गुरुग्राम: दिल्ली, एनसीआर में खतरनाक वायु प्रदूषण से जन जीवन में स्वास्थ्य संकट पैदा हो गया है और इस विकट समस्या का निदान कैसे करें यह हमारे समाज के सामने सबसे बड़ी चुनौती है। हाल ही में वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) ने 450-500 का निशान पार कर लिया है, जो समान्य स्तरों से बहुत अधिक खतरनाक स्तर पर है। उच्च जोखिम वाले लोग जिन्हें अतिरिक्त सावधानी बरतने की आवश्यकता है, जिनमें ब्रोन्कियल अस्थमा या ब्रोंकाइटिस के इतिहास वाले लोग सह-रुग्णता के साथ 65 वर्ष से अधिक आयु के लोग और जिनके फेफड़े कोविड या एलर्जी से प्रभावित थे, शामिल हैं। मैक्स अस्पताल, गुरुग्राम में आंतरिक चिकित्सा विभाग के वरिष्ठ निदेशक एवं चिकित्सा सलाहकार डॉ.आशुतोष शुक्ला ने बताया कि प्रदूषण जिन दिनों अधिक हो, आपके लिए सबसे सही उपाय प्रदूषित हवा से खुद को बचाना है। महामारी के बीच फेस-मास्क पहनना एक दिनचर्या बन गई है और यह प्रदूषण के प्रभाव से बचने में भी मददगार है। घर, ऑफिस और अपनी कार में एयर प्यूरीफायर का इस्तेमाल करें। अत्यधिक प्रदूषण के दौरान खिड़कियां और दरवाजे बंद रखें। कुछ इनडोर पौधों का उपयोग करें जो हवा को शुद्ध करते हैं जैसे मनी प्लांट, एरेका पाम, फिलोडेंड्रोन, पीस लिली, ड्रैकेना, बोस्टन फर्न और एलोवेरा। लोगों को अपने क्षेत्रों में प्रदूषण के स्तर के बारे में सूचित और इस चरण के दौरान अतिरिक्त सतर्क रहने की आवश्यकता है, क्योंकि दिल्ली एनसीआर में खराब एक्यूआई में एक सप्ताह के बाद ही सुधार होने की संभावना है। आंखों में जलन, पानी आना और लाल होना, नाक बंद रहना, नाक बहना, बार-बार छींक, सिरदर्द, सांस फलना, खांसी, छाती में भारीपन जैसे लक्षणों से आप समझ सकते हैं कि हवा की गुणवत्ता में गिरावट आई है और इससे बचने की जरूरत है। ये लक्षण कितने गंभीर होंगे यह प्रदूषण के स्तर, एक्सपोजर (प्रत्यक्ष सामना) और निजी स्वास्थ्य की स्थिति पर निर्भर करेगा। परिवेश में प्रदूषण की अधिकता से दिल का दौरा, स्ट्रोक और सीओपीडी का खतरा भी बढ़ता है। Post navigation शनिवार को जिला में वैक्सीनेशन 72 टीकाकरण केन्द्रों पर लगेगी कोविशिल्ड की पहली व दूसरी डोज विधायक ने पार्क का जार्णोद्धार, मूर्ति स्थापना कर बांटा अन्नकूट का प्रसाद