प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने भारतीय राज्यों को विदेशों से व्यापार, वाणिज्य, शिक्षा, पर्यटन, कला व संस्कृति को बढ़ावा देने में भारतीय राज्यों को स्वतंत्र अधिकार दिए हैं। इससे राज्यों के लिए विभिन्न क्षेत्रों में प्रगति के नए रास्ते खुले हैं : राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय चण्डीगढ़, 7 नवम्बर – प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने भारतीय राज्यों को विदेशों से व्यापार, वाणिज्य, शिक्षा, पर्यटन, कला व संस्कृति को बढ़ावा देने में भारतीय राज्यों को स्वतंत्र अधिकार दिए हैं। इससे राज्यों के लिए विभिन्न क्षेत्रों में प्रगति के नए रास्ते खुले हैं। यह बात हरियाणा के राज्यपाल श्री बंडारू दत्तात्रेय ने रविवार को राजभवन में उनसे मिलने पहुंचे सात देशों के राजदूत, उच्चायुक्त व प्रतिनिधियों से बातचीत में कही। इस विदेशी प्रतिनिधिमंडल समूह में फिजी के उच्चायुक्त श्री कमलेश शशि प्रकाश, पैपवा न्यू गुनिया के उच्चायुक्त मि. पाॅलियास कार्नि ओबे, कोर्मोस संघ के महा पार्षद मि. के.एल गंजु, बुर्किना फासो के काउंसल मामलों के हेड श्री काॅलीबेली डी.हर्बे, प्रिंसीपतो डी. सेबोरगा (वेस्ट ऐटिका) के प्रतिनिधि मि. एच.वी. जैन, मिश्र एम्बेसी के प्रतिनिधि मुस्तफा एफ सेखों तथा नाईजर के मुस्तफा ऐबोबकार डय्ोरी व ग्लोबल ट्रेड एण्ड टेक्नोलॉजी काउंसिल आॅफ इंडिया के एक दर्जन से भी अधिक प्रतिनिधि शामिल थे। जिनमें देश की विभिन्न नामचीन कम्पनियों के अध्यक्ष व उच्चाधिकारी उपस्थित थे। इस मुलाकात के दौरान राज्यपाल श्री बंडारू दत्तात्रेय ने सभी प्रतिनिधियों का स्वागत किया और कहा कि इस प्रकार के बड़े स्तर के दौरों, बैठकों व मुलाकातों से देश के साथ-साथ राज्यों के साथ भी विदेशों के सम्बन्ध और प्रगाढ़ होंगे। जिससे एक दूसरे राज्यों और देशों के बीच व्यापार, कृषि, कला संस्कृति, शिक्षा, पर्यावरण व अन्य क्षेत्रों में प्रगति होगी। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार द्वारा विदेशी मामलों में भारतीय राज्यों को मिली स्वतंत्रता से अब राज्य विदेशों के साथ सीधे एम.ओ.यू. और समझौते कर पाएंगे। राज्यों के इस प्रकार के सम्बन्ध स्थापित होने से लोग एक दूसरे देशों व राज्यों की संस्कृति, परम्पराओं, जलवायु तथा भौगोलिक स्थिति से अवगत होंगे। श्री दत्तात्रेय ने कहा यह कि यह मुलाकात भारत सहित हरियाणा के सम्बन्धों को और घनिष्ट बनाने के साथ-साथ सभी देशों महत्वपूर्ण सिद्ध होगी। उन्होंने 1999 में अपनी कीनिया की यात्रा का उदाहरण देते हुए कहा कि उस समय कीनिया में आयोजित हुए सम्मेलन में 20 देशों ने भाग लिया था। सबसे बातचीत करने का मौका मिला। इससे जानकारी हुई कि सभी देशों की सभ्यता और संस्कृति और परंपराओं एक दूसरे से मेल खाती है। उन्होंने महात्मा गांधी और नेल्सन मंडेला की विचारधारा का उदाहरण भी दिया और कहा कि जिस विचारधारा से महात्मा गांधी ने संघर्ष किया उसी रास्ते पर चल कर नेल्शन मंडेला ने संघर्ष किया। राज्यपाल श्री दत्तात्रेय ने कहा कि पैसिफिक देशों और हरियाणा के बीच सहयोग की अपार संभावनाएं हैं। उच्च शिक्षा से लेकर कौशल विकास तक, आईटी सक्षम सेवाओं से लेकर खाद्यान्न विकास तक, हरियाणा सभी देशों के साथ साझेदारी करने के लिए हर स्थिति में काम करने के लिए तैयार है। हरियाणा इन क्षेत्रों के साथ-साथ आॅटोमोबाईल, फूड प्रोसेसिंग, डेयरी उत्पाद में सभी पैसीफिक व अफ्रीकी देशों की मदद करने में आगे बढ़कर कार्य करेगा। इस अवसर पर राज्यपाल श्री दत्तात्रेय ने सभी राजदूतों, उच्चाुक्तों तथा ग्लोबल ट्रेड एण्ड टैक्नोलोजी कांउसिल ऑफ इण्डिया के पदाधिकारी प्रतिनिधियों को स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया। Post navigation विज्ञान और प्रौद्योगिकी की नई तकनीकों का प्रयोग कर कृषि व सम्बन्धित क्षेत्रों में और अधिक विकास किया जा सकता है : राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय जब नौकरियां नही है तो इस कथित आरक्षण लालीपोप का औचित्य ही क्या है ? विद्रोही