ऐसा सोच समझ कर किया गया ताकि साधारण और ग्रामीण पृष्ठभूमि के योग्य युवाओं को चयन प्रक्रिया से बाहर किया जा सके
विज्ञापन में साफ तौर पर लिखा था कि लिखित परीक्षा में सवालों का मापदंड 12वीं पास परीक्षा की योग्यता के अनुरूप होगा
लेकिन – भर्ती परीक्षा में हयिाणा का सामान्य ज्ञान, हरियाणा की भौगोलिक, सामाजिक एवं राजनैतिक परिस्थिति, भारतीय दंड संहिता, मौलिक एवं मानवाधिकारों और सामाजिक समरसता से जुड़े विषयों के बजाय एमए, पीएचडी स्तर की मैथमैटिक्स, बोटनी, जूलोजी, अंतर्राष्ट्रीय इतिहास और सामान्य ज्ञान जैसे बेहद कठिन विषयों में से प्रश्र पूछे गए

चंडीगढ़, 1 नवम्बर: इनेलो प्रधान महासचिव अभय सिंह चौटाला ने हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग द्वारा 5500 पुलिस कॉन्सटेबल (पुरूष)की भर्ती परीक्षा में पूछे गए सवालों पर हैरानी जताते हुए कहा कि भाजपा सरकार ने हरियाणा प्रदेश के युवाओं के साथ भद्दा मजाक किया है। उन्होंने कहा कि  प्रदेश के लाखों युवा आज नौकरी की तलाश में बैठे हैं लेकिन भाजपा सरकार उन्हें नौकरी देने की बजाय कभी पेपर लीक कर और कभी पेपर कै ंसिल करके उनसे बार बार नौकरी के फार्म भरवा कर करोड़ों रूपए लूट रही है। इस बार भी कॉन्सटेबल (पुरूष)की भर्ती परीक्षा में करीब नौ लाख युवाओं ने फार्म भर कर आवेदन किए।

अभय सिंह चौटाला ने कहा कि कॉन्सटेबल (पुरूष) की भर्ती परीक्षा में पूछे गए सवाल प्रदेश के साधारण और ग्रामीण पृष्ठभूमि के योग्य युवाओं के खिलाफ षड्यंत्र है। सवाल इतने कठिन दिए गए थे कि आईएएस की परीक्षा में भी इतने मुश्किल सवाल नहीं पूछे जाते। इससे साफ पता चलता है कि ऐसा सोच समझ कर एक षड्यंत्र के तहत किया गया ताकि साधारण और ग्रामीण पृष्ठभूमि के योग्य युवाओं को चयन प्रक्रिया से बाहर किया जा सके और फिर पैसे लेकर नौकरी देने का खेल खेला जा सके। इसके अलावा जब इस भर्ती का विज्ञापन जारी किया गया था तब उसमें साफ तौर पर लिखा हुआ था कि लिखित परीक्षा में सवालों का मापदंड 12वीं पास परीक्षा की योग्यता के अनुरूप होगा। लेकिन पेपर में ऐसा कुछ नहीं दिखा और जो प्रश्र दिए गए वो इतने कठिन थे कि आईएएस अधिकारी भी उसे हल नहीं कर पाएगा।

विज्ञापन के अनुसार पुलिस कॉन्सटेबल (पुरूष) की भर्ती परीक्षा में हयिाणा का सामान्य ज्ञान, हरियाणा की भौगोलिक, सामाजिक एवं राजनैतिक परिस्थिति, भारतीय दंड संहिता, मौलिक एवं मानवाधिकारों और सामाजिक समरसता से जुड़े विषय होने चाहिए थे लेकिन पेपर देख कर यह साफ हो जाता है कि परीक्षा का स्तर 12वीं पास परीक्षा की योग्यता के अनुरूप न होकर एमए, पीएचडी स्तर की मैथमैटिक्स, बोटनी, जूलोजी, अंतर्राष्ट्रीय इतिहास और सामान्य ज्ञान जैसे बेहद कठिन विषयों में से प्रश्र पूछे गए हैं। अभय सिंह चौटाला ने पूरे प्रकरण की न्यायिक जांच की मांग करते हुए कहा कि हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग को तुरंत भंग किया जाए।

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