Category: हिसार

ज़िंदगी के दौर से उखड़ा अर्जुन बना सफल मनोवैज्ञानिक, मिला पुरस्कार

-कमलेश भारतीय ज़िदगी के दौर से उखड़े अर्जुन गुप्ता आज एक सफल युवा मनोवैज्ञानिक बन कर मेरे सामने थे । एक खुशमिजाज नौजवान, सफलता में झूमते हुए मिला, जिसे बैंगलोर…

चुनाव की तिजोरी से क्या निकलेगा ?

-कमलेश भारतीय जैसे कभी समुद्र मंथन हुआ था-देवताओं और राक्षसों के बीच, क्या वैसा ही मंथन हो रहा है सभी राजनीतिक दलों के बीच चुनाव की तिजोरी को लेकर? आज…

मोक्षाश्रम से स्टार वृद्धाश्रम तक ……..

-कमलेश भारतीय हिसार में समाजसेविका श्रीमती पंकज संधीर वर्षों से मोक्षाश्रम बिना किसी स्वार्थ, पद या किसी भी गोपनीय इच्छा या लालसा के बिना ही चला रही हैं । आश्रम…

प्राकृतिक न्याय के सिद्धांत के विरुद्ध, संवैधानिक अधिकारों का उल्लंघन …….

बुलडोजर न्याय: प्रशासनिक दक्षता और संवैधानिक अधिकारों के बीच टकराव हाल ही में, सर्वोच्च न्यायालय ने संविधान के अनुच्छेद 142 के अंतर्गत संपत्ति के विध्वंस के लिए दिशा-निर्देश स्थापित किए,…

जनहित के लिए संगठन को अधिक से अधिक मजबूत करना ही सदस्यता अभियान का मकसद : मोहनलाल कौशिक

-सरकार के ऐतिहासिक कार्यों को जनता तक पहुंचाकर उन्हें योजनाओं का लाभ दिलाने में भी मदद कर रहे भाजपा कार्यकर्ता- -चुनाव के समय निष्ठा बदलने वालों को पटका पहनाकर नहीं…

जनता के जनादेश को समझकर उसे पचाना सीखें कांग्रेस : मोहनलाल बड़ौली

-खाद व एमएसपी पर कांग्रेस कर रही दुष्प्रचार, चुनाव में कांग्रेस को जनता ने दिया करारा जवाब- बडौली हिसार/चंडीगढ़, 17 नवंबर। भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष मोहनलाल बड़ौली ने…

प्रस्तावित परिसीमन से भारत के संघीय ढांचे को खतरा

परिसीमन उच्च-विकास वाले राज्यों की ओर शक्ति को झुका सकता है, जिससे उच्च कुल प्रजनन दर वाले उत्तरी राज्यों को संघीय मामलों में अधिक नियंत्रण मिल सकता है। बिहार और…

किसान खाद व फसल की बिक्री के लिए कतारों में : सैलजा

-कमलेश भारतीय किसान आज खाद लेने व फसल की बिक्री के लिए कतारों में लगा है। यह बहुत बड़ी असफलता है हरियाणा सरकार की ! भाजपा इससे पहले दस साल…

महिला अधिकारी सत्ता की मारीं ?

–कमलेश भारतीय क्या दबंग पुलिस अधिकारी भी सत्ता के मारे, सताये होते हैं? जी हां, होते हैं और ताज़ातरीन उदाहरण है हिमाचल की महिला पुलिस अधिकारी इल्मा अफरोज का, जिसे…

प्रेस दिवस विशेष : पक्षपातपूर्ण रिपोर्टिंग प्रेस की गरिमा के लिए खतरनाक ………

राजनीतिक हस्तक्षेप के चलते राजनेताओं और मीडिया घरानों के बीच सांठगांठ के परिणामस्वरूप अक्सर पक्षपातपूर्ण रिपोर्टिंग होती है और असहमति की आवाज़ों का दमन होता है। धमकियाँ और हमले: पत्रकारों…

error: Content is protected !!