धर्मपाल वर्मा

मुदिता शर्मा

चण्डीगढ़ – पंचकूला क्षेत्र में सक्रिय कांग्रेस की नेत्री और समाज सेविका मुदिता शर्मा ने 1 नवंबर को हरियाणा दिवस के उपलक्ष में हरियाणा सरकार मतलब मुख्यमंत्री द्वारा की गई घोषणाओं और उपलब्धियों पर सवाल उठाते हुए कहा है कि सरकार खुद ही अपनी पीठ बेशक थपथपा रही हो लेकिन व्यवहार में अनेक ऐसी चीजें सामने आ रही हैं जो सरकार के दावों को खोखला साबित करती हैं ।उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने अपने वक्तव्य में महिला और बाल विकास स्वास्थ्य जैसे विभागों पर ऐसा कुछ संदेश नहीं दिया जो सरकार की गंभीरता को परिलक्षित करता हो। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य और शिक्षा ऐसे विभाग हैं जिन में सरकार की भूमिका अहम रहती है और नागरिकों के लिए यह दोनों विभाग बहुत महत्त्व रखते हैं। उन्होंने कहा कि इस समय प्रदेश में डेंगू का प्रकोप जगह-जगह देखा जा रहा है ।इस संदर्भ में मुख्यमंत्री ने कोई ऐसी घोषणा नहीं की जिससे नागरिक संतुष्ट हो सके । उन्होंने कहा कि आशा वर्कर हो या कोविड-19 के दौरान काम करने वाले स्वास्थ्य कर्मी, सभी की समस्याएं अभी यथावत बनी हुई है । उनके उत्साहवर्धन को लेकर जो घोषणाएं की गई उनका क्रियान्वयन बीच में ही लटका हुआ है।

उन्होंने कहा कि सरकार बिना खर्ची बिना पर्ची सरकारी नौकरी देने की बात तो कर रही है लेकिन यह भूल रही है कि जनता ने लगभग प्रत्येक परीक्षा में पेपर लीक होते देखे हैं । बेशक सरकार ने कानून बना दिया हो लेकिन इन परिस्थितियों में भी कर्मचारी चयन आयोग को भंग करने की मांग उठ रही है। उन्होंने कहा कि 1 साल होने जा रहा है और सरकार किसान आंदोलन को गंभीरता से नहीं ले रही है। शिक्षा के क्षेत्र में गरीबों की बात करें तो प्राइवेट स्कूलों में गरीब और जरूरतमंद छात्र-छात्राओं की निशुल्क पढ़ाई की व्यवस्था के 134ए नियम में कई और औपचारिकताएं जोड़ कर इसे जटिल बना दिया गया हैं जो गलत है।

उन्होंने कहा कि हरियाणा की गठबंधन सरकार सरकार केवल कागजी घोषणाओं के लिए मशहूर होती जा रही है नौकरशाह सरकार पर हावी हैं और इससे बुरी बात क्या हो सकती है कि सत्ता पक्ष के विधायक भी शिकायत करते हैं कि अफसर हमारी सुनते ही नहीं और मुख्यमंत्री उन्ही अफसरों को एक एक गांव सौंप कर उन्हें संरक्षक बनाने की बात कर रहे है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस की सरकार में 9 वर्षों में हरियाणा में तत्कालीन मुख्यमंत्री चौधरी भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने जिस तरह से प्रदेश का चहुमुखी और जनता का सर्वांगीण विकास किया, मौजूदा सरकार को उसका अनुसरण करना चाहिए और श्री हुड्डा से समय-।समय पर सलाह ले लेनी चाहिए। उन्होंने कहा कि पंजाब में मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने बिजली के बिलों की दरों में ऐतिहासिक राहत देने का काम किया है ।इसलिए हरियाणा में भी इस तरह के काम होने चाहिए जिससे जनसामान्य को राहत मिल सके। उन्होंने कहा कि प्रतिदिन पेट्रोलियम उत्पादों गैस और दैनिक उपयोग की चीजों के दामों में इस तरह से वृद्धि हो रही है कि जनता प्रदेश और केंद्र सरकार को पानी पी पी कर कोसने को मजबूर हो रही है ।

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