मधुरतम प्रेमरस का छलकता हुआ सागर है श्रीमद्भागवत : शुकदेव आचार्य।

वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक

कुरुक्षेत्र, 13 नवम्बर :- दुखभंजन महादेव मंदिर में कार्तिक मास के उपलक्ष्य में जनकल्याणार्थ श्रीमद्भागवत कथा का शुभारंभ शुक्रवार सायं शोभायात्रा के साथ हुआ। यह कथा 19 नवम्बर तक प्रतिदिन दोपहर 3 से सायं 6 बजे तक चलेगी।कार्यक्रम में कलशधारी महिलाओं की भव्य शोभायात्रा आयोजित की गई, जो मंदिर से आरंभ होकर संपूर्ण सन्निहित सरोवर की परिक्रमा करके पुन: कथा स्थल पहुंची। कथा के यजमानों ने सर्वदेव एवं भागवत पूजन करके कथावाचक पंडित शुकदेव आचार्य को तिलक लगाया।

भागवत प्रवचनों में शुकदेवाचार्य ने कहा कि श्रीमद्भागवत महिमा से भगवद भावपूर्ण पारमहंस्य ज्ञान-सुधा- सरिता की बाढ़ आ रही है, जिसमें सकाम कर्म, निष्काम कर्म, साधन- ज्ञान, प्रेमा भक्ति व मर्यादा-मार्ग आदि सभी का परम रहस्य बड़ी ही मधुरता के साथ भरा हुआ है। यह भगवान के मधुरतम प्रेमरस का छलकता हुआ सागर है। इसी से भावुक भक्तगण इसमें सदा अवगाहन करते हैं। कथा के बीच-बीच में गायक मुरारी भार्गव द्वारा सुनाए गए भजन हरि नाम हरदम लिए जा-लिए जा, हरि नाम लेलो सहारा मिलेगा-मानुष जन्म न दुबारा मिलेगा….पर श्रद्धालु मंत्रमुग्ध हुए।

भागवत आरती में आचार्य विनोद मिश्र, आचार्य नरेश कौशिक, पं. सुशील शास्त्री,सुरेन्द्र कंसल धुरी (पंजाब), दीपक शर्मा, कंवरसैन वर्मा, जगन्नाथ शर्मा,कांति कौशिक, वीरभान शर्मा, सुरेश शर्मा,ज्ञानचंद सैनी चनारथल,प्रेम मदान, अशोक आश्रि, गोपाल शर्मा, सी.एल. बजाज, अजय ठाकुर, विजय ठाकुर, अनुराधा पाठक,कांता आश्रि,सुषमा शर्मा व कुसुम गान्धी सहित बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने भाग लिया।

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