सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट के गंदे पानी से जोहउ़ बने आसपास के खेत.
खेतों में एक् सप्ताह पहले ही की गई है गेहूं की फसल की बिजाई.
सोमवार को किसान करेंगे पटौदी-कुलाना के बीच महचाना रोड जाम.
सीएम खट्टर के खास पूर्व मंत्री नरबीर के खेत भी गंदे पानी में डूबे

फतह सिंह उजाला

पटौदी। भाजपा नीत सरकार किसान और कृषि हित के दावे करते हुए किसान सम्मान निधि राशि भी खातों में उपलब्ध करवाने की बात कर रही है । लेकिन किसान अपनी फसलों की बिजाई के लिए किस हद तक परेशान है ? यह धरातल पर ही देखा जा सकता है ।

पटौदी विधानसभा क्षेत्र के जाटोली इलाके में किसानों के लिए अपनी सरसों और गेहूं की फसल की बिजाई करना कतई भी संभव नहीं रह गया। किसानों ने सीधे-सीधे हरियाणा सरकार, सरकार के मंत्रिमंडल और सत्ता पक्ष को चुनौती दी है कि हिम्मत है तो जाटोली में महचाना सड़क पर एसटीपी प्लांट के पास उनके खेतों में फसल की बिजाई करके दिखाएं ? जी हां हकीकत यही है कि एसटीपी सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट का पानी प्लांट की दीवार से ट्यूबेल की तरह कूदते हुए बराबर के खेतों में इस हद तक भर चुका है कि यहां पर किसी भी प्रकार की फसल की बिजाई करना मौजूदा सीजन में तो संभव ही नहीं रह गया। खेतों में इस समय औसतन 2 फुट तक सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट का गंदा बदबूदार मल-मूत्र युक्त पानी हिलोरे ले रहा है ।

पीड़ित किसान राधेश्याम , राजेश, राकेश, निर्मल , जोगिंदर उर्फ कालू के मुताबिक जब बाजरे की फसल खेतों में खड़ी थी, उस समय भी सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट की दीवार से पानी बाहर आकर बाजरे की फसल को पूरी तरह चौपट कर गया था । बाजरा की फसल की नुकसान की भरपाई के लिए आज तक गिरदावरी भी नहीं की । इसके बाद में बाजरा के दाम भी नहीं मिले, अब जब बारी आई की सरसों या फिर गेहूं की बिजाई कर ली जाए तो अपने अपने खेतों में सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट का गंदा पानी भरने से रोकने के लिए किसानों के द्वारा अपने अपने खेतों मैं जेसीबी से मिट्टी की खुदाई करवाकर अस्थाई रूप से बांध भी बनवाने का काम किया गया । इतना सब कुछ होने के बावजूद सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट का पानी प्लांट के बराबर में ही मौजूद किसानों के खेतों में तालाब के रूप में भर गया है । सूत्रों के मुताबिक सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट के बिल्कुल साथ सीएम मनोहर लाल खट्टर के सबसे विश्वसनीय और लाडले पूर्व पीडब्ल्यूडी मंत्री राव नरबीर सिंह की कृषि भूमि बताई गई है और अब मजे की बात यह है की पूर्व मंत्री और भाजपा के नेता के खेत में ही सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट के गंदे पानी का ही तालाब बन चुका है ।

इस जमीन को बंटाई और उगाही पर लेकर गेहूं की बिजाई करने वाले जटोली निवासी जोगिंदर उर्फ कालू ने बताया एक सप्ताह पहले ही गेहूं की बिजाई की गई थी । लेकिन गुरुवार और शुक्रवार को सारी मेहनत पर पानी फिर गया और हजारों रुपए का नुकसान भी हुआ है। बड़ी मुश्किल से डीएपी खाद लाकर खेत तैयार किया गया , उसके बाद में महंगे भाव का गेहूं का बीज खरीद कर बिजाई की गई । लेकिन जन स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के नकारे पन के कारण सारी मेहनत चौपट हो गई और जिस प्रकार से यहां पर सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट का गंदा पानी भरा हुआ है, इस सीजन में तो किसी भी फसल की बिजाई संभव ही नहीं है । इसी प्रकार से भुगत भोगी किसान राधेश्याम ने बताया की उनके खेतों में सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट का गंदा पानी नहीं भरे , इसके लिए जेसीबी मंगवा कर अपने ही खेत में मिट्टी की खुदाई करवाकर अस्थाई रूप से मजबूरी में बांध बनाना पड़ा है । इससे पहले उनकी बाजरे की पूरी फसल सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट के गंदे पानी के कारण पूरी तरह से बर्बाद हो चुकी है और इस मामले की शिकायत विभाग के अधिकारियों के साथ साथ पटौदी एसडीएम को भी की हुई है। मौके पर मौजूद किसान राजेश, राकेश , निर्मल व अन्य का भी आरोप है कि हेलीमंडी नगरपालिका के चुने हुए जनप्रतिनिधि अपने ऐसे राजनीतिक आकाओं को जो कि सांसद हैं और केंद्र में मंत्री बने बैठे हैं , उनको केवल खुश करने के लिए इस प्रकार की योजनाओं को इसके साइड इफेक्ट को बिना ध्यान में रखें उद्घाटन करवा देते हैं। जिसका खामियाजा छोटे छोटे गरीब काश्तकार किसानों को भुगतना पड़ रहा है और मंत्रियों की नजर में पालिका के प्रतिनिधि वाहवाही लूटते रहते हैं ।

