद है इस संबंध में भी निर्णय जल्द ही लिया जाएगा।

किसान अब परेशान न हों, प्रधानमंत्री के प्रति विश्वास बनाए रखें

किसानों के खिलाफ दर्ज मामलों को वापस लेने के संबंध में पूछे गए एक सवाल के जवाब में श्री मनोहर लाल ने कहा कि जिस मामले में आपसी समझ बनती है तो कई विषयों पर विचार किया जाता है। कुछ मामले सामान्य होते हैं जबकि कुछ गंभीर धाराओं में भी दर्ज किए जाते हैं। अब अपनी ओर से भी सार्थक पहल की जाएगी और किसी भी प्रकार के विवाद को आगे नहीं बढ़ने दिया जाएगा।

उन्होंने कहा, ‘‘हरियाणा को इस आंदोलन के बड़े प्रभाव का सामना करना पड़ा है और इस एक वर्ष के दौरान मैंने प्रधानमंत्री, वरिष्ठ नेताओं और यहां तक कि किसान यूनियन के साथ भी कई बैठकें की हैं। प्रारंभ में इस मुद्दे पर किसानों के साथ 11 औपचारिक बैठकें हुई थी। इसके बाद, कई अनौपचारिक बैठकों भी हुई और केंद्र को इन बैठकों के संदेश भी साझा किये गए। मुझे लगता है कि हमारे द्वारा किए गए प्रयासों ने भी आज लिए गए इस निर्णय में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।’’

किसान यूनियनों द्वारा प्रधानमंत्री के प्रति अविश्वास दिखाने के संबंध में एक प्रश्न का उत्तर देते हुए कहा मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री द्वारा आज की गई घोषणा पर निश्चित रूप से मिली-जुली प्रतिक्त्रिया मिली है। कुछ ने इसके लिए उनकी सराहना की है, जबकि अन्य अभी भी संतुष्ट नहीं हैं। उन्होंने कहा कि किसानों से आग्रह करूंगा कि वे अब चिंता न करें और प्रधानमंत्री की घोषणा  पर भरोसा रखें।

श्री मनोहर लाल ने कहा कि विपक्ष ने भी प्रधानमंत्री पर भरोसा दिखाया है, लेकिन अगर अभी भी कुछ लोग अफवाहें फैला रहे हैं और इस कल्याणकारी निर्णय पर अविश्वास दिखा रहे हैं तो यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है।

इस फैसले को चुनाव से जोड़ना तर्कसंगत नहीं

प्रधानमंत्री द्वारा इन कानूनों को वापिस लिए जाने की घोषणा के संबंध में एक अन्य प्रश्न के उत्तर में श्री मनोहर लाल ने कहा कि यह फैसला एकदम से नहीं लिया गया है। इस पर काफी समय से बातचीत चल रही है और काफी समय से चल रहे गतिरोध को देखते हुए किसान हित में यह निर्णय लिया गया है। इस फैसले को चुनाव से जोड़ना तर्कसंगत और न्यायसंगत नहीं है। चुनाव आते हैं और चले जाते हैं। निश्चित तौर पर प्रधानमंत्री ने यह फैसला करके बड़ा दिल दिखाया है। उन्होंने एक बार फिर साबित कर दिया है कि वह आम आदमी के नेता हैं।

सरकार ने हमेशा किसानों के हित में कदम उठाए हैं

श्री मनोहर लाल ने कहा कि हरियाणा में किसानों के कल्याण के लिए सरकार ने कई कदम उठाए गए हैं। चाहे हर टेल तक पानी की पहुंच सुनिश्चित करना हो, न्यूनतम समर्थन मूल्य पर फसलों की खरीद, जल संरक्षण योजनाओं के कार्यान्वयन, फसल खराबे की मुआवजे की राशि में वृद्धि, मृदा परीक्षण प्रयोगशालाओं को खोलना इत्यादि। हरियाणा ने निश्चित रूप से अन्य राज्यों के लिए विभिन्न किसान-हितैषी निर्णय लेने के लिए एक उदाहरण स्थापित किया है।

मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर राज्य के लोगों को कार्तिक पूर्णिमा और गुरु नानक देव जी के प्रकाश पर्व की बधाई और शुभकामनाएं दी।

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