Category: विचार

घरेलू कामगारों की अहमियत कब समझेंगे हम?

इनकी असुरक्षा और हीनता की भावनाएँ किसी के लिए मानवीय दृष्टिकोण वाली क्यों नहीं है —-प्रियंका सौरभ. रिसर्च स्कॉलर इन पोलिटिकल साइंस,कवयित्री, स्वतंत्र पत्रकार एवं स्तंभकार घरेलू कामगारों की बात…

प्रधानमंत्री का कॉलर पकड़ने की आजादी से शुरू हुआ सफर यहां तक पहुंच गया है कि आप कौन होते हैं सवाल पूछने वाले?

अशोक कुमार कौशिक बात उन दिनों की है जब देश को ताजा ताजा आजादी मिली थी। एक महिला ने संसद परिसर में नेहरू का कॉलर पकड़कर पूछा, “भारत आज़ाद हो…

महिलाएं हुई बेहाल: सुरक्षा कानूनों के तहत कोई सुरक्षा नहीं, काम पर पड़ा बुरा प्रभाव

कोविद -19 लॉकडाउन ने महिलाओं के लिए रोजगार की उपलब्धता को लगभग कम कर दिया है और देखभाल के काम का बोझ बढ़ गया है। — डॉo सत्यवान सौरभ, कोरोनावायरस…

ये पार्टियां नहीं हैं जागीर किसी की ?

-कमलेश भारतीय पंजाब के एक नये राजनीतिक घटनाक्रम के चलते पूर्व केंद्रीय मंत्री सुखदेव सिंह ढींडसा ने नयी पार्टी बना ली लेकिन नाम वही रखा -शिरोमणि अकाली दल । यानी…

धार्मिक दुकानों, मृत्युभोज और महंगी शादियां पर लगे प्रतिबन्ध

(अब हम सभी को ऑल इन वन धार्मिक स्थलों की आवश्यकता है) – — —-प्रियंका सौरभ रिसर्च स्कॉलर इन पोलिटिकल साइंस,कवयित्री, स्वतंत्र पत्रकार एवं स्तंभकार, कोरोना महामारी ने जहाँ पूरी…

पुलिस में काली भेड़ों से नुक्सान

–कमलेश भारतीय पुलिस किसी भी प्रदेश की हो , सबमें काली भेड़ें मिलने की समय समय पर सूचनाएं आती रहती हैं । आतंकवाद के दिनों में पंजाब में ऐसे ही…

चोर की मां को मारो न कि मकान गिराओ

-कमलेश भारतीय यूपी के गैंगस्टर विकास दुबे का किलानुमा आलीशान मकान पीले पंजे वाली मशीन से यूपी सरकार के आदेश से तोड़ दिया गया । इससे क्या होने वाला है…

भारतीय सेना की तरह पुलिस पर भरोसा क्यों नहीं है?

—-प्रियंका सौरभ देश भर में हम आये दिन पुलिस द्वारा हिरासत में लिये गए लोगों की मृत्यु और यातना की घटनाों को सुनते हैं जिसके फलस्वरूप पुलिस की छवि पर…

भारतीय सभ्यता-संस्कृति,का प्रचार-प्रसार करने में स्वामी विवेकानंद जी का विशेष योगदान

4 जुलाई 2020. दुनिया में भारतीय सभ्यता-संस्कृति का प्रचार-प्रसार करने वाले महान संत स्वामी विवेकानंद जी की 118वीं पुण्यतिथि पर स्वयंसेवी संस्था ग्रामीण भारत के अध्यक्ष एवं हरियाणा प्रदेश कांग्रेस…