बीते दिनों हेली मंडी में आए डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला के सामने भी सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट सहित हेली मंडी इलाके से सीवरेज के पानी की निकासी की सही प्रकार से व्यवस्था नहीं होने का मुद्दा उठाया गया था। वही सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट के आसपास बर्बाद हो रही किसानों की फसलों वन विभाग के नष्ट हो चुके हरे भरे पेड़ों तथा सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट के बगल में ही कॉलेज परिसर की गिरी दीवार तथा कालेज में वन विभाग के द्वारा लगाए गए अनेक पेड़ों के नष्ट होने के मामले की गंभीरता को देखते हुए उन्होंने समस्या के समाधान के लिए ठोस योजना बनाने के निर्देश दिए थे और आश्वासन दिया था कि 6 माह में इस समस्या का स्थाई समाधान भी करवा दिया जाएगा।  वही पटौदी के एसडीएम प्रदीप कुमार की मांने तो जाटोली कालेज के बराबर में मौजूद सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट का पानी नजफगढ़ ड्रेन में डालने का प्रपोजल बनाकर जिला प्रशासन के पास भेजा जा चुका है ।

इधर पीड़ित और प्रभावित किसानों का दो टूक कहना है कि सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट की दीवार से ट्यूबवेल की तरह पानी बाहर आकर बिजाई की गई फसल के नुकसान की भरपाई अविलंब जन स्वास्थ्य एवं अभियांत्रिकी विभाग या संबंधित अधिकारियों से करवाई जाए। इसके साथ ही अब जो फसल पैदा हो सकती थी और उसका जो मुनाफा मिलता उसका भी आकलन कर कर किसानों को बिना किसी देरी किए नुकसान की भरपाई एडवांस में ही करवाई जाए । वही किसानों का यह भी कहना है कि जिस प्रकार से खेतों में एसटीपी प्लांट की दीवारों से पानी टयूबवेल की तरह कूदकर भर रहा है , उससे यही लगता है कि यहां निर्माण कार्य में भी बेहद घटिया सामग्री का इस्तेमाल किया गया है । यही कारण है की दीवार से पानी टयूबवेल की तरह कूदकर खेतों में भर रहा है । एसटीपी प्लांट के आसपास के किसानों के मुताबिक खेतों में पानी नहीं भरे , इसके लिए अपने खेतों की ही मिट्टी सीवर ट्रीटमेंट प्लांट की दीवार के साथ में लगाकर पानी को खेतों में आने से रोकने के लिए भी किए गए तमाम प्रयास नाकाम ही साबित हो रहे है।

किसानों ने सीधे-सीधे चेतावनी देते हुए कहा है कि रविवार तक हरियाणा सरकार और पटौदी सहित जिला प्रशासन के द्वारा खेतों में भरे पानी को नहीं निकाला गया और भविष्य में पानी नहीं भरे इसके ठोस प्रबंध नहीं किए गए तो सोमवार को पटौदी-कुलाना के बीच में महचाना मोड़ रोड पर जान लगाया जाएगा, इसके लिए पूरी तरह से हरियाणा सरकार पटौदी प्रशासन जन स्वास्थ्य एवं अभियांत्रिकी विभाग तथा संबंधित विभाग के मंत्रियों की ही जवाबदेही होगी । अब देखना यह है की किसानों के लिए स्थाई समस्या और संकट बन चुका सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट से किसानों को किस प्रकार से राहत और छुटकारा दिलवाया जा सकेगा।

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