डीएपी की किल्लत सरकार की लापरवाही की वजह से निर्मित है जय किसान आंदोलन के नेत्रत्व ने लगातार पांचवे वर्ष किया मंडियों का दौरा हरियाणा सरकार द्वारा लाई गई नई भावांतर योजना के माध्यम से किसानों को प्रति क्विंटल ₹200 – रु300 का कम से कम नुकसान हो रहा है जय किसान आंदोलन की संस्थापक योगेंद्र यादव व हरियाणा प्रदेश प्रवक्ता संदीप यादव ने आज मंडी का दौरा किया। योगेंद्र यादव ने 5 अक्टूबर 2021 को के मुख्यमंत्री को चिट्ठी लिखकर इस होने वाले नुकसान के बारे में आगाह किया था और सरकार से मांग की थी कि भावांतर मूल्य को ₹600 से बढ़ाकर ₹1000 किया जाए ताकि किसान को होने वाले नुकसान से किसान को बचाया जा सके। एक तरह से msp 2250 से घट कर 2000 रह गयी और हरियाणा के बाजरा किसान को 250 से 300 करोड़ का नुकसान हुआ है। सरसों की बिजाई के समय किसानों की जरूरत में आने वाला डीएपी खाद नहीं मिल रहा है जिसके कारण महिलाएं, बुजुर्ग नौजवान सब परेशान है घर का काम छोड़ कर, खेती का काम छोड़ कर। किसान रात में 1 बजे, 2:00 बजे आकर लाइनों में खड़े हो जाते हैं आज हरियाणा सरकार ने मजबूर किया है किसानों को लाइनों में खड़ा होने के लिए आज किसानों में खाद समय पर न मिलने का डर और सरसों की फसल की अच्छी पैदावार ना होने की शंका सताए जा रहा है सरकार को अंदाजा था कृषि विभाग और कृषि मंत्री को भी पता था कितने डीएपी की जरूरत पड़ेगी कितना हमारे पास स्टॉक में है उसके बावजूद इस सरकार ने ध्यान नहीं दिया समय पर इम्पोर्ट का ऑर्डर नही दिया ये सरकार निर्मित संकट है। जय किसान आंदोलन के प्रदेश प्रवक्ता संदीप यादव ने बताया। जय किसान आंदोलन के नेताओं ने रेवाड़ी, कनीना, अटेली, नारनोल की मंडी का आज दौर किया। इस मंडी यात्रा के दौरान कल भिवानी की मंडियों का दौरा करेंगे। युधवीर सिंह अहलवात – प्रदेश अध्यक्ष जय किसान आंदोलन हरियाणा ने बताया इस यात्रा में राष्ट्रीय अध्यक्ष अविक शाह और राष्ट्रीय उपाध्यक्ष दीपक लंबा व जिले के पदाधिकारि शामिल थे Post navigation षड्यंत्र के तहत दिया गया कठिन पेपर: अभय सिंह चौटाला इस दीपावली एक दीया अन्नदाता के नाम का भी जलाएं – दीपेंद्र हुड्डा